Priya Rajvansh Life Facts: 16 साल बड़े डायरेक्टर के साथ लिव इन में रहना पड़ा इस एक्ट्रेस को भारी, अपनों ने ही दी बेहद दर्दनाक मौत

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Priya Rajvansh Death: बात आज बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रिया राजवंश की जो अपने जमाने में बेहद खूबसूरत एक्ट्रेसेस में शुमार थीं. प्रिया का नाम देव आनंद के भाई चेतन आनंद के साथ काफी सुर्खियों में रहा. लेकिन उनकी मौत ने बॉलीवुड को झकझोर दिया जो कि आज भी एक गुत्थी है. प्रिया की मौत 27 मार्च, 2000 में हुई थी. प्रिया को 1970 में आई फिल्म हीर रांझा और हंसते जख्म के लिए याद किया जाता है. प्रिया का 30 दिसम्बर 1936 को शिमला में जन्म हुआ था और उनके पिता फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में कर्न्जरवेटर थे. प्रिया का घर पर नाम वीरा सुंदर सिंह रखा गया.

प्रिया की खूबसूरती पर फिदा हो गए चेतन
प्रिया की पढ़ाई चल ही रही थी इस दौरान उनके पिता को भारतीय सरकार द्वारा लंदन भेजा गया जिसके चलते प्रिया ने शिमला से ग्रेजुएशन करने के बाद लंदन की रॉयल एकेडमी ऑफ ड्रामेटिक आर्ट से पढ़ाई की. उसी दौरान लंदन में एक फोटोग्राफर द्वारा क्लिक प्रिया की फोटो हिंदी फिल्म इंडस्ट्री तक पहुंच गई. फिर क्या था उनकी खूबसूरती के चर्चे बॉलीवुड में होने लगे. खबरों की मानें तो प्रिया की तस्वीर देखकर चेतन आनंद ने उन्हें अपनी फिल्म ‘हकीकत’ के लिए कास्ट किया.

इसी फिल्म के दौरान दोंनो एक दूसरे के करीब आए और उनके अफेयर की खबरें पूरे बॉलीवुड में मशहूर हो गईं. बता दें कि चेतन उस वक्त अपनी पत्नी से अलग ही हुए थे कि उन्हें प्रिया का साथ मिल गया जो कि उनसे 16 साल छोटी थीं. चेतन पत्नी से अलग होने के बाद प्रिया के साथ लिव-इन रिलेशन में रहने लगे थे. प्रिया की फिल्मों की बात करें तो वो ‘हीर रांझा’, ‘हंसते जख्म’, ‘हिंदुस्तान की कसम’, ‘कुदरत’ जैसी फिल्मों में नजर आईं.

प्रॉपर्टी के लिए कर दी गई हत्या
चेतन की मौत के बाद उनकी प्रॉपर्टी में से काफी बड़ा हिस्सा प्रिया को भी मिला. दरअसल चेतन जब जिंदा थे तब ही उन्होंने अपनी वसीयत लिख दी थी जिसमें उन्होंने अपने दोनों बेटों केतन और विवेक के अलावा प्रिया को भी अपना वारिस बनाया था. 6 जुलाई 1997 को प्रिया अकेली हो गईं, दरअसल चेतन का निधन हो गया था. चेतन के बेटों को ये रास न आया कि प्रिया को प्रॉपर्टी का हिस्सा मिला है और फिर 27 मार्च, 2000 को चेतन के जुहू स्थित बंगले पर प्रिया की हत्या कर दी गई जिसका आरोप चेतन आनंद के दो बेटों केतन, विवेक और उनके कर्मचारियों पर लगाया गया. इसके बाद साल 2002 में चारों को उम्रकैद की सजा दी गई.