छत्तीसगढ़ में सुपर CM सौम्या चौरसिया कब होगी रिहा ? अटकलों का बाजार गर्म, झारखंड में आठ महीने बाद जेल से रिहा हुईं निलंबित IAS पूजा सिंघल का होगा रिकॉर्ड ब्रेक या सौम्या को बेल ?

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रांची / रायपुर : छत्तीसगढ़ और झारखण्ड में सरकारी बैनर तले रोजाना करोडो रूपए कमाने वाले अफसरों को ED अपनी वैधानिक कार्यवाही के जरिये सबक सिखा रही है। दोनों ही राज्यों में उसने बड़ी कामयाबी के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी मुहीम छेड़ी है। झारखण्ड कैडर की मनी लॉन्ड्रिंग और मनरेगा घोटाले में आरोपी निलंबित आईएएस पूजा सिंघल को लेकर खबरे आ रही है। बताया जाता है कि बुधवार को रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल से पूजा सिंघल रिहा हो गयीं है। वह पूरे आठ महीने बाद जेल से बाहर आयी हैं।

बुधवार को कोर्ट का आदेश जेल पहुंचने के बाद शाम होते – होते सारी प्रक्रिया पूरी कर पूजा सिंघल को रिहा कर दिया गया। उनके पति उन्हें रिसीव करने पहुंचे थे। इस दौरान पूजा सिंघल के अधिवक्ता ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार फिलहाल झारखंड से बाहर रहेंगी। पूजा सिंघल की जमानत पर रिहाई के साथ ही छत्तीसगढ़ की सुपर CM सौम्या चौरसिया की रिहाई आखिर कब होगी ? इसे लेकर कई सरकारी दफ्तरों में माथापच्ची शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ के तो मंत्रालय में सौम्या की रिहाई को लेकर कुर्सी के नीचे से चल रहे सरकारी प्रयासों की चर्चा भी खूब हो रही है। 


बताया जाता है कि सौम्या की स्वामी भक्ति में लीन कई अफसरों ने बिलासपुर हाईकोर्ट के रोस्टर पर अपनी निगाहें गड़ा दी है। उन्हें सुरक्षित अवसर की तलाश है। आपदा में अवसर तलाशने वाले कई अफसर सुपर CM की रिहाई की नींव रख रहे है। बताया जाता है कि आरोपी सौम्या का चालान दो फरवरी के पूर्व ED अदालत को हर हाल में सौंप देगी। लिहाजा सौम्या के करीबी दिन और वक्त गिन – गिन कर गुजार रहे है। ताकि जल्द से जल्द उनकी जमानत याचिका दाखिल की जा सके। इसके लिए देश भर के कई योग्य वकीलों का पुकारा भी हो रहा है। बताते है कि नेता जी के रुख को देखते हुए कई विश्वासपात्र अफसरों को मैडम सौम्या की जमानत – रिहाई की चिंता सताने लगी है। उन्हें भरोसा है कि चालान पेश होते ही मुख्यमंत्री सचिवालय में लुफ्त हुई बहार फिर लौट आएँगी। जबकि कुछ अफसरों को लगने लगा है कि सौम्या मैडम पूजा सिंघल का भी रिकॉर्ड ब्रेक करेगी। 


बताते है कि यही हाल नेता जी के उन शुभचिंतकों का भी है, जिनकी जुबान पर नेता जी को दागी अफसरों से बचाए रखने का जुमला अक्सर सुनाई देता है। ऐसे स्वयंभू सत्ता के भागीदार सौम्या की जल्द रिहाई की दुहाई दे रहे है। वही ऐसे भी लोग है, जिन्हे इस बात की चिंता हो रही है कि मैडम यदि जेल से बाहर आई तो फिर वही चार दिन की चांदनी और फिर अँधेरी रात जैसी दास्तान शुरू हो जाएगी। फिर सत्ता और सरकार पर साजिशो और राजनीति में अपराधीकरण का आरोप लगेगा। यह वर्ग उम्मीद बांधे हुए है कि ED जरूर सबूतों से भरा वो काला चिट्ठा पेश करेगी जो आरोपी सौम्या चौरसिया की जल्द जमानत वाले फार्मूले पर पानी फेर देगा। 


इधर मंत्रालय और पुलिस मुख्यालय में भी कई टेबलों पर आरोपी सौम्या चौरसिया की जमानत आखिर कब ? और बाकियों को उनके ठिकानों में कब ? भेजे जाने को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है। बताते है कि कई आईएएस और आईपीएस अधिकारी भ्रष्टाचार के आरोपियों को अधिक से अधिक दिनों तक जेल में देखना चाहते है। उनका मानना है कि सरकारी सरंक्षण में सुनियोजित आर्थिक भ्रष्टाचार नौकरशाही की सबसे बड़ी समस्या है। लिहाजा ऐसे प्रकरणों में अभियोजन को आरोपियों को जल्द जमानत का विरोध किया जाना चाहिए। ताकि विवेचना प्रभावित ना हो। कई अफसर मानते है कि ED के आरोपी काफी प्रभावशील है। सरकार में उनकी तूती बोलती है। लिहाजा ऐसे आरोपियों से ED के गवाहों के प्रभावित होने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता। हालांकि इन अफसरों को भी उम्मीद है कि सौम्या के जेल से जल्द रिहा होने के आसार अभी दूर – दूर तक नहीं है। 

वही जेल के भीतर से बाहर आ रही खबरों पर भरोसा करे तो महिला जेल के विशेष कक्ष में बंदियों जैसा जीवन गुजार रही एक प्रभावशील महिला के बारे में बताया जा रहा है कि अब उसका सब्र जवाब देने लगा है। सूत्र बताते है कि कई बार एक कक्ष से किसी के चीखने – चिल्लाने और गाली – गलौज की आवाजे सुनाई देती है। यह आवाज उन्हें जानी – पहचानी प्रतीत होती है। चूँकि उस कक्ष की ओर जाना वर्जित है, इसलिए महिला जेल प्रहरियों के कदम कुछ फासले ही आगे तय कर एक खास स्थान पर थम जाते है। बताते है कि कक्ष के करीब ”एक एक को देख लुंगी” छोडूंगी नहीं साले को, मुझे जल्द बाहर नहीं निकाला तो ठीक नहीं होगा, एक – एक को नंगा कर दूंगी। समेत ऐसे ही कई असंसदीय और अमर्यादित भाषा किसी महिला की आवाज में सुनाई पड़ती है। उन्हें अंदेशा है कि शायद कोई मोबाईल फ़ोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस मामले में एक वर्दीधारी महिला अधिकारी का नाम सुर्खियों में है। 

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नाम और पहचान न जाहिर करने की शर्त पर जेल के सूत्र बता रहे है कि चार साल की सत्ता का जश्न मनाने वाले कई नेताओं को एक महिला आधी रात मोटी – मोटी गलियां देती है। गाहे – बगाहे उसकी गाली – गलौज आधी रात होते ही जेल की चारदीवारी में गूंजने लगती है। बताते है कि यह किसी रासायनिक क्रिया का असर भी हो सकता है। चूँकि स्टेट गेस्ट की तर्ज पर उपलब्ध कराये गए सर्व सुविधा युक्त परिसर में भोगविलास की कई वस्तुएं भी उपलब्ध है, ऐसे में रासायनिक द्रव्य भी सहज उपलब्ध होने से इंकार नहीं किया जा सकता। जबकि कुछ लोगो का मानना है कि तंत्र – मन्त्र में विश्वास और अघोरियों से जादू – टोना कराए जाने के मामले में भी यह महिला खूब चर्चित रही है। इसलिए हो सकता है कि समय काल और परिस्थिति के अनुसार उसकी भी गृह दशा बदल रही है, इसका असर इस महिला के मस्तिष्क पर पड़ रहा हो। लिहाजा उसकी ऐसी हरकतें कभी तनाव के चलते तो कभी जोश में होश खो बैठने के चलते भी सामने आ सकती है।



 बताते है कि इन दिनों जेल में भी तांडव कर रही इस महिला से अधिकारी तंग आ चुके है। उनका मानना है कि नेता जी एक बार हरी झंडी तो दिखा दें, वास्तव में मैडम को जेल के सुख से रूबरू करा देंगे। हालांकि यहाँ आवाजाही करने वाले कई लोगो के जरिये यह सूचनाएं भी मिल रही है कि किसी महिला बंदी के लिए अच्छे साइकेट्रिस की तलाश शुरू हो गई है। फ़िलहाल रायपुर के शंकर नगर इलाके में निवासरत एक चर्चित साइकेट्रिस से इस महिला की मानसिक हालत साझा की गई है। सूत्र बताते है कि सम्बंधित डॉक्टर ने उन्हें तनाव और ईर्ष्या से दूर रहने के साथ – साथ कुछ दवाओं का माइल्ड डोज दिया है। अब जेल में पदस्थ डॉक्टरों की देख – रेख में मानसिक रोगियों को दी जाने वाली टेबलेट का स्वाद हंगामा कर रही इस महिला को भी दिया जा सकता है।  

छत्तीसगढ़ में सुपर CM सौम्या चौरसिया समेत सरकार की गोद में बैठकर आर्थिक अपराधों को अंजाम देने वाले ED के आरोपियों की जेल में ऐश की खबरे जोरो पर है। आरोप लग रहा है कि जेल प्रशासन उन्हें फाइव स्टार सुविधाएँ मुहैया करा रहा है। रोजाना मुलाकातियों का ताँता लगा हुआ है। खाने – पीने से लेकर ऐशो – आराम की कई वस्तुएं उपलब्ध कराइ गई है। जबकि उन बेरको की निगरानी करने वाले CCTV कैमरे हटा लिए गए है। आरोपियों को रजाई, तकिया, गद्दे – पलंग और मच्छरदानी समेत कई प्रतिबंधित वस्तुएं उपलब्ध कराइ गई है। इन आरोपों की पुष्टि और हकीकत जानने के लिए न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने जेल अधिकारियो और विभागीय मंत्री ताम्रध्वज साहू से भी सम्पर्क किया। लेकिन सौम्या चौरसिया का नाम सुनते ही जिम्मेदार अफसरों के स्टाफ ने कन्नी काट ली। उम्मीद की जा रही है कि जेल प्रशासन और राज्य सरकार ED के आरोपियों की जेल में स्थिति को लेकर हकीकत बयां करेगा।