VIDEO: एक विवाह ऐसा भी, जहाँ सास, माँ बन बहू को दूसरे लड़के के साथ किया विदा , समाज के लिए पेश की अनूठी मिशाल |

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किशोर साहू {Edited By:ऋतुराज वैष्णव }

बालोद / अक्सर आपने सुना और देखा होगा की एक घर की बेटी जब दुसरे के घर डोली में बैठ विदा होती है तो उसे ससुराल में बेटी नहीं बल्कि बहू का दर्जा दिया जाता  है , और एक बहू का दर्जा देकर ही रिश्ते, नाते जोड़े जाते है | लेकिन आज हम आपको एक एसी सास और बहू के बारे में बतलाने जा रहे जो समाज  के लिए एक नई सोच को जागृत की है | बालोद जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायत हीरापुर की रहने वाली चम्पा बाई साहू के पति सालों पहले ही स्वर्ग को सिधार गए | तब से घर परिवार की पूरी जिम्मेदारी चम्पा बाई के ऊपर आ गई | चम्पा बाई अपने बेटे डोमेन्द्र साहू का रिश्ता ग्राम खुन्दनी निवासी लोकेश्वर साहू की लड़की ज्ञानेश्वरी साहू से रिश्ता जोड़ 20 अप्रेल 2017 को पूरी रितिरिवाज के साथ शादी सम्पन्न कर अपने घर बहू बनाकर लाई थी | पूरा परिवार हसिखुशी जीवनयापन कर रहे थे | इसी बिच दो साल पहले एक वैवाहिक कार्यक्रम के दौरान कुदरत की नियति ने एक माँ से बेटा और एक पत्नी से उनका सुहाग छीन लिया | तब से लेकर  चम्पा बाई की बहू अपने ससुराल में विधवा की जीवन जी रही थी | 

बेटे की मौत के बाद सास ने कभी भी अपनी बहू को बहू नहीं बल्कि एक बेटी मान कर अपने साथ रखा | उसे अपनी बहू का यह दर्द देखा नहीं जा रहा था , और जब सास ने बहू को बेटी माना था तो यह अहसास भी था कि कब तक बहू(बेटी) अकेली विधवा की जीवन जीते रहेगी | क्यों ना उसे  दोबारा व्यवाहिक जीवन जीने का मौका देकर उसके कल को सवारा जाए | यही सोच के साथ जब सास माँ बन दोबारा बहू की घर बसाने का फैसला किया , तो लड़की के  माता-पिता, बहू के परिवार और समाज ने सास चम्पा बाई की फैसले की सराहना करते हुए बहू के लिए लड़के की बात आगे बढ़ाई …तो ग्राम पंचायत साल्हे निवासी कोमल साहू से परिवार का सम्पर्क हुआ…दूल्हा कोमल साहू का भी उसकी पत्नी से सालों पहले तलाक हो गया है | वही कोमल की दो लड़की है…दोनों परिवार आपस में चर्चा कर रिश्ता तय किये …जहाँ  शुक्रवार 24 मई को पुरे परिवार, समाज, गाँव वाले सहित लड़के पक्ष शामिल होकर एक दुसरे का परिणय सूत्र में बंधने का साक्षी बन अपना आशीर्वाद दिए…जहाँ बहू की विदा कर सास की आँख भर आई और आँखों में ख़ुशी भी थी की उनकी बहू(बेटी) की घर दोबारा बस गई !

दरअसल इस विवाह से एक विधवा लड़की और लड़के का घर  दोबारा बस गया, तो वही इस विवाह से दो लड़कियों को माँ मिल गई…जिसे पाकर वो बेहद खुश नजर आ रही है…तो वही इस दुल्हन के पिता जो कभी अपने बेटी को दुल्हन बना विदा की आज दोबारा बेटी का घर बसने से खुश है उनकी माने तो हर समाज के लोगों इस तरह पहल कर अकेली जीवनयापन कर रहे लड़के-लड़कियों का भविष्य सवारने आगे आना चाहिए जैसे आज उनकी बेटी की जिन्दगी दोबारा सवर गई….यही नहीं इस पहल को समाज और ग्रामीण भी स्वीकार करते हुए चम्पा बाई की सोच की तारीफ़ कर रहे है!      

बहरहाल एक बहू के प्रति एक सास की जिम्मेदारी और सोच ने समाज को एक  नया आईना दिखाया है…जहाँ कुछ समाज के जयचंदों ने अपने आपको को समाज का रखवाला बता विधवाओं का घर बसाने या दोबारा घर बसने का विरोध कर रोड़ा पैदा करते है…जरूरत है हर समाज को की ऐसे पीड़ितो को दोबारा मुख्यधारा से जोड़ उनके उज्ज्वल भविष्य को सवारे ।

https://youtu.be/Pf1QMtHQP7E