रायपुर : छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निर्देशालय में हथियारों से लैस अजनबियों से दहशत का माहौल है। एक और जहाँ ED दफ्तर में संदेहियों से पूछताछ का दौर जारी है,वही वैधानिक कार्यवाही को लेकर कई चर्चित उद्योगपति, कारोबारी, नेता और अफसरो की यहां नियमित आवाजाही हो रही है। इस बीच हथियारों की नुमाइश चर्चा में है। ED दफ्तर जिस परिसर में संचालित होता है, वहां नीचे से लेकर ऊपरी फ्लोर तक कई कंपनियों के कार्यालय भी है। बताते है कि इस परिसर में रोजाना हजारो लोगो और वाहनों की आवाजाही होती है। लेकिन यहां लोगो का संगीनों के साये में गुजर रहा वक्त लोगो की बेचैनी बढ़ाने लगा है।
बताते है कि ED दफ्तर में केंद्रीय सुरक्षा बलों की मौजूदगी के बावजूद कई PSO, सरकारी और प्राइवेट सुरक्षा गार्ड एवं अन्य संदिग्ध अपने हथियारों से लैस होकर लगातार चहल कदमी कर रहे है, उनकी गतिविधियों से यहां आवाजाही करने वाले नागरिको को अपनी जान जोखिम में नजर आने लगी है। हथियारबंद लोगो के बीच उन्हें लगातार अपना कार्य करना पड़ रहा है।
न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ की फैक्ट फाइल में सामने आया कि हथियारों से लैस जवान न तो अपनी पहचान जाहिर कर रहे है, और न ही उनके इर्द-गिर्द कोई ऐसा VIP मौजूद है, जिनकी हिफाजत में वे यहां तैनात हो। ED दफ्तर में सुरक्षा में तैनात CRPF के वर्दीधारी जवानो की पहचान तो लोगो को बड़ी आसानी से हो रही है, लेकिन उन लोगो के करीब से गुजरने में भी उनकी सांसे फूल रही है, जिनकी कमर में पिस्टल लटकी है, यहां नजर आ रहे कई संदिग्धों ने तो अपनी जींस और सफारी शूट में पिस्टल ऐसे अंदाज में भी फंसाया है कि लोगो को उसके दर्शन आसानी से हो सके।
हथियारों के जखीरो को देखकर आम लोगो का दहशत में आना सामान्य घटना हो लेकिन ऐसे हथियारों का बे रोक टोक प्रदर्शन कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित करने के लिए पर्याप्त नजर आया। ED दफ्तर में लोगो को ऐसे संदिग्धों से जान का खतरा दिखाई देने लगा है, जो बगैर किसी ठोस वजह के हथियारों से लैस है।
न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने ED दफ्तर और उसके आस-पास के इलाके का जायजा लिया। नजर आया कि ED दफ्तर के सामने हिस्से में, बालकनी के चारो ओर कई हथियारों से लैस PSO और अज्ञात जवान आवाजाही कर रहे। यहां तैनात कोई PSO चाय-पानी और खाने-पीने की वस्तुओ के प्रबंध में जुटा है, तो कोई मौके पर मोबाईल पर बतियाता दिखाई दिया।
हैरानी तो ऐसे PSO को देखकर हुई, जिनकी कमर पर पिस्टल तो हाथो में बीपी शुगर मशीन, खून चैक करने की निडिल, इंजेक्शन और ऐसे ही कई मेडिकल उपकरण भी नजर आये। हथियारबंद ज्यादातर PSO भृत्य का कार्य करते नजर आये।
रायपुर के ED दफतर के पोर्च, फ्लोर और सीढ़ियों तक में कोई न कोई हथियारबंद नौजवान PSO के रूप में दिखाई दिया। इसके अलावा मैदान और सड़क तक भी कई अज्ञात गाड़ियों और संदेहियों की चहल कदमी देखी गई। यहां वाहनों की कतार में भी कई वाहन थे, जिस पर सवार शख्स भी हथियारबंद दिखाई दिए। प्रदेश की CG सीरीज के वाहनों के अलावा दूसरे राज्यों की नंबर प्लेट वाली गाड़ियां भी नजर आई। ऐसे वाहनों में सवार कुछ एक शख्स कैमरा देखते ही अपने अस्त्र-शस्त्र और चेहरे भी छिपाते देखे गए।
ED दफ्तर के निकट पेड़ो की छाँव तले, तो कही चाय पान की होटलो में भी सुबह से लेकर देर शाम तक कई तरह के PSO का जमावड़ा लगा रहा। ताज्जुब हुआ कि मौके पर मौजूद पुलिस स्टाफ ने न तो किसी PSO और उनके हथियारों की वैधानिक स्थिति की पड़ताल की और न ही उसके सार्वजानिक प्रदर्शन पर कनूनी गाइडलाइन का पालन कराया। अलबत्ता इलाके के थानेदार ही कई संदिग्धों के सीधे संपर्क में नजर आये। उनके साथ मौजूद कुछ संदिग्धों की नजर कैमरे में पड़ते ही वो तो नौ दो ग्यारह हो गए, लेकिन मौके की वीडियोग्राफ़ी से उनके होश फाख्ता नजर आये। कैमरे में कैद स्थानीय थाना प्रभारी लखन पटेल की कार्यप्रणाली बेहद हैरान करने वाली नजर आई।
कई संदिग्धों और अज्ञात PSO की वीडियोग्राफ़ी से थानेदार साहब का चेहरा लाल पीला होने लगा, फिर बदहवास हालत में वे कैमरे के संपर्क में आये। सिर पर टोपी नहीं, संवेदनशीलता और वैधानिक जवाबदारियों से परहेज करते हुए थानेदार साहब ने पहले तो कैमरे से बचने की भरपूर कोशिश की लेकिन कैमरे की जद में आते ही उनकी कार्यप्रणाली भी देखते ही देखते सामने आ गई।उन्होंने संदिग्धों की वीडियोग्राफ़ी तत्काल रोके जाने के लिए भरपूर दबाव बनाया। फिर हथियारों से जुडी खबर ना करने की हिदायत देते हुए,संदिग्धों का वीडियो फुटेज डिलीट करने की गुहार भी लगाईं।
बहरहाल, ED का क्षेत्रीय मुख्यालय इन दिनों काफी संवेदनशील है, इस सार्वजनिक स्थल पर हथियारों के सार्वजनिक प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिए स्थानीय थाने की कोई भूमिका नजर नहीं आने पर कई कारोबारियों ने हैरानी जताई। कैमरे में कैद इस थानेदार के रोजनामचों को लेकर चौकाने वाले दांवे है।
बताते है कि इसके पूर्व भी अदालत परिसर में ED की कुख्यात आरोपी सौम्या चौरसिया का न्यूज़ कवरेज रोकने के लिए इस थानेदार ने कई वरिष्ठ पत्रकारो को उनका कार्य करने से रोका था। फ़िलहाल संदिग्धों के खेमे में नजर आये थानेदार की कार्यप्रणाली सुर्ख़ियों में है।