छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में सर्व आदिवासी समाज ने खोला मोर्चा ,आदिवासी अधिकारी कर्मचारियों पर अनावश्यक प्रताड़ना बर्दाश्त नहीं -बसंत कुजुर

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रिपोर्टर_शैलेन्द्र द्विवेदी

बलरामपुर / जिले में आदिवासी समाज के अधिकारी कर्मचारियों को बेवजह आरोप लगाकर व्यक्ति विशेष मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए  सर्व आदिवासी समाज ने मोर्चा खोलकर आगाह किया कि  बलरामपुर जिला आदिवासी बाहुल्य है और यह पांचवी अनुसूचित क्षेत्र है ऐसे में  आदिवासी अधिकारी-कर्मचारियों के ऊपर बेबुनियाद आरोप लगाना  असंवैधानिक है इस तरह का कृत बर्दाश्त नहीं करेगा सर्व आदिवासी समाज

दरअसल मामला यह है कि राज्यसभा सांसद प्रतिनिधि धीरज सिंह देव के द्वारा बलरामपुर जिले के जल संसाधन अभियंता उमाशंकर राम (जो कि आदिवासी समुदाय से हैं ) के विरुद्ध व्यक्ति विशेष आरोप लगाते हुए  हटाने की मांग की थी

  जिससे एक साजिश मानते हुए इस तरह की घटना चक्र पुनः किसी और कर्मचारी अधिकारी के साथ ना घटे इसको लेकर सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में  सैकड़ों की संख्या में सर्व आदिवासी समाज के लोग  जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर के नाम से मुख्यमंत्री व मंत्री को ज्ञापन सौंपा साथ ही चेतावनी देते हुए आगाह किया कि
 बलरामपुर आदिवासी बाहुल्य जिला है और यहां पर आदिवासी अधिकारियों कर्मचारियों को दबाव बनाकर फर्जी तरीके से गलत कार्य कराना चाहते हैं और जो अधिकारी उनके मन मुताबिक कार्य नहीं करते हैं ऐसे अधिकारियों को धमकाते हुए हटाए जाने के लिए मोर्चा खोलते हैं ताकि दबाव बन सके, इस तरह के कृत्य सर्व आदिवासी समाज बर्दाश्त नहीं करेगा आदिवासियों अधिकारी कर्मचारियों को किसी भी तरह से कमजोर समझने की भूल ना करें उन्हें शासन के आदेश ,निर्देश व मार्गदर्शन अनुरूप कार्य करने दें वर्ग विशेष का दबाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यदि इस तरह की कार्यवाही देखने को मिलती है तो उग्र आंदोलन करने को मजबूर होगा सर्व आदिवासी समाज जिसके लिए शासन- प्रशासन जिम्मेवार होंगे ।