रायपुर : छत्तीसगढ़ की सुपर सीएम सौम्या चौरसिया का 14/12/2022 को समस्त श्रोतो से औसत वजन 91 किलो 242 ग्राम था। बताते है कि इस दिन सौम्या को ED ने गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया था,पेशी में उपस्थित होने से पूर्व ED की टीम ने सरकारी अस्पताल में सौम्या का मेडिकल चेकअप कराया था। बताया जाता है कि सौम्या चौरसिया,पैरो में चप्पल, हाथ और गले में लटकी वस्तुओं के साथ अस्पताल में वजन नापने की मशीन पर चढ़ पड़ी थी। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान आरोपी सौम्या का कुल वजन 91 किलो 242 ग्राम आँका गया था। बताते है कि जेल में दाखिल होने वाले प्रत्येक अभियुक्त का हुलिया समेत पूरा वजन जेल रिकॉर्ड में नए सिरे से दर्ज किया जाता है।
बताते है कि सौम्या चौरसिया को भी इस प्रक्रिया से गुजरना पड़ा था। इस दौरान भी उसका वजन जस का तस,अर्थात ED द्वारा प्रस्तुत मेडिकल रिपोर्ट में जितना दर्ज है,उतना ही पाया गया था। बताते है कि 2 दिन पूर्व जेल प्रशासन ने सौम्या के स्वास्थ्य का जायजा लिया है। इस दौरान वजन नापने वाले जेल प्रहरी मशीन का कांटा देखकर हैरत में पड़ गए। बताते है कि वजन नापने की मशीन पर कांटा पहली बार “इधर से उधर” नजर आया। बताते है कि पहले तो जेल प्रहरियों को अपनी आँखों पर यकीन नहीं हुआ। लेकिन मशीन को ठोक-बजाने के बाद उसकी ईमानदारी पर उन्हें यकीन करना ही पड़ा। बताते है कि रायपुर सेंट्रल जेल में महिला कैदियों के आगमन और गमन को लेकर कई यादगार मौको से जेल प्रहरी गुजरे है। लेकिन यह पहला मौका है जब किसी महिला बंदी के “आकार-प्रकार” में इतना बदलाव उन्होंने महसूस किया है।
प्रहरियों ने जेल में किसी बंदी के बढ़ते वजन का रचनात्मक नजरिए से आंकलन भी किया है। नाम ना जाहिर करने की शर्त पर जेल प्रहरियों ने बताया कि VIP बंदी होने के चलते आम कैदियों के भोजन-पानी में कटौती करते हुए उसी मद से ED के आरोपियों की तीमारदारी हो रही है। जेलर ने जेल एक्ट को रद्दी की टोकरी में डाल दिया है।
जानकारी के मुताबिक जेल में दो प्रकार के कैदियों के बीच आम जिंदगी गुजरती है। इनमे से एक सजायाफ्ता मुजरिम और दूसरे विचाराधीन कैदी या बंदी होते है,दोनों बंदियों का अलग-अलग डाइट प्लान होता है,इसके तहत ही उन्हें रोजाना चाय-नाश्ता और भोजन-पानी मुहैया कराया जाता है। खाने में प्रतिदिन प्रति ग्राम डाइट के अलावा ईंधन का व्यय भी जेल नियमावली में दर्ज है। जेल में इलाज़ की माकूल व्यवस्था भी की गई है। यही नहीं सप्ताह में एक दिन सामान्य खान-पान के साथ चना-गुड़ और हलवा भी कैदियों को परोसा जाता है।
बताते है कि जेल का भोजन सामान्य लोगो को “रास” नहीं आता। भोजन में मसालो,नमक-मिर्च तक का भी दूर-दूर तक अता पता नहीं होता। सामान्य बंदियों के लिए यह अरुचिकर भोजन सिर्फ पेट भरने की कवायत होता है। लेकिन जेल में कई ऐसे आदतन अपराधी भी होते है,जिनके लिए अंदर-बाहर होना कोई नई बात नहीं होती। बताते है कि ऐसे अपराधी सिर्फ मेहमाननवाजी और आराम फरमाने जेल की हवा खाते है,यहां उनकी अच्छी खातिरदारी होती है। बताते है कि मुफ्त में खाना-पीना और कंबल तानकर सोना बंदियों की आम दिनचर्या है।
जानकारी के मुताबिक सजायाफ्ता मुजरिम जेल में शारीरिक श्रम से जुड़े कार्य करते है,जबकि विचारधीन कैदियों के पास कोई श्रम कार्य नहीं होता। ऐसे बंदी सिर्फ अपनी रिहाई का इंतजार करते नजर आते है। ऐसे कठिन समय बगैर कार्य के जेल का माहौल उन पर भारी पड़ता है,दिनो दिन ना केवल उनकी सेहत घटती चली जाती,बल्कि वे कई बिमारियों से ग्रसित भी हो जाते है। ऐसी विपरीत परिस्थितयों में भी सेहत बरकारर रखना किसी भी बंदी के लिए बड़ी चूनौती होती है। बताते है कि जेल में किसी भी कैदी का वजन घटना आम बात है,लेकिन सरकारी मेहमान नवाजी के बावजूद वजन का बढ़ जाना किसी चमत्कारिक घटना से कम नहीं बताया जा रहा है। बताते है कि किसी भी परिस्थिति में अपना उल्लू सीधा करने में हुनरबाज लोगो का ही जेल में वजन बढ़ते देखा गया है। जेल के जानकार बताते है कि यह अनोखी घटना कई सालो में किसी खास इलाके में ही होती है।
छत्तीसगढ़ में कोल खनन परिवहन घोटाले में सौम्या की जमानत को लेकर 28 मार्च 2023 को सुनवाई होनी है। बताते है कि उसकी रिहाई को लेकर बघेलखण्ड ने एड़ी-चोटी का जोर लगाया है। सूत्रों के मुताबिक सिर्फ सौम्या की रिहाई के लिए 100 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है। इसके लिए बिलासपुर से लेकर दिल्ली तक देश के सर्वाधिक महंगे वकीलों की तैनाती की गई है। उनकी आवाजाही के लिए चार्टर प्लेन का भी बंदोबस्त किया गया है। यह भी बताया जा रहा है कि सौम्या की जमानत के लिए नए सिरे से तथ्य जुटाए गए है।इसके लिए “सरोगेसी” से उत्पन्न बच्चो की देखभाल और मेडिकल रिपोर्ट का बनावटी हवाला भी जुटाया गया है। सूत्रों के मुताबिक,अनिल टुटेजा और विधि सचिव रामकुमार तिवारी की गैर जिम्मेदारी एवं आपराधिक कृत्यों से परिपूर्ण कार्यप्रणाली के जरिए न्यायपालिका को प्रभावित करने का प्रयास भी जोरो पर है। ताकि ED के तमाम आरोपियों की हाई कोर्ट से जमानत सुनिश्चित हो सके। हालाँकि सजग न्याय प्रहरी ED और CBI के आरोपियों के अरमानो पर पानी भी फेर रहें है।
जानकारी के मुताबिक,सुनील अग्रवाल की जमानत ख़ारिज होने के बाद बघेलखण्ड ने न्यायधानी बिलासपुर में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। बताते है कि जेल में बंद सौम्या का अब “सब्र का बांध” टूटने लगा है,उसने गिरोह के सरगना को उसका होश ठिकाने लगाने की चेतावनी जारी की है। सूत्रों के मुताबिक सौम्या की माँ शांति देवी चौरसिया ने हाल ही में अपनी बेटी सौम्या से मुलाकात की थी। इस दौरान उसने जेल में उसकी सुख-सुविधा का जायजा भी लिया था। बताते है कि इसी दौरान सौम्या ने संदेशा भिजवाया था कि जल्द जमानत करवाओ वर्ना “पोल खोल दूंगी”।
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सूत्र बताते है कि बघेलखण्ड के मुख्यमंत्री के साथ सौम्या के पति की मुलाकात के बाद पारिवारिक सरगर्मियां काफी तेज़ है। बताते है कि कुछ दिनों पूर्व रात्रि के तीसरे पहर एक गुमनाम गाडी में सवार संदेही जेल रोड में नजर भी आया था। जबकि भिलाई की सूर्या रेसीडेंसी में सौम्या की तरह दिखने वाली एक महिला भी नजर आई थी। बताते है कि एजेंसियां कुछ संदेही CCTV फुटेज की पड़ताल में जुटी है। एजेंसियों को बघेलखण्ड से जुड़े अधिकारियों और उनके काले कारनामो के कई डिजिटल साक्ष्य भी हासिल हुए है, इनसे जुड़े अपराध भी काफी गंभीर बताए जाते है।
बताते है कि सौम्या चौरसिया और बघेलखण्ड की तमाम गैरकानूनी गतिविधियों पर केंद्रीय एजेंसियों की निगाहें गढ़ी हुई है। सूत्रों का दावा है कि वक्त का इंतजार हो रहा है,जांच में कई ऐसे लोगो के “हाथ” के निशान सरकारी तिजोरी में पाए गए है,जिन्हे सामान्य आँखों से देखने में पता नहीं पड़ता कि ये “हाथ” सेवा के लिए नहीं,बल्कि “मेवा” खाने के लिए राजनीति के मैदान में कूदे है। फिलहाल तो न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने रायपुर सेंट्रल जेल के अधिकारीयों से सौम्या चौरसिया के स्वास्थ को लेकर आधिकारिक जानकारी प्राप्त करने के लिए संपर्क किया। लेकिन कोई प्रति उत्तर नहीं प्राप्त हो सका।