नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज ओटीटी (ओवर द टॉप) प्लेटफॉर्म पर दिखाए जाने वाले आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कुछ ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अश्लील सामग्री प्रसारित की जा रही है। इसकी स्क्रीनिंग होनी चाहिए। तांडव वेब सीरीज पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदातल ने मौखिक रूप से यह टिप्पणी की है। कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान कहा कि,केंद्र सरकार से नेटफ्लिक्स और एमेजॉन प्राइम वीडियो जैसे ओटोटी से जुड़े रेगुलेशन्स को कोर्ट में पेश करने करने को कहा। अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि इन प्लेटफॉर्म्स पर फिल्म रिलीज किए जाने से पहले उनकी स्क्रिनिंग होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि, कभी-कभी इस प्लेटफॉर्म पर पोर्नोग्राफी भी दिखाई जाती है। कोर्ट ने कहा कि पब्लिक के सामने लाने से पहले इनकी स्क्रीनिंग करने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने ये बातें अमेजन प्राइम कंटेंट हेड अपर्णा पुरोहित की याचिका पर सुनवाई के दौरान कहीं। अमेजन प्राइम की वीडियो हेड ने इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज किए जाने को चुनौती दी है। कोर्ट ने कहा कि अमेजन प्राइम की इंडिया प्रमुख अपर्णा पुरोहित की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को की जाएगी।
बता दें कि विवादास्पद वेब सीरीज ‘तांडव’ में हिंदू देवी-देवताओं के प्रति कथित आपत्तिजनक सामग्री डाले जाने के आरोप में केस दर्ज कराया गया था | सीरीज में हिंदू देवी देवताओं का कथित रूप से अपमानजनक चित्रण किए जाने के आरोप में हजरतगंज कोतवाली में अपर्णा पुरोहित के साथ-साथ सीरीज के निर्देशक अली अब्बास, निर्माता हिमांशु कृष्ण मेहरा और लेखक गौरव सोलंकी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था |
सरकार ले आई है OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए गाइडलाइंस
आईटी व सूचना प्रसारण मंत्रालय ने पिछले हफ्ते एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घोषणा की थी कि वो सोशल मीडिया और OTT प्लटेफॉर्म्स के लिए कुछ गाइडलाइंस ला रही है | इन गाइडलाइंस के तहत ओटीटी प्लेटफॉर्म और डिजिटल मीडिया के लिए यह प्रावधान रखा गया है कि उन्हें अपने काम की जानकारी देनी होगी कि वे कैसे अपना कंटेंट तैयार करते हैं | साथ ही सेल्फ रेगुलेशन भी अपनाना होगा | गाइडलाइंस के तहत एक नियमन इकाई भी बनाने की बात थी, जिसके तहत प्लेटफॉर्म्स को सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज या कोई अन्य व्यक्ति के हेड करने की बात थी |