कानून व्यवस्था पर सदन में विपक्ष का जोरदार हंगामा, गर्भगृह में धरना, विधानसभा अध्यक्ष ने सभी सदस्यों को किया निलंबित, सदन स्थगित

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रायपुर। प्रश्नकाल के प्रथम दिन विधानसभा में विपक्ष ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को लचर बताते हुए स्थगन प्रस्ताव दिया था। विपक्ष ने आसंदी से संरक्षण मांगते हुए स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए सदन की कार्यवाही रोककर चर्चा कराए जाने की मांग रखी थी। इसकी मान्यता पर चर्चा के लिए विपक्ष की ओर से वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने सबसे पहले अपना तर्क रखा। इसके पश्चात पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने बात रखी।

जिसके बाद विपक्ष के दोनों वरिष्ठ सदस्यों के तर्क को सुनने के बाद आसंदी ने मान्यता पर चर्चा को समाप्त करते हुए सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया। इससे भड़के विपक्ष के सदस्यों ने अपनी जगह पर खड़े होकर सरकार पर मनमानी और दादागिरी का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। पश्चात सभी सदस्य ने गर्भगृह में प्रवेश किया और धरने पर बैठ गए।

विपक्ष की उद्दंडता पर विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. चरण दास महंत ने इसे सदन की परंपरा का उल्लंघन करार दिया और आसंदी की अवमानना बताते हुए विपक्ष के सभी सदस्यों को निलंबित करते हुए सदन की कार्यवाही को पांच मिनट के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद भी विपक्ष के सभी विधायक गर्भगृह में धरने पर कुछ देर तक बैठे रहे।

कुछ देर बाद विपक्ष के सभी सदस्य सदन के बाहर गांधी की प्रतिमा के पास जाकर धरने में बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। विपक्ष के इस रवैये को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. महंत ने कल तक के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया।