यूपी चुनाव 2022: पांचवें चरण की 61 सीटों पर वोटिंग जारी, राजा भैया समेत दांव पर 693 उम्मीदवारों की किस्मत

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लखनऊ| उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण का मतदान रविवार की सुबह सात बजे से शुरू हो गया. पांचवें चरण में 12 जिलों की 61 सीटों के लिए वोटिंग हो रही है. इस चरण में यूपी के डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य अमेठी के राजा डॉ. संजय सिंह और प्रतापगढ़ के बाहुबली रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया समेत 692 कैंडिडेट चुनाव मैदान में हैं, जिनकी राजनीतिक तकदीर का फैसला करीब 2.24 करोड़ मतदाता करेंगे. पांचवें चरण में अमेठी, रायबरेली, सुल्तानपुर, श्रावस्ती, बहराइच, बाराबंकी, गोंडा, अयोध्या, प्रतापगढ़, कौशांबी, चित्रकूट और प्रयागराज में वोटिंग जारी है.

मैदान में हैं ये बड़े चेहरे

यूपी चुनाव के पांचवें चरण में डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी की सिराथू सीट से मैदान में हैं. जबकि रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया प्रतापगढ़ की कुंडा सीट से एक बार फिर ताल ठोक रहे हैं. इसके अलावा प्रतापगढ़ जिले में ही अपना दल (कमेरावादी) की अध्यक्ष कृष्णा पटेल समाजवादी गठबंधन के कैंडिडेट के रूप में बीजेपी को टक्कर दे रही हैं. यहीं की रामपुर खास विधानसभा में कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ भी मैदान में हैं. जबकि अमेठी की पूर्व रियासत के मुखिया संजय सिंह अमेठी सदर, तो योगी कैबिनेट के मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह प्रतापगढ़ की पट्टी विधानसभा, मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह (प्रयागराज पश्चिम), मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी (प्रयागराज दक्षिण), राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय (चित्रकूट विधानसभा सीट) और भाजपा सांसद ब्रज भूषण शरण सिंह के बेटे प्रतीक भूषण सिंह (गोंडा सदर) समेत कई दिग्‍गज मैदान में हैं.

पटेल परिवार की साख दांव पर

यूपी चुनाव के पांचवें चरण में अपना दल (एस) की चीफ अनुप्रिया पटेल की साख भी दांव पर है. भाजपा गठबंधन में उनके हिस्से में 17 सीटें आई हैं जिसमें से 7 प्रत्याशी इसी चरण में चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, अपना दल (कमेरावादी) से अनुप्रिया की मां कृष्णा पटेल समाजवादी पार्टी गठबंधन के साथ मैदान में हैं. वैसे अपना दल (एस) की चीफ ने अपनी मां के खिलाफ कोई प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं उतारा है. जबकि अनुप्रिया की बड़ी बहन पल्लवी सिराथू से उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं.

बीजेपी गठबंधन का पिछले चुनाव में रहा था दबदबा

वहीं, इस चरण की खासियत ये है कि इसमें राम के जन्मस्थान अयोध्या से लेकर उनके वनवास के दौरान वे जहां-जहां गए जैसे चित्रकूट, प्रयागराज उन सभी जगहों पर चुनाव होना है. भगवान राम बीजेपी की राजनीति का केन्द्र रहे हैं, इसलिए चुनावी रैलियों में भाजपा ने राम मंदिर के मुद्दे को अपनी उपलब्धियों के तौर पर गिनाया है. बहरहाल, पांचवें चरण की ये 61 सीटें बीजेपी के साथ सपा, बसपा और कांग्रेस के लिए काफी अहम हैं. दरअसल बीजेपी के सामने जहां पुरानी जीत कायम रखने की चुनौती है, तो वहीं सपा-बसपा को उससे आगे निकलने की चाह है.