बीजेपी नेता श्वेता की रहस्यमय मौत पर से उठने लगा पर्दा , खूबसूरती और मिलनसार स्वभाव से बनी पहचान, पत्नी को कठपुतली बना सियासत करना चाहता था पति दीपक

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बाँदा। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में बुधवार को जिला पंचायत सदस्य श्वेता सिंह गौर की मौत को लेकर अटकलों का बाजार गर्म रहा। उनका शव संदिग्ध परिस्थितियों में फंदे से लटकता मिला था। बांदा के इंद्रा नगर स्थित आवास में श्वेता ने साड़ी का फंदा बना कर फांसी लगा ली थी। श्वेता सिंह जिले के जसपुरा क्षेत्र के वार्ड 12 से भाजपा की जिला पंचायत सदस्य थीं। 35 वर्षीय श्वेता सिंह गौर भाजपा महिला मोर्चा की जिला महामंत्री भी थीं। उन्होंने समाज शास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी। उनकी तीन बेटियां हैं। बताया जा रहा है कि उनके और पति के बीच काफी दिनों से विवाद चल रहा था।

श्वेता सिंह गौर की फाइल फोटो

जानकारी के मुताबिक पति दीपक की राजनैतिक महत्वाकांक्षाओ के चलते श्वेता सिंह गौर को मौत को गले लगाना पड़ा। लोग बताते है कि श्वेता को राजनीति में लाना उनके पति दीपक सिंह गौर की मजबूरी थी। दीपक जसपुरा के मरझा गांव के निवासी है। वह इस क्षेत्र से 20 वर्षों से अधिक समय से राजनीति कर रहे थे। दीपक ने अपनी राजनैतिक जमीन मजबूत करने के लिए दो बार ब्लॉक प्रमुख पद और दो बार जिला पंचायत सदस्य पद के लिए चुनाव लड़ा था। हालांकि कि दोनों चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस बार डीडीसी चुनाव में आरक्षण में महिला सीट रिजर्व हुई। इसलिए उन्होंने पत्नी श्वेता सिंह को चुनाव में उतारा और अपने बुते श्वेता ने जीत हासिल कर ली।

श्वेता सिंह गौर की फाइल फोटो

दीपक की राजनीती ने इस दौरान जोर पकड़ा।उधर श्वेता सिंह गौर ने भी अपनी राजनीतिक पकड़ कुछ तरह से हासिल की कि वह भाजपा की जानीमानी नेता बन गई।वो महिला मोर्चा की जिला महामंत्री के आलावा कई कमेटियों की सदस्य भी बनीं।बताते है कि श्वेता सारे काम स्वयं करती थी।उनके व्यहार से लोग खुश थे। काफी लोग उन्हें पसंद करते थे ।

पति और दो बेटियों के साथ श्वेता सिंह गौर

बताते है कि आम लोगों से लेकर अधिकारियों और राजनीतिक व्यक्तियों से श्वेता सीधे संपर्क करती थी।यह उनके स्वभाव में था.लेकिन यही स्वभाव उनके पति दीपक को नहीं पसंद था।इसे लेकर दोनों के बीच कई बार तू तू मै मै भी हुई थी। आशंका जाहिर की जा रही है कि पति -पत्नी के बीच तकरार के बाद ही श्वेता ने फांसी लगाई।उधर श्वेता सिंह गौर की मौत के बाद से उनके पति दीपक सिंह गौर घर से नदारद हैं। उनका फोन भी बंद है।

भाजपा नेता श्वेता सिंह की मौत का मामला

बताया जा रहा है कि पति -पत्नी के विवाद को सुलझाने के लिए ससुराल पक्ष और मायके पक्ष के बीच समझौते की बात चल रही थी।घटना से पूर्व भी दोनों के बीच विवाद हुआ था, उससे अक्रोशित होकर श्वेता ने यह कदम उठाया है।पुलिस ने फ़िलहाल आत्महत्या का मामला दर्ज करके शव को पोस्टपार्टम के लिए भेज दिया है।

पति और बच्चों के साथ श्वेता सिंह गौर

इधर भाजपा नेता दीपक गौर की खोजबीन की जा रही हैं। घटना की जानकारी मिलते ही संबंधित थाने की पुलिस मौके पर पहुंची थी।उसने मामले की छानबीन शुरू कर दी है।मौत को गले लगाने से पहले श्वेता सिंह ने बीती रात व्हाट्सएप स्टेटस लगाकर लिखा था कि घायल नागिन, घायल शेरनी और अपमानित स्त्री से हमेशा डरना चाहिए।