सड़कों पर कोरोना संक्रमितों के शव , अपनों का शव सड़क पर छोड़कर जा रहे लोग , घर से बाहर निकलना तक हुआ मुश्किल , ऑथारिटी और वालेंटियर शवों को इक्क्ठा कर जलाने में जुटे , रोजाना गली-चौराहों में मिल रहे है दर्जनों शव

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इक्वाडोर वेब डेस्क / कोरोना वायरस ने इस कदर दहशत फैलाई है कि संक्रमण से बचने के लिए कई घर परिवारों ने अपने प्रिय सदस्यों के शव सड़कों पर लावारिश छोड़ दिया है | कई लोग ऐसे है जिन्होंने अस्पताल पर मौत होने पर अपने परिजनों के शवों की मांग नहीं की | लेकिन होम क्वारंटाइन वाले मरीजों के शव घरों से निकाल बाहर कर उसे सड़कों में रख देने के कई मामले सामने आये है | दुनिया में कोरोना ने कहर बरपा रखा है , और अब तक 1 लाख 25 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है | इस महामारी से कई देशों में इतने लोगों की मौत हो गई है कि उनके अंतिम संस्कार के लिए लंबी लाइनें लगी हुई हैं और कई दिनों तक लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है. ऐसे में लैटिन अमेरिकी देश इक्वाडोर में कोरोना से मरने वाले लोगों के शवों का जो अपमान हो रहा है उसे जानकर आप इस महामारी की भयावहता का अंदाजा लगा सकते हैं |

इक्वाडोर में कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के शवों को अब लोग सड़कों पर ही छोड़ देने के लिए मजबूर हो गए हैं. परिजन शवों को रास्ते पर ही छोड़कर लौट जा रहे हैं क्योंकि उन्हें दफनाने के लिए उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं मौत के बढ़ते आंकड़ों के बाद अब वहां शवों के अंतिम संस्कार के लिए जगह कम पड़ने लगी है. रोज दर्जनों शव दफानाए जा रहे हैं | ऑथारिटी रोजाना सैकड़ों शवों को गली चौराहों नुक्क्ड़ो और कालोनियों के मुख्य मार्गों से बरामद कर रहे है | इस दौरान उनके पास शवों की शिनाख्ती तक का टाइम नहीं है | संक्रमण से बचाने के लिए कूड़े कचरे की तरह शवों को उठाकर गाड़ियों में रखा जा रहा है और फिर उन्हें शहर से बाहर नष्ट किया जा रहा है |

इक्वाडोर में स्थानीय प्रशासन कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी को लेकर परेशान हैं | स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी की वजह से कई लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा है और जब इसके बाद मरीज की मौत हो रही है तो उन्हें दफनाने के लिए जगह भी नहीं है | इक्वाडोर में इस वक्त दस हजार से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं जबकि 1850 से ज्यादा लोगों की जान इस महामारी ने ले ली है | एक स्थानीय महिला ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से उसके माता-पिता की मौत हो गई लेकिन उनका शव सड़क पर पड़ा हुआ है और उन्हें अंतिम संस्कार के लिए जगह का इंतजार है | यहां डाक्टरों की कमी के चलते लोगों का इलाज तक नहीं हो पा रहा है | संक्रमण की वजह से कई मेडिकल स्टाफ क्वारंटाइन है | इसके चलते इन अस्पतालों के शटडाउन हो गए |