31 साल पहले ली सौगंध, अब हुई पूरी, बेटों ने लिया पिता की मौत का बदला, गोली मार दी पूर्व पार्षद को, अजमेर ब्लैकमेल केस की दास्तान सुर्खियों में

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अजमेर : राजस्थान के पुष्कर में अज्ञात लोगों ने 70 वर्षीय एक पूर्व पार्षद सवाई सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी है। घटना में पार्षद के 68 वर्षीय दोस्त दिनेश तिवारी बूरी तरह से घायल हो गए है। बताया जाता है कि उनके क़ातिल ने 31 साल पहले एक कसम खाई थी। उसे पूरा करने के लिए उसने पूर्व पार्षद सवाई सिंह को गोली मार दी।

बताते है कि क़ातिल अपने पिता की मौत का बदला लेने के लिए तीन दशक से अधिक समय से इंतजार कर रहा था। वो नहीं चाहता था कि 70 वर्षीय पूर्व पार्षद की मृत्यु प्राकृतिक रूप से हो। क़ातिल के मुताबिक वो उन्हें बीमारी या आकस्मिक मौत से मरते हुए नहीं देखना चाहता था। इसलिए उसने इतने बरस तक इंतजार के बाद अपने हाथों से मौत दे दी। इसी शनिवार को हुई पूर्व पार्षद की हत्या से माहौल तनाव में है। बताते है कि घटना 1992 के ‘अजमेर ब्लैकमेल केस’ से जुड़ी थी। 

जानकारी के मुताबिक पुष्कर के बंसेली गांव में सवाई सिंह और उनके दोस्त दिनेश तिवारी पर गोलियां चलाने वाला शख्स मदन सिंह का बेटा बताया जाता है। बताते है कि जो एक साप्ताहिक समाचार पत्र में वो अजमेर के ब्लैकमेल कांड के बारे में समाचार प्रकाशित कर रहा था। उसने अजमेर की कई लड़कियों को ब्लैकमेल करके दुष्कर्म के मामलों को अपनी खबरों के जरिये जोर – शोर से उठाया था।

बताते है कि यह कथित रूप से 1992 में इस पत्रकार की हत्या का कारण बना था। उन पर कुछ लोगो ने हमला किया था। एक अस्पताल में उन्हें इस हमले में घायल होने के बाद भर्ती कराया गया था। यहाँ उनकी मौत हो गई थी। बताते है कि घटना के दौरान इस पत्रकार के 10 – 12 साल के बच्चों को अपने पिता के हत्यारों को मौत के घाट उतारने की कसम खाई थी। 

यह भी बताया जाता है कि उस दौर में पुलिस ने मृतक सवाई सिंह, राजकुमार जयपाल, नरेंद्र सिंह व अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था, लेकिन सभी आरोपियों को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। बताते है कि इस रिहाई के बाद से पत्रकार मदन सिंह के दोनों बेटे – सूर्य प्रताप सिंह और धरम प्रताप सिंह, जो तब 8 से 12 साल के थे, उन्होंने लम्बे इंतजार के बाद अपने पिता की मौत का बदला लिया है।

शनिवार को दोनों ने सवाई सिंह की हत्या कर अपनी कसम पूरी की। बताते है कि, पिछले 10 सालों में बदला लेने की यह उनकी दूसरी कोशिश थी। पुलिस के मुताबिक, जांच के दौरान  यह सामने आया है कि दोनों भाइयों ने अपने हाथों में पिस्तौल लिए हुए थे और सवाई सिंह पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं, जिससे उनके सिर और पेट में चोट लग गई और उनकी मौत हो गई। जबकि इस दौरान घटना स्थल पर मौजूद तिवारी घायल हो गया। 

अजमेर के सीओ ग्रामीण इस्लाम खान के मुताबिक मुख्य आरोपी सूर्य प्रताप सिंह को गिरफ्तार कर उसके पास से एक देशी पिस्टल व तीन गोलियां बरामद की गईं है। उनके मुताबिक उसका दूसरा भाई व एक साथी मौके से फरार हो गया है। हालांकि पुलिस ने सोमवार को 21 वर्षीय विनय प्रताप को गिरफ्तार किया है। उस पर कथित तौर पर सवाई सिंह की लोकेशन अपने साथियों को बताने का आरोप है। आरोपी सूर्य प्रताप सिंह और विनय प्रताप को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।  

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