कड़वा सच, छत्तीसगढ़ में जिस शख्स ने आम कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के दर्द से भू-पे को रूबरू कराया, उसे दिखाया जा रहा है पार्टी से बाहर का रास्ता…

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रायपुर/राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे बघेल के काले कारनामे EOW और IT-ED के महकमे में खूब रौशन हो रहे हैं, केंद्र और राज्य स्तरीय दोनों जांच एजेंसियों का शिकंजा भ्रष्ट नौकरशाह और अलोकतांत्रिक नेताओं पर लगातार कसता जा रहा है। माना जा रहा है कि हफ्ते भर के भीतर कुख्यात आरोपी भू-पे बघेल समेत कई सटोरिए और कानून का माखौल उड़ाने वालों को तलब कर लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक आरोपियों के खिलाफ जल्द नोटिस जारी होने की संभावना है।

सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि महादेव ऐप घोटाले में F.I.R. की फहरिस्त लंबी है, अभी तो सिर्फ 3 पन्नों का टाइटल ही सामने आया है,उससे इतनी राजनैतिक सरगर्मियां बढ़ गई। पिक्चर तो अभी बाकी है, आशंका जाहिर की जा रही है कि एजेंसियां जल्द कुछ बड़े कदम उठा सकती हैं। इस बीच खबर आ रही है कि राजनांदगांव के जिस नेता ने पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे बघेल के समक्ष आम कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की हताशा जाहिर की थी, उसे पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी कर ली गई है। कांग्रेसी हलकों में सुरेंद्र वैष्णव दाऊ का निष्कासन तय माना जा रहा है। ये वही नेता हैं जिन्होंने भू-पे को मंच पर जमकर खरी खोटी सुनाई थी। उनका वीडियो राजनैतिक गलियारों में चर्चा में रहा।

वैष्णव दाऊ के संबंध में सोशल मीडिया में एक कारण बताओ नोटिस वायरल हो रहा है। इसमें कहा गया है कि राजनांदगांव संसदीय सीट में आयोजित कार्यकर्त्ता सम्मेलन में उनके द्वारा आपत्तिजनक अभिव्यक्ति की गई थी। हालाकि इस वायरल नोटिस की अधिकारिक पुष्टि न्यूज टुडे नही करता। लेकिन सोशल मीडिया में चर्चा में आए इस मामले में कांग्रेस पार्टी द्वारा इस नोटिस के बारे में कोई अधिकारिक पुष्टि भी नही की जा रही है। अलबत्ता इस पत्र को देखकर कांग्रेस के ही कई नेता अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कह रहे हैं कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र खत्म हो गया है। जिसकी लाठी उसकी भैंस जैसी स्थिति है।

कांग्रेस के ऐसे निष्ठावान कार्यकर्ताओं का मानना है कि कार्यकर्त्ता अपनी पीड़ा सम्मेलन में नही तो क्या नेता जी के घर पर जाकर जाहिर करेंगे? जहां दरबान खदेड़ देता है। राजनांदगांव में यही दर्द तो सुरेन्द्र दाऊ जाहिर कर रहे थे। कांग्रेस में भूपेश बघेल की उम्मीदवारी को लेकर संकट गहराते जा रहा है। बताते हैं कि पार्टी के किसान नेता सुरेन्द्र दाऊ ने राजनांदगांव संसदीय सीट से भू-पे को प्रत्याशी बनाए जाने का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि इससे राजनांदगांव के जीतने योग्य स्थानीय प्रत्याशियों की अवहेलना की गई है, उन्हें नजरंदाज किया गया है। इस बाबत सुरेन्द्र दाऊ ने कांग्रेस आलाकमान और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को पत्र भी लिखा है।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में चुनाव के पूर्व काफी उथल-पुथल देखी जा रही है। कई पूर्व विधायक और स्थानीय नेता पाला बदल रहे हैं, अब वे कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम रहे हैं। इसे बीजेपी की लहर के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी यही दावा भी कर रही है। वरिष्ठ बीजेपी नेता विजय शंकर मिश्रा ने दावा किया कि PM मोदी और उनकी गारंटी ने छत्तीसगढ़ की फिजा बदल दी है।

मिश्रा कहते हैं कि अब की बार कांग्रेस का सुपड़ा ही साफ हो जाएगा। उनके मुताबिक बघेल सरकार के भ्रष्टाचारों को प्रदेश की गरीब जनता कभी नही भूलेगी। उनके मुताबिक सरकारी तिजोरी में लूट-मार कर बघेल सरकार ने बेहद खराब हालत में प्रदेश की स्थिति ला दी थी, हम उसे विकास की ओर अग्रसर कर रहे हैं।

महतारी वंदन और किसानों के सपने साकार करने से मोदी गारंटी मात्र 2 माह में पूरी कर दी गई है। उन्होंने दावा किया है कि प्रदेश में मोदी की आंधी है। उधर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने बीजेपी के दावों को ख्याली पुलाव करार दिया है। एक बयान में उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांटे का मुकाबला है। बीजेपी की एकतरफा जीत के दावे धरातल पर नही है। बैज ने कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन का दावा किया है।फिलहाल छत्तीसगढ़ में नामांकन दाखिले की तिथि जैसे जैसे करीब आ रही है, वैसे वैसे राजनैतिक पारा भी चढ़ते जा रहा है।