नई दिल्ली: हिंद महासागर में वर्चस्व की लड़ाई जारी है. चीन हिंद महासागर में अपना दबदबा चाहता लेकिन भारत अपना दबदबा चाहता है. इस बीच एक हैरान कर देने वाली घटना घटी है. IOR में रणनीतिक प्रभाव के लिए भारत और चीन के बीच ‘ग्रेट गेम’ जारी है. सोमवार की सुबह कोलंबो में एक भारतीय युद्धपोत, निर्देशित मिसाइल विध्वंसक INS मुंबई के डॉकिंग के साथ ही तीन चीनी युद्धपोतों ने भी ऐसा ही किया, जिससे हलचल पैदा किया.
रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान के एक अधिकारी ने कहा कि ‘चीनी युद्धपोत, जिनमें उसके समुद्री डकैती रोधी अनुरक्षण बल के युद्धपोत भी शामिल हैं, अब पहले की तुलना में हिंद महासागर क्षेत्र में काफी लंबे समय तक रह रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि ‘IOR में चीनी नौसेना की बढ़ती मौजूदगी, साथ ही क्षेत्र में अतिरिक्त रसद सुविधाओं की बीजिंग की तलाश, भारत के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है.’
निश्चित रूप से, 140 युद्धपोतों वाली भारतीय नौसेना को निश्चित रूप से पाकिस्तान से निपटने और आईओआर में चीन को रोकने के लिए पर्याप्त मजबूती की आवश्यकता है. बता दें कि जब चीनी युद्धपोत कोलंबो की ओर बढ़ रहे थे भारतीय नौसेना ने तीन चीनी युद्धपोतों पर कड़ी नजर रखी है. चीनी युद्धपोतों, विध्वंसक हेफ़ेई, और लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक्स (जल-थल-स्थल जहाज) वुझिशान और किलियानशान में लगभग 1,500 कर्मी थे. इंडियन नेवी ने हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश करने से लेकर सोमवार की सुबह कोलंबो में उनके डॉकिंग तक बारीकी से नज़र रखी थी.
श्रीलंका ने INS मुंबई का स्वागत किया, जिसकी कमान कैप्टन संदीप कुमार के हाथों में है और जिसमें 410 नाविकों का दल है. साथ ही कोलंबों ने चीनी युद्धपोतों का भी “नौसैनिक परंपराओं के अनुपालन में” स्वागत किया. INS मुंबई और चीनी युद्धपोतों को श्रीलंकाई युद्धपोतों के साथ अलग-अलग “पैसेज अभ्यास” करने का कार्यक्रम है, जो 29 अगस्त को ही होगा.