Shameful: कहां गई इंसानियत? अफसरों के सामने ही जिंदा जल गई मां-बेटी, लेखपाल पर कुल्हाड़ी से हमला…जानिए पूरा मामला?

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कानपुर: उत्तरप्रदेश के कानपुर से दिल को झकझोर कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां कानपुर देहात के मैथा तहसील की मड़ौली पंचायत के चाहला गांव में झोपड़ी के भीतर मां-बेटी की जिन्दा जलकर मौत हो गई. हैरत की बात ये है कि जब यह घटना घटित हुई तो उस वक्त पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की टीम वहां मौजूद थी.

इस पूरे मामले में मृतकों के परिजनों ने गांव के कुछ लोगों पर झोपड़ी में आग लगाने का आरोप लगाया है. वहीँ इस घटना से आक्रोशित लोगों ने एक लेखपाल पर कुल्हाड़ी से भी हमला कर दिया। फिर अफसरों की टीम को दौड़ा लिया। भीड़ का गुस्सा देख टीम के अन्य लोग भाग खड़े हुए। बाद में गुस्साए लोगों ने एसडीएम, रुरा इंस्पेक्टर, तहसीलदार व लेखपाल समेत गांव के 10 लोगों पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग करते हुए शवों को नहीं उठने दिया। देर रात तक मंडलायुक्त और आईजी, डीएम लोगों को समझाने में जुटे रहे।

जानिए पूरा मामला?
सोमवार को जनसुवाई में डीएम नेहा जैन से मड़ौली गांव के कुछ लोगों ने ग्राम समाज की भूमि पर गांव के ही कृष्ण गोपाल दीक्षित उर्फ राघव का कब्जा होने की शिकायत की। इस पर डीएम ने एसडीएम को कार्रवाई के निर्देश दिए। दोपहर तीन बजे एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल अशोक, राजस्व व रुरा इंस्पेक्टर के साथ मौके पर पहुंचे।

राजस्व विभाग की टीम ने बुलडोजर से कब्जा हटना शुरू किया। तभी अचानक वहां बनी कृष्ण गोपाल की झोपड़ी में आग लग गई। घर में मौजूद कृ्ष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला (54) और बेटी शिवा (22) लपटों के बीच फंस गईं। उन्हें बचाने दौड़े कृष्ण गोपाल व रुरा इंस्पेक्टर दिनेश गौतम झुलस गए। इस बीच मां-बेटी के जिंदा जलने से गुस्साए परिवार व गांव के लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया।

लेखपाल अशोक सिंह पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। कब्जा हटाने पहुंची टीम के अन्य लोगों ने अपने वाहनों को वहीं छोड़कर मौके से भागकर जान बचाई। इसके बाद लोगों ने एसडीएम मैथा, तहसीलदार लेखपाल व गांव के 10 लोगों पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग शुरू कर दी।

पुलिस को मां-बेटी के शव नहीं उठाने दिए। मंडलायुक्त डॉ.राजशेखर, आईजी प्रशांत कुमार, डीएम नेहा जैन व एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने लोगों को मामले में कार्रवाई का भरोसा देकर समझाने का प्रयास किया। लेकिन देर रात तक लोगों ने शव नहीं उठने दिया।

झोपड़ी में आग लगाने का आरोप- शवों के अंतिम संस्कार से इनकार
कृष्ण गोपाल दीक्षित का कहना है कि टीम के कब्जा हटाने के दौरान गांव के कुछ लोगों ने झोपड़ी में आग लगा दी। पत्नी प्रमिला और बेटी शिवा भीतर सो रही थी। आग से दोनों जिंदा जल गईं। आरोप है कि राजस्व विभाग की टीम ने कब्जा हटाने के दौरान हैंडपंप और धार्मिक चबूतरा भी तोड़ डाला है। राजस्व व पुलिस अफसरों के साथ ही गांव के कुछ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज न होने तक शवों का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

डीएम की सफाई- मां-बेटी ने खुद को बंद कर झोपड़ी में लगाई आग
डीएम नेहा जैन ने बताया कि कृष्ण गोपाल का ग्राम समाज की गाटा संख्या 1642 की जमीन पर कब्जा था। गांव के लोगों की शिकायत पर एसडीएम को मामले की जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। एसडीएम पुलिस की टीम के साथ कब्जा हटवाने गए थे। तभी मां-बेटी वहां बनी झोपड़ी में भीतर गईं और खुद को आग लगा ली। झोपड़ी से लपटें निलकती देख रुरा इंस्पेक्टर व कृष्ण गोपाल ने दोनों को बचाने के प्रयास में दोनों झुलस गए। पूरे मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।