रायपुर / राजधानी रायपुर में सोमवार की दोपहर सड़क से सदन तक बेरोजगारी का मुद्दा गर्म रहा। धरनास्थल के पास विद्या मितानों ने रैली निकाल कर नारेबाजी की। दूसरी तरफ विपक्ष ने शिक्षकों की भर्ती और विद्या मितानों के काम को लेकर सवाल उठाए। सरकार से तीखी बहस के बाद विपक्ष सदन से बाहर चला गया। दूसरी तरफ धरनास्थल के पास रोजगार और नियमितिकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे विद्या मितानों और पुलिस के बीच झूमाझटकी हुई।
बीते 60 दिनों से प्रदेश के विद्या मितान रायपुर के बूढ़ापारा स्थित धरनास्थल पर धरना दे रहे हैं। उनकी मांग है कि उन्हें नियमित शिक्षक की तरह नौकरी दी जाए। लंबे वक्त से स्कूल बंद होने की वजह से ये अनियमित शिक्षक बेरोजगार हैं। कांग्रेस पार्टी ने चुनाव के वक्त इनसे नियमितिकरण का वादा भी किया था।
इधर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रदेश में बेरोजगारी का मामला उठाया। कौशिक ने सरकार पर अपना वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाया। विधायक कृष्णमूर्ति बांधी ने विद्या मितानों का मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा कि विद्या मितानिनों को अतिथि शिक्षक के रूप में रखा गया है कि नहीं? यदि हां तो पिछले इस वित्तीय वर्ष में कितने विद्या मितानों को अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्ति दी गई है? मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने जवाब में कहा कि वर्ष 2019 में 1832 विद्या मितानशाला में नियमित शिक्षकों की व्यवस्था होने तक, अतिथि शिक्षकों के रूप में कार्य करने का आदेश जारी किया गया है। उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई है। प्रदेश में 14580 पदों पर शिक्षकों की भर्ती की जा रही है।