ऋषिकेश वेब डेस्क / देश में लॉक डाउन के बावजूद चारधाम यात्रा अपने निर्धारित समय पर शुरू हो रही है | चिंता वाली बात यह है कि लॉक डाउन तोड़कर तीर्थ यात्री कही यहां धावा न बोल दे | भारत सरकार और तमाम राज्य सरकारों को इस बारे में एडवाइजरी जारी करने की जरुरत है | वर्ना सरकार के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है |
कोरोना के संक्रमण को देखते हुए इस बार बद्रीनाथ गाडू घड़ा (तेल कलश) यात्रा 18 अप्रैल को राज दरबार नरेंद्रनगर टिहरी गढ़वाल से सादगीपूर्ण रूप से सीधे बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना होगी। जानकारी के मुताबिक इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जायेगा | श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 30 अप्रैल प्रात: 4 बजकर 30 मिनट पर खुलेंगे।
श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट 29 अप्रैल को प्रात: 6 बजकर 10 मिनट पर खुल रहे हैं। जबकि, श्री गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया 26 अप्रैल दिन में 12 बजकर 35 मिनट पर खुलेंगे। इसी तरह श्री यमुनोत्री धाम के कपाट 26 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 41 मिनट में खुलेंगे। मंदिरों के रावल एवं पुजारी नियमित पूजा-अर्चना करेंगे।
केंद्रीय धार्मिक पंचायत के अध्यक्ष विनोद डिमरी ने न्यूज़ टुडे को बताया कि पंचायत के चार प्रतिनिधि 17 अप्रैल को श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के ऋषिकेश स्थित चंद्रभागा विश्राम गृह पहुंच जाएंगे।
उनके मुताबिक 18 अप्रैल को राज दरबार से भगवान बद्री विशाल के अभिषेक में प्रयुक्त होने वाले तिलों के तेल का कलश (गाडू घड़ा) लेकर श्री बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना होंगे। उन्होंने बताया कि श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर डिम्मर में 26 अप्रैल तक गाडू घड़ा की पूजा होगी।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने न्यूज़ टुडे से चर्चा करते हुए कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार विशेष एहतियात रखी जा रही है | सरकारी दिशा निर्देशों का पूर्ण पालन किया जा रहा है |
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के चारों धामों के कपाट पूर्व निर्धारित तिथियों एवं समय पर ही खुलेंगे। इसमें कोई तब्दीली नहीं की गई है | उन्होंने बताया कि लॉक डाउन के नियमो का पालन किया जा रहा है | उन्होंने बताया कि इस दौरान सरकारी एडवाइजरी और सामाजिक दूरी का पूर्णत अनुपालन किया जाएगा।