बैतूल वेब डेस्क / मध्य प्रदेश के बैतूल में कोरोना खौफ लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है | इस दौरान कई जिम्मेदार अधिकारी भी अपने कर्तव्यों को भूलकर गैर-जिम्मेदारी और अंधविश्वास को फैला रहे है | पुलिस के एक अफसर ने कोरोना से बचने के लिए एक प्राचीन मंदिर का नाम ही कोरोना महादेव मंदिर रख दिया | इसके पूर्व तक यह मंदिर शंकर मंदिर के नाम से जाना जाता था | बताया जाता है कि एक थानेदार ने रिटायर होने से पूर्व मंदिर का जीर्णोद्धार कर यहां भगवान शंकर की मूर्ति स्थापित कराई | इसके बाद मंदिर का नाम कोरोना वाले महादेव रख दिया |
मध्य प्रदेश के बैतूल जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर चिचोली कस्बे में स्थित यह मंदिर इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है | थाना परिसर में बने इस मंदिर को लोग दूर दूर से देखने आ रहे है | लेकिन भगवान शंकर का नाम कोरोना महादेव रखने से वे नाराज दिख रहे है | उनकी दलील है कि इसके चलते उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हो रही है | वे इस मंदिर का नाम बदलने की मांग कर रहे है | हालांकि, थानेदार से जुड़े एक-दो लोग जरूर यहां पूजा- पाठ के लिए पहुंच रहे हैं | संगमरमर से बनी इस मूर्ति को स्थापित करने के बाद इस मंदिर को कोरोना महादेव मंदिर नाम दे दिया गया |
उधर कुछ लोगों की दलील है कि यहां विराजित शंकरभगवान की कृपा से इलाके में अब तक कोरोना का एक भी पॉजिटिव केस नहीं आया है | लोग बताते है कि थाना परिसर में यह शिव मंदिर बेहद पुराना है | वर्षों पहले इसकी मूर्ति खंडित हो गई थी | कुछ माह पूर्व यहां तैनात टीआई आरडी शर्मा ने इसके जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया | उन्होंने यहां नई मूर्ति स्थापित करवा दी | लेकिन कोरोना महादेव नाम देकर उन्होंने एक नया विवाद भी खड़ा कर दिया | उधर मंदिर का जीणोद्धार करने वाले रिटायर हुए श्री शर्मा का दावा है कि शिव भगवान की वजह से ही चिचोली इलाका कोरोना से मुक्त है और पूरे जिले में कोई अनहोनी नहीं हुई है |