रायपुर की होटल शर्मनाक , जंगलराज का मुख्यालय , वन विभाग के आला अफसरों ने यही से संचालित किया वर्मी कम्पोस्ट का काला कारोबार , छत्तीसगढ़ में 30 करोड़ से ज्यादा की रकम से हॉर्टिकल्चर और DMF के जरिये किसानों को वर्मी कम्पोस्ट की जगह काली मिटटी , FIR के निर्देश   

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रायपुर / छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने हॉर्टिकल्चर और DMF फंड के जरिये प्रदेश के कई जिलों में वर्मी कम्पोस्ट की खरीदी की जांच के निर्देश दिए है | उन्होंने न सिर्फ भुगतान पर रोक लगा दी है बल्कि सप्लायरों-अफसरों की भूमिका की जांच कर एफआईआर कराने के निर्देश दिए है। सोमवार को मंत्रालय में रविंद्र चौबे की इस नोटशीट से किसानों के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ होने की उम्मीद है | बताया जाता है कि रायपुर के महासमुंद मार्ग पर स्थित होटल शर्मनाक किसानों के साथ लूट और सरकारी रकम की हेराफेरी का मुख्य अड्डा है |

होटल शर्मनाक में वन विभाग के उन आला अफसरों का ठिकाना है , जो प्रदेश के हॉर्टिकल्चर विभाग की गतिविधियों का अवैधानिक कारोबार करते है | बताया जाता है कि इसी ठिकाने से प्रदेश के किसानों को ठगने की साजिश रची गई थी | ज्यादातर इलाकों में ना तो वर्मी कम्पोस्ट का वितरण हुआ और ना ही किसानों को खेती किसानी के उपकरणों का | कई जिलों में कागजों में वर्मी कम्पोस्ट की आपूर्ति कर दी गई , तो कही इसके नाम पर काली मिटटी थमा दी गई | लेकिन जिलों में इसके सुनियोजित भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई | यह भी बताया जाता है कि एक विवादास्पद आईएएस अधिकारी ने 20 करोड़ से ज्यादा की रकम के भुगतान को लेकर कलेक्टरों पर दबाव बनाया हुआ था | यह भी जांनकारी है कि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के कार्यकाल से लेकर मौजूदा कांग्रेस सरकार के कार्यकाल तक होटल शर्मनाक इस अवैध कारोबार के अड्डे के रूप में जानी पहचानी जाती है |   

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने वर्मी बेड-कम्पोस्ट की ऊंची दर पर खरीदी की शिकायत पर सख्त आदेश दिए हैं। हाल ही में उद्यानिकी विभाग में करीब 8 करोड़ से अधिक की रकम से वर्मी बेड-कम्पोस्ट की खरीदी हुई थी। यह खरीदी करीब 3 माह पहले हुई थी। शिकायत है कि वर्मी बेड-कम्पोस्ट की ऊंची दर पर खरीदी की गई है। इसमें सप्लायरों के अलावा अधिकारियों को भी काफी फायदा पहुंचाया गया है। खरीदी में विभाग के अफसरों को कमीशन में मोटी रकम दिए जाने के सौदे के बाद उनकी भूमिका काफी संदिग्ध रही है। तमाम जिलों से इसकी शिकायत आनी शुरू हो गई। 

यह बताया गया कि कई जगहों पर सिर्फ बिल पास करने गुणवत्ताहीन वर्मी बेड-कम्पोस्ट की सप्लाई हुई है। यह बात सामने आई है कि दोगुनी-तिगुनी दर पर वर्मी बेड-कम्पोस्ट की सप्लाई की गई है। इनमें से कुछ सप्लायर रायपुर के ही हैं। इन शिकायतों को कृषि मंत्री ने काफी गंभीरता से लिया। उन्होंने विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती डॉ. मनिन्दर कौर द्विवेदी को कड़ा नोटशीट भेजी है। कृषि मंत्री ने न सिर्फ भुगतान रोकने के आदेश दिए हैं बल्कि पूरी शिकायत पर जांच प्रतिवेदन तलब किया है। साथ ही यह भी निर्देश दिया है कि दोषी सप्लायर-अफसरों के खिलाफ तुरंत एफआईआर कराई जाए। 

वर्मी बेड-कम्पोस्ट से न सिर्फ जैविक फसलों की उत्पादन क्षमता में वृद्धि होती है, बल्कि यह रासायनिक खाद की तुलना में काफी सस्ता होता है। यही वजह है कि पिछले वर्षों में प्रदेश में इसकी बड़े पैमाने पर खरीदी हुई है।  प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए अभियान चल रहा है। लेकिन पूर्ववर्ती सरकार की तर्ज पर कांग्रेस सरकार में भी  घोटालों की झड़ी लग गई | विभागीय बैठकों में कृषि मंत्री ने साफतौर पर वर्मी कम्पोस्ट की सप्लाई के दौरान गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के लिए हिदायत दी थी। बावजूद इसके आपूर्तिकर्ताओं और अफसरों ने एक बड़े घोटाले को अंजाम दिया है | माना जा रहा है कि जल्द ही कई सप्लायरों और अफसरों के खिलाफ FIR दर्ज होगी |