दिल्ली वेब डेस्क / केंद्र सरकार ने बुधवार को लॉकडाउन के बीच बड़ी राहत दी है। केंद्र ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए प्रवासी मजदूर, छात्र और पर्यटक अपने घरों को जा सकते हैं। इसके लिए राज्य सरकारें मदद करें। गृह मंत्रालय ने यह आदेश जारी किया है और कहा कि ऐसे सभी लोगों का रजिस्ट्रेशन कराया जाए और सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों को ध्यान में रखते हुए घरों तक भेजा जाए।
बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों की मांग के बाद गृह मंत्रालय ने अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और छात्रों की आवाजाही के लिए नई गाइडलाइन तैयार की है | नई गाइडलाइन के मुताबिक सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अपने नोडल अधिकारी नियुक्त करने और ऐसे फंसे हुए व्यक्तियों को वापस भेजने और लेने के लिए एक एसओपी की तैनाती करनी होगी |
सरकार की तरफ से यह गाइडलाइंस ऐसे वक्त पर आई है जब दूसरी बार लॉकडाउन की अवधि 3 मई को खत्म होने जा रही है लेकिन देश के कई हिस्सों में अभी भी कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे हैं। इससे पहले, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केन्द्र सरकार से यह मांग की थी कि जो प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं उनके लिए केन्द्र सरकार घर जाने की व्यवस्था करे और ट्रेन की सुवधा दे।
केन्द्र सरकार की संशोधित गाइडलाइंस:
1-सभी राज्य और केन्द्र शासित राज्य नोडल अधिकारी की नियुक्ति करे जो सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें। इतना ही नहीं राज्यों और केन्द्र शासित राज्यों में पहुंचने वाले लोगों का ब्यौरा भी रखा जाए।
2-अगर फंसे हुए समूह में लोग एक राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश से दूसरे राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश जाना चाहते हैं तो भेजने वाले और जिस राज्य में जा वह समूह जा रहा है दोनों राज्य एक दूसरे की आपसी सहमति के साथ सड़क के जरिए भेज सकते हैं।
3- किसी भी व्यक्ति को भेजने से पहले उसकी स्क्रीनिंग की जाए और अगर वह पूरी तरह ठीक पाया जाए तो ही उसे भेजने की मंजूरी दी जाए।
4-प्रवासी मजदूरों, यात्रियों और छात्रों को समूह में सिर्फ बस से ही भेजा जाए। भेजने से पहले बस सेनेटाइजेशन कराया जाए। इतना ही नहीं यात्रा के समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए।