छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के चलते हैरत में सरकार, रोजाना ढाई – तीन हज़ार से ज्यादा टेस्ट की कवायत, प्रत्येक जिले में टू-नेट मशीन लगाकर संक्रमण की रोकथाम का प्रयास, 40 मिनट में कोरोना रिपोर्ट तैयार होने का दावा

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रायपुर / छत्तीसगढ़ में कोरोना का संक्रमण तेजी से फ़ैल रहा है | राज्य में लगातार कोरोना ग्रसित मरीजों के सामने आने के बाद राज्य सरकार ने अब ज्यादा टेस्टिंग पर जोर दिया है | जानकारी के मुताबिक रविवार रात तक प्रदेश में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा बढ़कर 3207 हो गया है। इसमें 2578 मरीज ठीक होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हो चुके हैं।

जबकि एक्टिव मरीजों की संख्या 615 हो गई है। वहीं राज्य में अब तक 14 मरीजों की इस महामारी से मौत हो चुकी है। इस बीच प्रदेश के ज्यादातर जिलों में टू नेट मशीन स्थापित करने का फैसला लिया गया है। अभी तक रायपुर, बिलासपुर और अंबिकापुर में टू-नेट मशीन से कोरोना जांच जारी है। लेकिन अब अन्य जिलों में भी इसे स्थापित किये जाने की कोशिशे जारी है |

बताया जा रहा है कि अब राज्य में रोजाना ढाई – तीन हज़ार से ज्यादा टेस्ट करने पर जोर दिया जा रहा है | यदि यह संभव होता है तो प्रदेश में संक्रमितों को जहाँ जल्द इलाज मिलेगा वही इसकी रोकथाम भी समय पर की जा सकेगी |

जानकारी के मुताबिक छोटे शहरों में यदि टू-नेट मशीन स्थापित की जाती है तो एक ओर जहाँ सैंपल की पेंडेंसी खत्म हो जाएगी, वही सैंपल की जांच उन्हीं जिलों में संभव हो पाएगी। राज्य सरकार ने संयुक्त रूप से मशीनों की खरीदी की प्रक्रिया को गति दी है | बताया जाता है कि टू -नेट मशीन को इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च ने आरटी-पीसीआर टेस्ट के बराबर दर्जा दिया है।

बताया जाता है कि टू नेट मशीन कम खर्च में इंस्टॉल हो सकती है। इसके लिए बड़े सेटअप की जरूरत नहीं। जबकि आरटी-पीसीआर मशीन के लिए बड़े सेटअप की जरूरत होती है। जानकारी के मुताबिक टू-नेट मशीन में एक साथ 8-10 सैंपल जांचे जा सकते हैं | सरकार का दावा है कि इससे नतीजे 40-45 मिनट में आ जाते हैं।

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जबकि आरटी-पीसीआर मशीन में एक साथ 90 का टेस्ट 6 घंटे में पूरा होता है। यही नहीं आरटी-पीसीआर टेस्ट में एक टेस्ट का खर्च 4500 रुपए आता है, जबकि टू-नेट से 1000 से 1500 रुपए के बीच आँका गया है |