जांजगीर में उमंग और उत्साह पूर्वक मनाया गया गणतंत्र की 71वीं वर्षगांठ, विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली, कोरोना वारियर्स सहित उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी, कर्मचारी, शहीद जवानों के परिजन हुए सम्मानित,

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रिपोर्टर – केशव बघेल 

जांजगीर -चांपा / जिला मुख्यालय में गणतंत्र की 71 वीं वर्षगांठ उमंग और हर्षोल्लासपूर्ण माहौल में मनाया गया। जांजगीर के हाईस्कूल मैदान में आयोजित गरिमामय जिला स्तरीय समारोह में छत्तीसगढ़ राज्य विधानसभा के अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली। मुख्य अतिथि के कर कमलों द्वारा सद्भावना, विविधता में एकता के प्रतीक रंग बिरंगे गुब्बारे आकाश में छोड़े गए। डॉ महंत ने शहीद पुलिस कर्मियों के परिजनों से मुलाकात कर उनका कुशल क्षेम पूछा और साल-श्रीफल से उनका सम्मान किया। मुख्य अतिथि डॉक्टर महंत के करकमलों से कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए चिकित्सकों, अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए उनका सम्मान किया गया ।

  समारोह को संबोधित करते हुए डॉ महंत ने गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी । उन्होंने कहा कि आज के दिन हम सब का संकल्प होना चाहिए कि हमारे प्रयासों और योगदान से हमारा यह गणतंत्र मजबूत हो। पिछले वर्ष मार्च से लेकर अब तक विश्व और हमारा देश कोरोना महामारी कोविड-19 के संक्रमण से प्रभावित रहा। इस त्रासदी से प्रदेश और देश में अनेक लोगों ने पारिवारिक वेदना को सहा है। इन प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच अब सुखद सूचना भी है कि हमारे देश और प्रदेश में कोविड-19  वैक्सीनेशन आरंभ हो गया है। इस अभियान को सफल बनाने सहयोग प्रदान करें, धैर्य बनाए रखें । डॉ महंत ने कहा कि नई पीढ़ी को यह विशेष रूप से जानना चाहिए कि गणतंत्र दिवस का पावन पर्व हम सब भारतीयों के लिए विशेष महत्व रखता है। 15 अगस्त 1947 को आजादी के उपरांत हमारा सर्वप्रथम लक्ष्य था, अपने राष्ट्रीय संविधान का सृजन। देश के महान विचारकों, बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों, राजनीतिज्ञों ने संविधान सभा में विचार विमर्श के उपरांत हमारे संविधान की रचना की और 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ, तथा भारत पूर्ण गणतांत्रिक राष्ट्र बना।

हमारा संविधान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों की प्रति छाया है। संविधान के नीति निर्देशक तत्वों से यह तथ्य प्रमाणित होता है कि हमारे भारतीय संविधान का आधार बापू के आदर्श और सिद्धांत ही हैं।विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार की इस बात के लिए प्रशंसा करता हूं कि सरकार ने गढ़़बो नवा छत्तीसगढ़ को सिर्फ एक नारे तक सीमित नहीं रखा। बल्कि इसे एक संकल्प के रूप में अपने कार्य व्यवहार में शामिल किया। विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से इस संकल्प को और भी मजबूती मिली है। राज्य में राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना का सुखद प्रभाव राज्य के किसानों के खुशहाल चेहरों पर पढ़ा जा सकता है।

इस योजना के सफल क्रियान्वयन में देश में पंचायती राज और कंप्यूटर क्रांति के जनक आधुनिक भारत के शिल्पी भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी के ग्राम विकास और जनकल्याण के संकल्प को छत्तीसगढ़ में व्यवहारिक रूप से पूर्ण करने में जो सफलता हासिल की है, इसके लिए राज्य सरकार बधाई की पात्र है। गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के सपने को साकार करने की एक ईमानदार कोशिश की है। ‘‘नरवा, गरवा, घुरवा, बारी छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी‘‘ छत्तीसगढ़ राज्य की एक महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति और वातावरण के अनुरूप राज्य के विकास की कार्य योजना को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं ।उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस राष्ट्रीय पर्व पर राष्ट्रीय एकता, सद्भावना, अखंडता, देश प्रेम, त्याग तथा सेवा के सिद्धांतों पर चलते हुए व्यक्तिगत राग द्वेष, जातिवाद और क्षेत्रवाद की भावना से ऊपर उठकर हम पूज्य कबीर साहेब एवं बाबा गुरु घासीदास जी के आदर्शों के अनुरूप नया छत्तीसगढ़ गढ़ेंगें । और गढ़बो छत्तीसगढ़ का संकल्प पूर्ण कर देश को मजबूत बनाते हुए एक नए स्वर्णिम युग के निर्माण का सपना साकार करेंगे।

देश की एकता, अखंडता के साथ संविधान प्रदत्त नागरिक अधिकारों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी- मुख्यमंत्री

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  समारोह में कलेक्टर यशवंत कुमार ने मुख्यमंत्री का जनता के नाम प्रेषित संदेश का वाचन किया। जिसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की जनता का हार्दिक अभिनंदन करते हुए कहा कि हमारे संविधान की सबसे बड़ी बात यह है कि इसे हम भारत के लोगों ने स्वयं बनाया है और स्वयं को आत्मनिर्भर किया। डॉक्टर अंबेडकर के संविधान के संबंध में कथन कर उल्लेखित करते हुए कहा कि मैं महसूस करता हूं कि संविधान चाहे कितना भी अच्छा क्यों न हो, यदि वे लोग जिन्हे संविधान को अमल में लाने का काम सौंपा जाए, खराब निकले तो निश्चित रूप से संविधान भी खराब सिद्ध होगा।
 

मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में गत 2 वर्ष में छत्तीसगढ़ में हुए विकास कार्यों, जनहितकारी योजनाओं और उपलब्धियों का उल्लेख किया। इनमें राजीव गांधी न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुराजी गांव योजना, के तहत नरवा गरवा घुरवा बारी के विकास में रोजगार के नए अवसर, कुपोषण से लड़ने, गोबर खरीदी कर वर्मी कंपोष्ट खाद निर्माण एवं कलात्मक वस्तुओं का निर्माण में युवा बेरोजगारों के लिए रोजगार के नए अवसर, डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना, मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना, कोरोना वायरस का सामना, इलाज की व्यवस्था,  प्रवासी मजदूरों की घर वापसी, कोविड-19 टीकाकरण आदि का उल्लेख है। उन्होंने कोविड-19 टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए लोगों से अपील की, ताकि इस वैश्विक महामारी से छत्तीसगढ़ को मुक्त किया जा सके। मुख्यमंत्री नेअपने संदेश में विश्वास दिलाया कि देश की एकता, अखंडता के साथ प्रदेश में संविधान प्रदत्त नागरिक अधिकारों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। समाज के किसी भी वर्ग पर यदि कहीं कोई भी संकट आता है तो हमारी सरकार उनके साथ चट्टान की तरह खड़ी मिलेगी।

शहीद पुलिस कर्मियों के परिजनों का हुआ सम्मान –

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डाॅ. महंत ने शहीद पुलिस कर्मियों के परिजनों से मुलाकात कर उनका कुशल क्षेम पूछा और साल-श्रीफल से उनका सम्मान किया। डॉ महंत ने शहीद रामशंकर पाण्डे, रामकुमार कश्यप, अजीत सिंह, मनोहर चंद्रा, ललित खरसन, लोकेश टडंन, मनोज बरेठ, रामलाल कवंर और रूद्र प्रताप सिंह के परिजनों का  साल और श्रीफल भेंट कर उनका सम्मान किया ।  इस अवसर पर जांजगीर-चांपा लोकसभा सांसद गुहाराम अजगल्ले, विधायक नारायण प्रसाद चंदेल, रामकुमार यादव, इंदु बंजारे,  जिला एवं सत्र न्यायाधीश जगदंबा राव, जिला पंचायत उपाध्यक्ष राघवेन्द्र प्रताप सिंह, नगरपालिका अध्यक्ष भगवानदास गढ़ेवाल, उपाध्यक्ष आशुतोष गोश्वामी,  एसपी पारूल माथुर, पूर्व विधायक चुन्नीलाल साहू, डाॅ. चोलेश्वर चंद्राकर, दिनेश शर्मा, श्री रवि पाण्डे, देवेश सिंह, मंजू सिह, शेषराज हरबंश, शशिकांता राठौर सहित गणमान्य नागरिक व जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।