Adani-Hindenburg Saga: सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बुधवार को सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया को तीन महीने का समय और दिया गया है. शीर्ष अदालत की तरफ से 14 अगस्त तक का समय सेबी को अडानी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग के आरोपों की जांच पूरी करने के लिए दिया गया है. साथ ही सेबी को 14 अगस्त तक अपडेटेड रिपोर्ट देने के लिए भी कहा. CJI की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि हम अभी हिंडनबर्ग रिपोर्ट के नतीजों से निपट रहे हैं. CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में MPS मानदंडों का पालन न करने के मुद्दे का असर है.
समय सीमा बढ़ाए जाने की मांग की गई
सुप्रीम कोर्ट अडानी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग की तरफ से लगाए गए आरोपों की जांच की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. इस मामले में सेबी की तरफ से जांच के लिए समय सीमा बढ़ाए जाने की मांग की गई थी. इससे पहले सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सेबी की तरफ से दायर किये गए हलफनामे में कहा गया कि उस पर यह आरोप निराधार है कि सेबी 2016 से अडानी कंपनियों की जांच कर रही है. सेबी ने यह भी बताया कि 2016 के बाद अडानी ग्रुप की किसी कंपनी की जांच नहीं की गई.
ज्यादा समय दिये जाने की मांग की थी
आपको बता दें सेबी ने जांच पूरी करने के लिए ज्यादा समय दिये जाने की मांग की थी. शीर्ष अदालत से सेबी ने इसके लिए छह महीने का समय मांगा था. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट की तरफ से 14 अगस्त तक जांच पूरी करके अपडेटेड रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा था कि जांच के लिए 6 महीने का समय काफी ज्यादा है.
2 मार्च को दिए थे जांच के आदेश
आपको बता दें 2 मार्च को, शीर्ष अदालत ने सेबी को निर्देश दिया था कि वह हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी ग्रुप द्वारा प्रतिभूति कानून के किसी भी उल्लंघन की जांच करे. उस समय अडानी ग्रुप के मार्केट कैप को 140 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा का भारी नुकसान हुआ था.
समिति में कौन-कौन है शामिल?
एक्सपर्ट समिति की अध्यक्षता न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के साथ-साथ अन्य पांच सदस्यों में शामिल हैं – सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेपी देवधर, ओपी भट्ट, केवी कामथ, नंदन नीलेकणि और सोमशेखर सुंदरसन.