डॉगी के बच्चों के लिए छिड़ी जुबानी जंग अब पहुंची अदालत , दो महिलाओं ने डॉगी के बच्चों पर अपने अपने मालिकाना हक का ठोका दावा , अथॉरिटी मुश्किल में , अब कानूनी जंग के बीच अदालत के फैसले का इंतजार , जानें पूरा मामला

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जोधपुर / आमतौर पर कुत्तों की वफ़ादारी के किस्से गाहें-बगाहें पढ़ने को मिल ही जाते है | लेकिन इस बार कुत्तों के मालिकाना हक़ को लेकर दो महिलाओं के बीच छिड़ी जुबानी जंग क़ानूनी दांवपेचो में उलझ गई है | मामला अदालत तक पहुंच गया है | कुत्तों की मांग को लेकर आमने-सामने आई दोनों महिलाएं संपन्न परिवार की है | शहर में इस मामले की चर्चा लोगों की जुबान पर है | लोग भी अदालती जंग को लेकर हैरत में है | दरअसल, शहर में दो महिलाओं के बीच डॉगी के बच्चों को अपने कब्जे में रखने को लेकर लड़ाई चल रही है। इसमें एक महिला ने दूसरी महिला पर आरोप लगाया है कि वह कुत्तों के बच्चों को जबरदस्ती ले जा रही थी। दोनों महिलाओं ने सरकारी अधिकारियों के समक्ष अपना-अपना पक्ष रखा था | जब मामला नहीं सुलझा तो दोनों ने पुलिस के पास पहुंचकर एक दूसरे के खिलाफ शिकायत की | 

प्रतीकात्मक तस्वीर 

बताया जाता है कि रातानाड़ा क्षेत्र के सेंट्रल स्कूल स्कीम इलाके में रहने वाली संगीता सुराणा ने एक अन्य महिला पर जोर जबरदस्ती उनके कुत्ते छीनने का आरोप लगाया है | उनका आरोप है कि ये ,महिला उनके डॉगी के बच्चों को जबरन ले जा रही थी। श्रीमती सुराणा ने रतानाड़ा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करा दी। संगीता का कहना है कि जब तक उनको डॉगी के बच्चे वापस नहीं मिलते हैं, वह अन्न का एक भी दाना नहीं खाएंगी। उधर जोधपुर के सेक्टर-7 में रहने वाली रीमा मैसी का कहना है कि उन्होंने डॉगी के इन बच्चों की जान बचाई है। उन्होंने अपनी दलील में कहा कि ये कुत्ते नगर निगम के बाड़े में बंधक थे , उन्होंने उन्हें छुड़वाया है।

उधर रीमा मैसी के मुताबिक बेरहमी से डिब्बे में बंद करके रखे गए कुत्तों को नगर  निगम ने संगीता के घर से रेस्क्यू कराया है । इसके बाद इन बच्चों पर उनका हक़ खत्म हो गया है |  रीमा का दावा है कि उन्होंने पुलिस की मौजूदगी में डॉगी के बच्चों की जान बचाई। इसलिए ये बच्चे उनके है |  फ़िलहाल डॉगी के बच्चे नगर निगम के कब्जे में है | जब तक फैसला नहीं हो जाता , तब तक इन बच्चों की देखभाल अब निगम को करनी पड़ेगी | उधर निगम अफसरों के मुताबिक एक शिकायत के बाद उसे सुलझाना अब उनके गले की मुसीबत बन गया है |