रायपुर। छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार की मूर्ति ने जमानत याचिका दायर की है, इस पर जल्द सुनवाई के आसार हैं। दरअसल घोटालों की महारानी और कई मामलों में नामजद आरोपी अब पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे को सबक सिखाने में आमादा हैं। इसके लिए उसने राजनांदगांव लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार करने का ऐलान किया है। यदि समय पर जमानत मिल गई तो “कका और काकी” के बीच जूतम-पैजार नजारे देखे जा सकते हैं। इस दंगल का स्थान भी मुकर्रर कर दिया गया है। भिलाई में मानसरोवर कॉलोनी स्थित भू-पे के आवास और राजनांदगांव में कांग्रेस दफ्तर के सामने भ्रष्टाचार की मूर्ति दो नन्हें मुन्ने बच्चों के साथ स्थापित हो सकती है,उसे न्याय चाहिए। महिला शक्ति को यूंही दबाया नही जा सकता, चाहे राजनेता कितना चालाक क्यों ना हो।
सूत्रों का यह भी दावा है कि पूर्व “राजरानी” दो मासूम बच्चों के मालिकाना हक और DNA टेस्ट की मांग को लेकर धरने पर बैठ सकती हैं, इसके आसार लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बताते हैं कि दोनों के बीच आपसी भिड़ंत के आसार हैं। इस सीधी टक्कर में मामला राजनैतिक नही बल्कि “दिल दा”और हक-हुकूक से जुड़ा बताया जाता है। हालाकि दोनों ही प्रतिद्वंदियों के बीच सुलह की कोशिशें अभी भी जारी हैं, परिणाम 12 अप्रैल को आने की संभावना है। इस दिन जनता को पता चल जाएगा कि आखिर ऊंट किस करवट बैठेगा। फिलहाल तो ऊंट चुनावी रंग में रंगा “सियार” नजर आ रहा है। उसने चरित्रवान बीजेपी उम्मीदवार संतोष पांडेय के खिलाफ मोर्चा खोला है।
छत्तीसगढ़ में 2200 करोड़ के शराब घोटाले की जांच को लेकर EOW सक्रिय हो गया है। कारोबारी अनवर ढेबर से 3 दिनों तक चली पूछताछ सोमवार शाम खत्म हो गई है। आरोपी ढेबर को रायपुर में ED की विशेष अदालत में आज पेश किया गया था। यहां EOW ने रिमांड में हुई पूछताछ का ब्यौरा देते हुए आरोपी को दोबारा रिमांड में भेजने का कोर्ट से आग्रह किया गया था।EOW और बचाव पक्ष के बीच मामले को लेकर करीब घंटे भर तक चली बहस के बाद कोर्ट ने कारोबारी अनवर ढेबर को 4 दिनों के लिए EOW की हिरासत में भेज दिया है। अब उन्हें 12 अप्रैल को पेश किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक EOW में अब तक हुई पूछताछ में कारोबारी अनवर ढेबर ने शराब घोटाले से जहां इंकार किया, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे के बचाव में कई तर्क भी दिए। यह भी बताया जाता है कि फर्जी होलोग्राम, शराब की अफरा तफरी, FL-10A लाइसेंस समेत कई महत्वपूर्ण सवालों का संतोषजनक जवाब जांच अधिकारियों को नही मिल पाया है।
बताते हैं कि आरोपी अरविंद सिंह ने भी पूछताछ में भू-पे बघेल के खिलाफ अपना मुंह नही खोला है। वो घोटाले से जुड़े कई तथ्यों को सबूतों के सामने होने के बावजूद इंकार करते रहा। जबकि कई घोटालेबाजों ने लेन-देन का ठीकरा भू-पे पर फोड़ा है।यह जानकारी भी सामने आई है कि शराब घोटाले की महत्वपूर्ण कड़ी EOW के हांथ लग गई है। हकीकत सामने आने के बाद महकमा अन्य आरोपियों की भी तलाश में जुट गया है। इस के लिए नियमानुसार कार्यवाही तेज कर दी गई है, आने वाले दिनों में कई आरोपी EOW के हत्थे चढ़ सकते हैं।
इधर EOW रिमांड खत्म होने पर कारोबारी अनवर ढेबर को रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया गया था। यहां अभियोजन और बचाव पक्ष के बीच आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर तीखी नोंक-झोंक हुई। दिल्ली से रायपुर पहुंचे वरिष्ठ अधिवक्ता अर्जुन दीवान ने कारोबारी ढेबर के बचाव में कई तर्क पेश किए। उन्होंने ढेबर की गिरफ्तारी को गैर-कानूनी बताया। इसके जवाब में EOW ने मामले की गंभीरता को लेकर कई सवाल दागे, उसने अब तक की जांच रिपोर्ट का हवाला देकर अपनी कार्यवाही से अदालत को अवगत कराया और ढेबर की रिमांड मांगी।
बताते हैं कि दोनों पक्षों के तर्कों और दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने कारोबारी अनवर ढेबर को 4 दिनों की EOW रिमांड पर भेज दिया गया है। बताते हैं कि कारोबारी ढेबर की ओर से आज जमानत याचिका दाखिल ना करा कर, सुनवाई के दौरान गिरफ्तारी का ही सीधा विरोध किया गया था। इधर 600 करोड़ के कोल खनन परिवहन और 2200 करोड़ के शराब घोटाले को लेकर जेल की हवा खा रही डिप्टी कलेक्टर सौम्या चौरसिया की एक याचिका चर्चा में है। इस पर सुनवाई 12 अप्रैल को रायपुर की विशेष अदालत में होगी। अदालती सूत्रों के मुताबिक याचिका आरोपी सौम्या चौरसिया की जमानत से जुड़ी हुई है।
हाल ही में EOW की टीम ने आरोपी सौम्या चौरसिया से जेल में पूछताछ पूर्ण की है। बताया जाता है कि बीते तीन-चार दिनों में आरोपी सौम्या के अलावा निलंबित IAS रानू साहू से EOW की टीम कई दौर की पूछताछ पूरी कर चुकी है। उसे मामले की तफ्तीश में कई सुराग हाथ लगे हैं, ये प्रदेश के एक नही बल्कि दर्जनों घोटालों से जुड़े बताए जाते हैं। सूत्रों का दावा है कि घोटालों और सरकारी रकम की बंदरबांट को लेकर सौम्या चौरसिया ने आग उगली है।
सूत्रों के मुताबिक आरोपियों ने पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे बघेल को लेकर आश्चर्यजनक बयान दर्ज कराया है। बताते हैं कि भू-पे खेमा आरोपियों के रूख को लेकर काफी पहले ही सक्रिय हो गया था, उसने आरोपियों को मुंह ना खोलने की चेतावनी भी दी थी। बावजूद इसके तत्कालीन मुख्यमंत्री भू-पे बघेल की करीबी उपसचिव सौम्या चौरसिया का जेल में दर्ज कराया गया बयान गौरतलब ही नही बल्कि सुर्खियों में बताया जाता है। इसके चलते राजनैतिक भूचाल से इंकार नही किया जा सकता।