बड़े फ़ैसले की ओर पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया , मुख्यमंत्री कमलनाथ और महाराजा के बीच गहराया विवाद, आग में घी डालने में जुटे मंत्री गोविन्द सिंह 

0
5

रिपोर्टर – मनोज सागर 

भोपाल / मध्य प्रदेश की सियासत में इन दिनों मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का विवाद सुर्ख़ियों में है | सिंधिया अपनी ही सरकार के खिलाफ वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए सड़क पर उतरने की धमकी दे चुके हैं, तो कमलनाथ ने भी कहा है कि उनकी मर्जी है तो सड़क पर उतर सकते है | इस बीच दोनों नेताओ की आपसी तकरार और तेज हो गई है | बताया जाता है कि तीन दिन पहले दिल्ली में कमलनाथ के बंगले में आयोजित बैठक बीच में ही छोड़ के चले जाने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया अब आर पार के मूड में आ गए है | पार्टी अलाकमान के भी दोनों ही नेताओं के झगड़े में हस्ताक्षेप ना करने से उनकी नाराज़गी और बढ़ गई है | 

एक नए सियासी समीकरण को हवा देने के लिए इस घमासान में एमपी के एक और मंत्री डॉक्टर गोविन्द भी मैदान में कूद गए है | गोविन्द सिंह सिंधिया गुट के घोर विरोधी बताये जाते है |  गोविन्द सिंह सिंधिया गुट के घोर विरोधी बताये जाते है | भिंड की लाहर विधानसभा सीट से सात बार के विधायक गोविन्द सिंह मध्यप्रदेश के सहकारिता मंत्री है | सूत्र बता रहे है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के पीठ थप – थपाने के बाद सरकार में मंत्री गोविंद सिंह ने भी सिंधिया के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है | गोविन्द सिंह ने कहा है कि जो भी सड़क पर उतरना चाहता है, उतर सकता है | उनके मुताबिक राज्य सरकार अपने वादों को पांच साल में पूरा करने के लिए प्रतिबध्द है न कि एक साल में | उन्होंने यह भी कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता है, उन्हें ऐसे बयान सार्वजनिक रूप से नहीं देने चाहिए | उन्होंने कहा कि जो काम शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी को राज्य के लोगों ने दिया था उसे हमारी पार्टी के नेता भी पूरा कर सकते है | 

सिंधिया ने इस बात पर नाराजगी जताई थी कि कमलनाथ सरकार ने राज्य के किसानों से किए गए कर्जमाफी के वादे को निभाया नहीं है | यही नहीं मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ के गांव में अतिथि अध्यापकों को संबोधित करते हुए सिंधिया ने कहा था कि यदि सरकार पार्टी के घोषणापत्र को लागू नहीं करती है तो वह अपनी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने पर नहीं हिचकिचाएंगे। उन्होंने कहा था, अतिथि शिक्षकों से मैं कहना चाहता हूं कि मैंने आपकी मांग चुनाव से पहले भी सुनी थी। मैंने आपकी आवाज उठाई और आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आपकी जो मांग सरकार के जिस घोषणापत्र में अंकित है वो हमारे लिए हमारा ग्रंथ है।’ 

सूत्रों के मुताबिक ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पिता की तर्ज पर राज्य में किसानों के साथ एक नई पार्टी खड़ा करने पर विचार कर रहे है | यह भी बताया जा रहा है कि उनके बढ़ते कदम बीजेपी मुख्यालय की ओर भी इशारा कर रहे है | राजनैतिक गलियारों में चर्चा है कि राज्य के बजट सत्र के पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया किसी बड़े फैसले को अंतिम रूप देने में जुटे है | जानकारों के मुताबिक पार्टी आलाकमान ने यदि जल्द ही इस विवाद पर विराम नहीं लगाया तो मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार संकटों से घिर सकती है | यह भी बताया जा रहा है कि आगामी राज्य सभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को पिछले दरवाजे से संसद भेजकर पार्टी कमलनाथ को फौरी राहत दे सकती है |