रिपोर्टर – अतुल सचदेवा
दिल्ली / चीन की राजनीतिक में एक बहुत बड़ा तूफान आ गया है चीन की राजनीतिक चर्चाओं हो रही है चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के कई नेताओं ने भी इस पर सवाल उठा दिया है की राष्ट्रपति जिनपिंग के ऊपर सवाल करने लग गए हैं की उन्हीं की पार्टी के नेता को अब लगता है की चीन में एक कम्युनिस्ट पार्टी में एक विद्रोह होना जायज है | चीन राजनीतिक पहली बार ही सी सी पी ने सभी राजनीतिक नेताओं की बैठक बुलाई है इसमें चीन के राष्ट्रपति को इस बैठक में जवाब देना होगा की चीन और भारत में जो लद्दाख में सैनिकों के बीच में जो झड़प हुई थी उस कारण भी चीन के कई राजनीतिक लोग इस बात को राष्ट्रपति के सामने रख चुके हैं | चीन की जनता भी इस बात को मान गई है | चीन अब भारत से मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं |
उधर अमेरिका ने भी साऊथ चाइना Sea में अपना जो दबदबा है American जितने भी जंगी जहाज और जंगी बेड़े और वायु सेना और नौसेना को पूरा तैनात कर रखा था ।
चीन की राजनीतिक मैं एक बहुत बड़ा बदलाव आने लगा है
चीन के कुछ बड़े नेता जो पार्टी में हैं राष्ट्रपति जिनपिंग से उनके इस्तीफे की भी मांग कर सकते हैं उससे प्रश्न भी कर सकते हैं |
चीन की विदेश नीति अब कई देश इस बात को समझ चुके हैं की चीन सरकार अपने बैंकों से उनको लोन देकर चीन अपनी फैक्ट्री का माल वहां उस देश में भेज कर बजारो में कब्जा करता है धीरे धीरे अर्थव्यवस्था पर कब्जा कार्यक्रम Development के नाम पर उनके देशों जमीनों में कब्जा करता है इसका कई उदाहरण है जैसे अफ्रीकी देशों में भी उसने पूरी अर्थव्यवस्था पर कब्जा किया हुआ है। ताइवान से उसका ही हमेशा विवाद रहा है वितनाम से भी विवाद ,भारत से भी हमेशा सीमा का विवाद रहा है और मंगोलिया ,रूस से भी । सोवियत संघ की तरह अब चीन में विभाजन होना तय लगता है
चीन में भी सोवियत संघ की तरह पांच से छह टुकड़ों में विभाजन हो सकता है।
हांगकांग में जिस तरह चीन के खिलाफ वहां की जनता का विरोध किया जा रहा है हांगकांग के चीनी सैनिकों और सरकार के खिलाफ हांगकांग की जनता सड़कों पर उतर आई है चीन की सरकार को कुछ राजनीतिक सामाजिक समीकरण समझ नहीं आ रही है |
अमेरिका को सबसे ज्यादा चिंता अपनी अर्थव्यवस्था की है अमीरका की कई कम्पनियों में सबसे ज्यादा निवेश चीनी कंपनियों का हो गया है उसको डर लगता है कि मेरी अर्थव्यवस्था पर चीन किसी भी समय नुकसान पहुंचा सकता है । अमरीका ने South चाइना Sea में अपनी पूरी सेना का जोर लगाकर वहां बैठा हुआ है अमेरिका को एक और डर लगा हुआ है की उसकी अर्थव्यवस्था को चीन कभी भी खराब कर सकता है अमेरिका की कई बड़ी कंपनियों में चीन का बहुत बड़ा निवेश हो चुका है | Covid19 के Time में चीन ने बहुत बड़ा निवेश अमेरिका की कई कंपनियों में किया है।
साथ ही यूरोपीय कई कंपनियों में उसने अपना निवेश बढ़ा दिया है यूरोप और अमेरिका के कई देशों को लग रहा है चीन किसी भी देश की भी अर्थव्यवस्था को किसी भी टाइम खराब कर सकता है यही कारण है कि सभी देशों चाहते हैं कि चीन को किसी तरह से विश्व के मानचित्र में उसका रंग बदला जाए सभी का यही मत है की सोवियत संघ की तरह इसके चार से पांच भागों का विभाजन हो सकता है चार पांच देश चीन से निकलकर नए देश बन जाए गाए।
भारत में भी चीन पर केई प्रतिबंध लगा है 160 से भी अधिक चीनी Mobile Apps बंद कर दिए हैं जिससे चीन की करोड़ों रुपया जो भारत से वह हर साल कमाता था उस पर एक लगाम लगी है | चीन की कम्पनीयो सालों से करोड़ों रुपए का लाभ भारत से उसको मिलता था करोड़ों रुपए बंद हो गया है । चीन इसलिए वह इस टाइम डरा हुआ महसूस कर रहा है भारत में उसकी आर्थिक नाकेबंदी हो रही है |
चीन की अपनी राजनीतिक में भी जो उसकी कम्युनिस्ट पार्टी है उसमें भी जिंगपिंग के खिलाफ लगभग जाना तय है | लगता है कि राजनीतिक मे कुछ भी हो सकता है | अंदर-अंदर भी कुछ बहुत राजनीतिक हालात को देखते हुए बड़े-बड़े जो चीनी नेता है | राजनीतिक बदलाव चीन से अलग होने के लिए प्लानिंग और पार्टी में विद्रोह कर सकते हैं।