Nan Scam : PM और HM साहेब ध्यान दें ,सेन्ट्रल IB के छत्तीसगढ़ में तैनात अफसर घोटालेबाजो के जेब में ? दिल्ली की सड़को में घूम रहे IAS और IPS अफसरों के दावे से बघेल सरकार के हौसले बुलंद

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दिल्ली : आज सुप्रीम कोर्ट में छत्तीसगढ़ में 36 हजार करोड़ के नान घोटाले की महत्वपूर्ण सुनवाई पर फैसले की घडी आती हुई दिखाई दे रही है | ऐसे समय घोटालेबाजो के हिमायती छत्तीसगढ़ कैडर के दर्जनों अफसरों ने दिल्ली में डेरा डाला हुआ है | इनमे से कई अफसरों ने केंद्रीय एजेंसियों की हर एक जानकारी हासिल करने के लिए अपना नेटवर्क फैलाया हुआ है | ये अफसर मुख्यमंत्री बघेल और उनकी टोली के लिए अपनी निष्ठा और वफ़ादारी साबित करने के लिए सिविल सर्विस कोड ऑफ़ कंडक्ट को भी दांव पर लगा दिया है |

दिल्ली की सड़को में इन दिनों बेफिक्री के साथ चहल -कदमी कर रहे अफसरों का दावा है कि उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता | कायदे कानूनो को रद्दी की टोकरी में डालकर ये अफसर खुला एलान कर रहे है कि छत्तीसगढ़ सेंट्रल आईबी उनकी जेब में है | उसके अफसर प्रदेश ख़ुफ़िया विभाग और उसके जनसम्पर्क आयुक्त को पहले रिपोर्ट करते है ,फिर खानापूर्ति वाली सूचनाए भारत सरकार तक भेजते है | उनका यह भी दावा है कि आईबी का पूरा ध्यान रखा गया है | उनके आवास से लेकर हर जरूरते पूरी करने से वे चैन की बंशी बजा रहे है ,और वे यहां अपनी सरकार को बचाने में जुटे है |

दिल्ली की एक होटल में जाम छलका रहे इस वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने यह दावा उस वक्त किया जब न्यूज़ टुडे संवाददाता राज्य की पुलिस व्यवस्था पर चर्चा करने के लिए देर रात उस होटल में पहुंचे थे | हालाँकि इस तथ्य पर हैरानी इसलिए नहीं हुई क्योंकि धरातल में यह नजर भी आने लगा है | अपितु यह दावा कितना सटीक साबित हो रहा है ,यह आईबी ही जाने ,लेकिन उसकी बेरुखी चर्चा में है |  

बताया जाता है कि सेंट्रल आईबी की साख पर बट्टा लगने के बाद कई सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओ ने आईबी से काफी पहले दूरिया बना ली है | हाल ही में छत्तीसगढ़ के कई जिलों में ईडी और आईटी की रेड के दौरान यह दिखाई भी दिया था | सोशल मीडिया में छापे की ख़बरें आने के बाद आईबी को छापो की जानकारी लगी थी | केंद्र सरकार के ज्यादातर अधिकारी आईबी के संपर्क में आने से भी कतरा रहे है |

उन्हें अंदेशा है कि आईबी ही कही उनकी सूचनाएं बघेल सरकार को ना सौंप दे | बताया तो यह भी जा रहा है कि आईबी की निकटता के चलते बीजेपी समेत कई दलों ने सूचनाओं के आदान -प्रदान को लेकर उससे मुँह मोड़ लिया है | यही हाल प्रदेश के कई जनप्रतिनिधियों का है | कोई भी उसके करीब जाने से हिचकने लगा है | बताया जाता है कि दर्जनों IAS और IPS अफसर नान घोटाले के आरोपियों को बचाने के लिए लम्बे समय से अपना कार्यालय छोड़ दिल्ली में टिके है | वो शासन से नहीं बल्कि घोटालेबाजो से वफादारी निभाने के लिए अखिल भारतीय सेवाओं की धज्जियाँ उड़ा रहे है | 

दिल्ली में डेरा डाले इन अफसरों ने केंद्र सरकार की फजीहत का पूरा बंदोबस्त कर रखा है | ईडी ,आयकर समेत कई संस्थानों में घुसपैठ कर जांच प्रभावित करने के मामलो में उनका वक्त बीत रहा है | वो पल -पल की सूचनाएं अपने आकाओ को दे रहे है | केंद्रीय जांच एजेंसियों के अलावा कुछ चुनिंदा पत्रकारों के मोबाइल फोन की अवैध फोन टेपिंग की खबरे भी आ रही है | छत्तीसगढ़ शासन के ख़ुफ़िया बजट का बहुत बड़ा हिस्सा राजनैतिक चंदे और घोटालेबाजो के कोर्ट -कचहरी में व्यय किये जाने की खबर है |

अफसरों की आवाजाही के लिए रायपुर-दिल्ली एयरपोर्ट में विमानन कंपनियों ने भी मेहमान नवाजी की पूरी तैयारी की है | दिल्ली की कई बड़ी होटलो में उनके लिए कमरे आरक्षित रखे गए है | मौजूदा बघेल सरकार में ऐसे अफसरों की तूती बोल रही है | ये अफसर अपने कर्तव्यों को धत्ता बताकर सभी प्रकार के अपराधों को अंजाम दे रहे है | राज्य सरकार की ओर से भी उन्हें भरपूर सरंक्षण प्राप्त है |नतीजतन आईबी की सही और पुख्ता जानकारी के आभाव में यह राज्य ब्लैकमनी और साजिशो का गढ़ बन गया है |

आईएएस और आईपीएस अफसरों के काले कारनामो से प्रदेश की जनता और मीडिया जगत में भय का माहौल बन गया है | पत्रकारों को झूठे मामलो में फंसा कर सच्चाई को दबाने का आपराधिक षड़यंत्र जारी है |बताया जाता है कि नान घोटाले ,केंद्रीय फंड का दुरूपयोग समेत सरकार की विभिन्न योजनाओ में भ्रष्टाचार उजागर करने वाले पत्रकारों को झूठे मामलो में फ़साने के लिए सत्ताधारी दल और अफसर रोजाना नए षड़यंत्र रच रहे है | वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव ,नीलेश शर्मा और भूपेंद्र परमार समेत दर्जनों पत्रकार इस साजिश की भेंट चढ़ चुके है | इन पत्रकारों की सक्रियता देखकर फिर उन्हें झूठे मामलो में फ़साने की कवायत जोरो पर है |आईएएस और आईपीएस अफसरों की अपने दफ्तरों से नदारदगी शासन का कामकाज प्रभावित कर रही है |