तस्वीरों में सौम्या चौरसिया, जेल यात्रा चर्चा में,19 दिसंबर को फिर जेल से बेल के लिए दर्ज होगी आमद, वक्त का घूमता पहिया , वीडियो भी देखिये

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रायपुर : छत्तीसगढ़ में वक्त का पहिया फिर उसी स्थान पर आ गया है जब एक सामान्य सरकारी कमरे में मौजूदा सुपर CM और तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर सौम्या चौरसिया अपना सरकारी कामकाज निपटाया करती थी। वही 14 तारीख, दिसंबर का महीना और साल 2018, इस दिन प्रदेश में कांग्रेस की नई सरकार के गठन को लेकर जद्दो -जहद जारी थी। याद कीजिए उस दिन को जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और TS सिंहदेव के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान मची थी। मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही रस्सा -कसी के बीच दोनों नेताओ के कार्यकर्ताओं के बीच इस दौरान झड़प की भी खबर आई थी।

जरा याद कीजिए उस दौर को कांग्रेस के भीतर का राजनैतिक तूफान उस वक्त साफ़ हुआ जब आज से दो दिन बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने वाले शख्स की तस्वीर साफ़ हो गई थी। मुख्यमंत्री के नाम पर आलाकमान की मुहर लगते ही उस सरकारी कमरे में बैठी सौम्या चौरसिया अपने समीकरण बिठाने में जोर -शोर से जुट गई। उसने इतने सटीक तरीके से निशाना साधा की देखते ही देखते वो मुख्यमंत्री कार्यालय में आ धमकी। चंद दिनों में ही उसने इस कार्यालय पर ऐसा कब्ज़ा जमाया की लोग उसे सुपर CM के रूप में देखने लगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सबसे विश्वासपात्र और करीबी अफसर के रूप में सौम्या को जाना पहचाना जाता है। 

वक्त का पहिया घूम कर फिर एक बार उसी तिथि और महीने में आ गया है। लेकिन साल बदल चूका है , आज तारीख 14 दिसंबर है, साल 2022, लेकिन सौम्या चौरसिया इस वक्त सेन्ट्रल जेल में है। कमरा अभी भी सरकारी है, इसे महिला बैरेक के रूप में पहचाना जाता है। यहाँ सौम्या को सरकारी हिसाब -किताब और जेल मैनुअल के अनुसार अपनी दिनचर्या तय करनी होगी। उसे आम बंदियों की तर्ज पर अपना वक्त गुजारना होगा। ये और बात है कि जेल में उसे VIP ट्रीटमेंट मुहैया कराए जाने की खबरे आ रही है। 

सौम्या का किरदार अब बदल चूका है। वक्त का तकाजा है, कहा जाता है जैसी करनी वैसी भरनी। उसे ED ने जेल की सीखचों के भीतर भेज दिया है। मामला राजनैतिक नहीं बल्कि आपराधिक है। सौम्या और उसके गुर्गो के पास से ED ने अब तक 152 करोड़ की अनुपातहीन संपत्ति जप्त की है। जबकि पड़ताल जारी है। अवैध संपत्ति का आकंड़ा हजारों करोड़ का बताया जा रहा है। अभी कई और दागी अफसर ED के हत्थे चढ़ सकते है। 

यह भी गौरतलब है कि सौम्या चौरसिया और नान घोटाले के मुख्य आरोपी अनिल टुटेजा के खिलाफ राज्य के ACB -EOW को वैधानिक कार्यावाही करनी थी। लेकिन इस सरकारी उपक्रम के अफसर सौम्या चौरसिया के सामने नतमस्तक होते चले गए। उन अफसरों ने प्रदेश की गरीब जनता की गाढ़ी कमाई डकारने वाले टुटेजा और सौम्या चौरसिया के खिलाफ शिकायतों को दरकिनार कर दिया।

उन अफसरों ने अपने कर्तव्यों की तिलांजलि दे दी। जब ACB – EOW में वरिष्ठ अफसरों की नियुक्ति और तबादले का फैसला सौम्या चौरसिया लेने लगी। तब साफ हो गया था कि एक न एक दिन सौम्या चौरसिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गले की फांस बनेगी। उसके कारनामो से छत्तीसगढ़ सरकार की छवि भी धूमिल होगी। वक्त का पहिया उसी रफ़्तार पर है, अब देखना होगा कि और कितने भ्रष्टाचारी उसकी चपेट में आते है। फिलहाल तो सेंट्रल जेल से ED के कुख्यात आरोपियों को VIP ट्रीटमेंट देने की खबरे सुर्खियों में है।  वीडियो भी देखिये