रिपोर्टर – गेंदलाल शुक्ल
कोरबा / छत्तीसगढ़ में रेड जोन कोरोना हॉट स्पॉट बने कटघोरा में 27 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बावजूद अब तक जिले के तबलीगी जमात से जुड़े सभी सदस्यों का कोरोना टेस्ट नहीं कराया जा सका है। प्रशासन की इस घोर लापरवाही का खुलासा दीपका के कांग्रेस नेता तनवीर अहमद के कलेक्टर कोरबा को लिखे एक पत्र से हुआ है।
जानकारी के अनुसार दीपका में बड़ी संख्या में तबलीगी जमात के सदस्य निवासरत हैं। गुरुवार देर शाम कटघोरा क्षेत्र के तीन नये लोगों की कोरोना जांच पाजिटिव आई है, जिसमें एस ई सी एल के ढेलवाडीह परियोजना में कार्यरत एक कर्मचारी कोरोना पाजिटिव पाया गया है। इससे पहले कोरोना का कटघोरा कनेक्शन सामने आते ही एस ई सी एल के ढेलवाडीह और सिंघाली परियोजना में कार्यरत 83 कर्मचारियों को कटघोरा के जमातियों के संपर्क में रहने के कारण एसईसीएल प्रबंधन ने होम आइसोलेशन में भेज दिया है।इसके अतिरिक्त ढेल्वाडीह-सिंघाली-बगदेवा उपक्षेत्र के अन्य 30 और कर्मचारियों को भी सुरक्षा की दृष्टी से होम आइसोलाशन में रखा गया है | लेकिन एसईसीएल दीपका और गेवरा क्षेत्र में अभी भी तबलीगी जमात के कर्मचारी खदानों में काम कर रहे हैं। इन कर्मचारियों से कोयला खदान में काम करने वाले हजारों कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण का खतरा पैदा हो गया है। यही नहीं बल्कि इन कर्मचारियों और इनके परिवार जनों से आसपास रहने वाले अन्य नागरिक परहेज भी करने लगे हैं। कटघोरा में तब्लीगी जमात से जुडे लोगों का कोरोना पॉजिटिव आने के बाद दीपका में अफवाहों का बाजार गर्म है। लोग तब्लीगी जमात के लोगो को शक की निगाह से देखने लगे है।
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जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के महामंत्री तनवीर अहमद ने कलेक्टर को पत्र लिखकर दीपका क्षेत्र में निवासरत तबलीगी जमात के अनुयायियों का कोरोना सैंपल परीक्षण कराने की मांग की है। उन्होंने मांग करते हुए कहा है कि दीपका क्षेत्र में कोरोना को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म है। यहां अधिकांश एस ई सी एल के आवासीय कॉलोनी में सभी समुदाय के लोग एक साथ निवास करते हैं। कटघोरा में तब्लीगी जमात के लोगों को कोरोना से संक्रमित पाए जाने और इसमें वृद्धि की जानकारी सामने आने के बाद आसपास के क्षेत्रों में भय और अफवाह का वातावरण निर्मित हो गया है, जिसका प्रभाव दीपका में भी देखने को मिल रहा है। मुस्लिम समुदाय के लोगों को शंका की निगाह से देखा जा रहा है। इसलिए यह आवश्यक हो गया है कि मुस्लिम समुदाय विशेष कर तब्लीगी जमात के लोगों का कोरोना सैंपल परीक्षण कराया जाये, ताकि आमजन के बीच शक और आशंका की धारणा समाप्त हो सके।
उल्लेखनीय है कि जिले में तब्लीगी जमात की पकड़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां उनकी 9 मस्जिद हैं, जिसमें से कुछ को इमाम खाना के नाम से भी जाना जाता है। इनमें कोरबा शहर के राताखार, धनुहारपारा, एस ई सी एल कॉलोनी, दर्री क्षेत्र के जैलगांव, कटघोरा क्षेत्र में पुरानी बस्ती, पूछापारा, जुराली और अंबिकापुर रोड समेत दीपका व पसान में जमात की मस्जिद है। सूत्रों के मुताबिक जिले में करीब 7 से 8 हजार लोग तबलीगी जमात से जुड़े हैं। ऐसे में जिले के एक बड़े इलाके में कोरोना के संदिग्ध मरीज़ों की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
यहां विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि शनिवार 18 अप्रैल को प्रदेश की स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारीक सिंह कोरबा कटघोरा के प्रवास पर आई। उन्होंने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के प्रयासों की समीक्षा की और प्रशासन की प्रशंसा भी की। लेकिन तब्लीगी जमात के सम्पर्क में आये लोगों की कोरोना टेस्ट की ओर उनका भी ध्यान नहीं गया। मजे की बात तो यह है कि वीडियो कॉन्फ्रेंस की सुविधा होने के बावजूद और वरिष्ठ आई ए एस अफसरों की गठित समिति के द्वारा सतत मटरिंग करने के बाद भी वे डेढ़ सौ किलोमीटर लम्बा सफर इस लाग डाउन में तय कर कोरबा आ गई थीं।