महिला ने चोरी को बनाया अपना करियर… इस चीज की चोरी कर बनी करोड़ों की मालकिन, ऐसे हुआ मामले का खुलासा

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नई दिल्ली : आपने कई अजीबो गरीब चोरी देखी होगी लेकिन ऐसे अनोखे चोरी के बारे में पहली बार सुनोगे। आज हम जिस ठग के बारे में बताने जा रहे हैं, उसे ठगी करने के लिए किसी पार्टनर की भी जरुरत नहीं पड़ी। अकेले ही इस महिला ने दुकानों से करीब एक करोड़ का राशन चुरा लिया। ऐसा करने में उसे चार साल का समय लगा। इन चार सालों में उसने करीब एक हजार बार दुकानदारों को उल्लू बनाकर पैसे ऐंठे। सबसे हैरत की बात है कि इतने सालों से कोई भी दुकानदार उसकी इस भयानक करतूत को पकड़ नहीं पाया।

कोर्ट में नरिंदर के केस की सुनवाई चल रही है। इस प्रोफेशनल शॉपलिफ्टर ने दुकानों से चोरी करने को अपना फुल टाइम करियर बना लिया था। उसके चोरी करने का अंदाज भी काफी यूनिक था। वो ना तो सामान चुरा कर बाहर निकलती थी ना ही किसी तरह की जबरदस्ती करती थी। नरिंदर सिर्फ दुकानों में खाली हाथ घुसती थी। इसके बाद शेल्फ पर रखे सामान को उठाकर उसके बदले रिफंड मांगती थी। कोर्ट में बताया गया कि इस महिला ने चोरी के सारे रिकॉर्ड ही तोड़ दिए।

चोरी को ही बनाया अपना ​करियर
53 साल की नरिंदर को नीना टिअरा के नाम से भी जाना जाता है। उसने यूके के कई दुकानों से चार साल में लगभग एक करोड़ के सामान का रिफंड ले लिया। अभी नरिंदर जेल में है। कोर्ट में नरिंदर के खिलाफ केस लड़ रहे सीनियर क्राउन प्रोसिक्यूटर गिओवन्नी एलिसांडरो ने बताया कि नरिंदर ने चोरी को अपना करियर ही बना लिया था। उसने चार साल तक लगातार इसी आइडिया से एक करोड़ के सामान को चुराकर उसका रिफंड लिया। शुरुआत में छोटे सामान का रिफंड लेते हुए जब उसमें आत्मविश्वास आ गया, तब उसने बड़े और महंगे प्रोडक्ट्स उठाना शुरू किया।

चार साल में की एक करोड़ ठगी
नरिंदर ने अपना नाम बदल लिया था। साथ ही उसने कई नए बैंक अकाउंट खोले और कई क्रेडिट कार्ड्स भी इश्यू करवाए। उसे मार्च 10 को कोर्ट ने अपराधी घोषित किया। अभी वो जेल में है और अपने सजा का इन्तजार कर रही है। सबसे ज्यादा उसने जूतों के दूकान से चोरी की। वो सस्ते जूते खरीदती थी और इसके बाद महंगे जूतों को उठाकर उनका रिफंड लेती थी। ऐसा उसने दुकानों में किया और चार साल में एक करोड़ की ठगी कर ली। पुलिस को उसके घर से काफी कैश मिला और साथ ही चोरी के कुछ सामान भी। इन्हें पुलिस ने सबूत के तौर पर कोर्ट में पेश किया।