कोलकाता :पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी के अचानक यू टर्न से TMC में खलबली मच गई है | ममता ने अब तक ED और CBI के दुरूपयोग वाले आरोप लगाकर पीएम मोदी पर हमले जारी रखे थे | लेकिन अब यू टर्न लेकर मोदी को पाक साफ़ बता रही है | दीदी के इस पैतरें से TMC नेताओ की बोलती बंद है | वे पीएम मोदी को क्लीन चिट दिए जाने के सवाल पर अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहे है |
“दीदी” से पूछो कहकर TMC नेता सवालों से बचने में जुटे है | दरअसल , विधानसभा ने केंद्रीय एजेंसियों की कथित ज्यादतियों के खिलाफ कल एक संकल्प पारित किया था। इस पर चर्चा के दौरान सीएम ममता बनर्जी ने कहा था- ‘मैं पीएम मोदी से अपील करती हूं कि केंद्र सरकार का एजेंडा और उनकी पार्टी के हितों का आपस में घालमेल न हो।
राज्य विधानसभा में ममता के दिए गए बयान से कयासबाजी शुरू हो गई है। बनर्जी ने बंगाल में सीबीआई व ईडी के दुरुपयोग के खिलाफ विधानसभा में पारित प्रस्ताव के पूर्व चर्चा में कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि पीएम नरेंद्र मोदी इस सबके पीछे हैं। अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को यह ‘क्लीन चिट’ क्यों दी? इससे पहले हाल ही में बनर्जी ने आरएसएस की तारीफ की थी, आखिर वे कहना क्या चाहती हैं? ममता बनर्जी ने आरएसएस की तारीफ में कहा था, ‘मुझे नहीं लगता कि आरएसएस इतनी बुरी है। संघ में अभी कुछ लोग हैं जो भाजपा की तरह नहीं सोचते।
एक दिन यह सब्र जरूर टूटेगा।‘बनर्जी के बयानों के निहितार्थ पर जब आज टीएमसी के कई वरिष्ठ नेताओ से न्यूज़ टुडे ने चर्चा की तो उनकी बोलती बंद हो गई | इसमें सौगत रॉय भी शामिल है | जब पत्रकारों ने उनसे सवाल पूछा तो उन्होंने भी किनारा कर लिया।रॉय ने कहा, ‘देखिए, कल विधानसभा में एक प्रस्ताव पास किया गया कि सीबीआई और ईडी का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।
इस प्रस्ताव पर बोलते हुए हमारी मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सीबीआई-ईडी की कार्रवाई प्रधानमंत्री के निर्देश पर नहीं हो रहा है बल्कि बंगाल के स्थानीय नेता की इजाजत से हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसका क्या पॉलिटिकल संदेश है, ये टीएमसी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही बताएंगी ?
पश्चिम बंगाल विधानसभा में ममता के बदले तेवरों से नेताओं के अफसर भी हैरान है | राज्य में केंद्रीय एजेंसियों की कथित ज्यादतियों के खिलाफ एक संकल्प पारित करते वक्त चर्चा के दौरान सीएम ममता बनर्जी ने कहा था- ‘मैं पीएम मोदी से अपील करती हूं कि केंद्र सरकार का एजेंडा और उनकी पार्टी के हितों का आपस में घालमेल न हो। केंद्र सरकार तानाशाह की तरह बर्ताव कर रही है। यह संकल्प किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं बल्कि केंद्रीय एजेंसियों के पक्षपातपूर्ण कामकाज के खिलाफ है।
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हालांकि, सदन में भाजपा के विरोध के बावजूद संकल्प पारित हो गया था । इसके पक्ष में 189 और विरोध में 69 वोट पड़े। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने चर्चा में कहा कि सीबीआई और ईडी के खिलाफ ऐसा संकल्प विधानसभा के नियमों का उल्लंघन है।
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