छत्तीसगढ़ में 3 चरण में खुलेंगे स्कूल, नौवीं से बारहवीं तक के स्कूल पहले खाेलेगी सरकार, पाठ्यक्रम में 25 फीसदी की कटौती, 10वीं-12वीं के परिणाम 15 जून तक आने की संभावना

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रायपुर / छत्तीसगढ़ में तीन चरणों में स्कूल खोलने की तैयारी है। पहले चरण में 15 जुलाई से कक्षा नौंवी से बारहवीं तक के बच्चों के लिए सिर्फ ग्रीन जोन वाले इलाकों में स्कूल खोले जाएंगे। सबकुछ ठीक रहा तो फिर ऑरेंज जोन के स्कूल भी खोले जाएंगे। हालांकि जून के आखिरी सप्ताह में स्थिति की समीक्षा करने के बाद स्कूल खोलने की तिथि तय की जाएगी। वहीं सत्र पिछड़ने के कारण पाठ्यक्रम में 25 फीसदी कटौती की तैयारी भी की जा रही है। इसी तरह दूसरे फेज में पांचवीं से आठवीं तक और तीसरे फेज में नर्सरी से पांचवीं तक की स्कूल खाेले जाएंगे, लेकिन तारीख तय नहीं है। स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह ने कहा है कि स्कूलों को खोलने को फैसला तभी लिया जाएगा जब हालात सामान्य होंगे और बच्चे सुरक्षित होंगे। उन्होंने कहा कि स्कूल खोलने को लेकर अलग-अलग विकल्पों पर राज्य सरकार विचार कर रही है। अलग-अलग दिन अलग-अलग कक्षाओं को लगाने पर भी विचार चल रहा है।

 केन्द्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक 30 जून तक कई इलाकों में लॉकडाउन घोषित किया गया है। 8 जून से रियायतों के साथ धार्मिक स्थल और माॅल भले ही खाेले जा रहे हैं, लेकिन स्कूल खोले जाने के बारे में स्पष्ट कहा गया है कि राज्य सरकार पालकों से बातचीत के बाद ही इसका फैसला करेगी। हर साल 16 जून से स्कूलों में नियमित पढ़ाई हो जाती थी लेकिन इस साल ऐसा नहीं हो पाएगा।कोरोना के कारण इस बार 10वीं और 12वीं की कई विषयों की परीक्षाएं नहीं हो पाई थी लेकिन जितनी परीक्षाएं हो चुकीं है उसकी कॉपी जांची जा चुकी है। उनके नंबरों के आधार पर ही बच्चों के परिणाम तैयार किए जाएंगे। टेकाम ने कहा कि हमारी कोशिश है कि हम परीक्षा के परिणाम 15 जून तक घोषित कर देंगे।

स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि छोटे बच्चे काफी सेंसेटिव होते हैं। वे न तो सोशल डिस्टेंसिंग समझते हैं आैर नहीं फिजिकल डिस्टेंसिंग इसलिए छोटे बच्चों के स्कूल अभी नहीं खाेले जाएंगे। हालात सामान्य होते तक उनके लिए ऑनलाइन क्लासेस की व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है। स्थिति सामान्य होने के बाद ही सेकेंड फेस में ऐसे बच्चों के स्कूल खोले जा सकते हैं। टेकाम का कहना है कि स्कूल खोले जाने के पहले पालकों से बातचीत के अलावा शाला विकास समिति को इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी। वे गांव के हालातों की समीक्षा करने और पालकों से बातचीत के बाद जो निर्णय लेंगे उन निर्णयों की समीक्षा के बाद ही स्कूल खोले जाने की अनुमति दी जाएगी।