देश और मजदूरों के भविष्य एवम सम्मान को बचाने के लिए 2 से 4 जुलाई तक तीन दिवसीय देशव्यापी आंदोलन होगा

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रिपोर्टर – अफरोज खान

सूरजपुर / भटगांव- भारत सरकार के दमनकारी नीतियों के विरोध में, श्रमिक कानून में जो परिवर्तन किया जा रहा है और सार्वजिनक क्षेत्र की नवरत्न कंपनी कोल इंडिया को बंद करने की साजिश रचते हुए भारत कि कोयला खदानों के निजीकरण का प्रयास करने के विरोध में, भारत सरकार के द्वारा 42 कोयला ब्लॉकों की नीलामी करने के निर्णय के विरोध स्वरूप 2 जुलाई से 4 जुलाई तक तीन दिवसीय देशव्यापी हड़ताल किया जा रहा |यदि आज मजदूर एक नहीं हुआ तो वर्तमान की केंद्र सरकार पूंजीपतियों के हाथ से देश की खनिज संपदा को बेच करके मजदूरों का और देश का भविष्य बर्बाद कर देगी | उक्त बातें एसईसीएल भटगांव के गेस्ट हाउस में पत्रकार वार्ता के दौरान झारखंड के पूर्व पूर्व मंत्री व राष्ट्रीय कोलरी मजदूर संघ (इंटक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के एन त्रिपाठी कहीं |

पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए श्रमिक नेता के एन तिपाठी ने कहा की लेबल लॉ में सरकार के द्वारा जो परिवर्तन किया जा रहा है, उससे मजदूरों के अधिकार समाप्त हो जाएंगे और पूंजीपतियों के हाथ मजबूत होंगे, केंद्र की सरकार मजदूरों के हितों के अनदेखा करके पूंजीपतियों का हाथ मजबूत करने का काम कर रही है | इनके द्वारा भारत की नवरत्न कंपनी सीआईएल को बर्बाद करने की साजिश रची जा रही है | सार्वजनिक उपक्रम को बेचने के लगातार कार्य किए जा रहे हैं उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने और सार्वजनिक उपक्रम को नुकसान पहुंचाने के लिए श्रमिक कानून में हेराफेरी करके मजदूरों को सुरक्षित हाथों से असुरक्षित हाथों में देने का कार्य वर्तमान कि केंद्र सरकार कर रही है | जिससे कि कोयला उद्योग और मजदूर वर्ग का भविष्य खतरे में चला जाएगा हम सब मजदूर यूनियन आपसी मतभेद भुलाकर के सरकार की दमनकारी नीतियों के विरोध में देश की 80 प्रतिशत आबादी मजदूरों के अधिकार की रक्षा करने के लिए भारत सरकार के विरोध में 2 जुलाई से 4 जुलाई तक तीन दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल कर रहे हैं और उस के माध्यम से केंद्र सरकार को जगाने का प्रयास कर रहे हैं कि वे अपनी दमनकारी नीति को वापस लें अन्यथा देश की ऊर्जा की आपूर्ति ठप हो जाएगी |अगर केंद्र सरकार नहीं मानी तो पूरा देश अंधकार झेलेगा उसके लिए सरकार जिम्मेदार रहेगी |

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पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय कालरी मजदूर संघ (इंटक) के महामंत्री रामेश्वर सिंह फौजी ने कहा कि सभी संस्था को बर्बाद करके उद्योगपतियों का भला होगा, गरीब मजदूर और ग्रामीण किसानों का नुकसान होगा | सरकारी उपक्रम की कोयला खदान किसान मजदूरों को भूमि अधिग्रहण का लाभ का लाभ देती है आसपास के क्षेत्र के शिक्षा, स्वास्थ्य का विकास करते हैं | अगर निजी कंपनियां काम करेगी आसपास के क्षेत्र का विकास नहीं करेंगे | आंदोलन को सफल बनाने के लिए सभी मजदूरों को काम करना होगा और केंद्र सरकार की दमनकारी नीतियों का विरोध करने के लिए आगे आना पड़ेगा | विरोध करने की जरूरत है | ये लड़ाई मजदूरों के स्वाभिमान की लड़ाई है जिसको हम जीत करके रहेंगे |इस पत्रकार वार्ता में उनके साथ शेख वकील अहमद श्रमिक संगठन इंटक के रविंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह देव, संजय सिंह फिरोज खान, अनिल चौधरी, राजेश तिवारी, बाबू चेरियन, नीरू श्रीवास्तव, सतीश तिवारी प्रमुख रूप से मौजूद थे |