Sanjay Raut: शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत को मानहानि के एक मामले में गुरुवार को दोषी ठहराया गया है. उन्हें 15 दिन की जेल की सजा सुनाई गई है. मुंबई के मझगांव में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (सिवरी कोर्ट) ने भाजपा नेता किरीट सोमैया की पत्नी डॉक्टर मेधा किरीट सोमैया की शिकायत पर दर्ज मामले में राउत पर 25,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
डॉक्टर मेधा सोमैया के वकील विवेकानंद गुप्ता ने कहा, “अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि के लिए सजा) के तहत दोषी ठहराते हुए संजय राउत को 15 दिन की कैद और 25,000 रुपए का जुर्माना लगाने का आदेश दिया है.” मेधा सोमैया ने संजय राउत के खिलाफ एक याचिका दायर की थी, जिसमें उन पर निराधार और मानहानिकारक आरोप लगाने का आरोप लगाया गया था.
संजय राउत को दोषी ठहराए जाने पर भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा, “संजय राउत को 15 दिन की कैद की सजा सुनाई गई है, उन्हें हिरासत में लिया गया है. उन पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. उन्हें यह रकम शिकायत करने वाली प्रोफेसर डॉ. मेधा सोमैया को देनी होगी.”
शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने कहा था कि मेधा सोमैया और उनके पति किरीट सोमैया मीरा भयंदर में सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण और रखरखाव से संबंधित 100 करोड़ रुपए के घोटाले में शामिल थे. मेधा सोमैया की शिकायत में कहा गया है, “आरोपी द्वारा मीडिया को दिए गए बयान अपने आप में अपमानजनक हैं. ये बयान आम जनता की नजरों में मेरे चरित्र को खराब करने के लिए दिए गए हैं.”
इससे पहले 23 सितंबर को एक विशेष अदालत ने एक मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ शिवसेना (यूबीटी) नेताओं उद्धव ठाकरे और संजय राउत की संयुक्त अपील को खारिज कर दिया था. अदालत के आदेश में पूर्व लोकसभा सांसद राहुल शेवाले द्वारा दायर एक अलग मानहानि मामले में उन्हें बरी करने से इनकार कर दिया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों के स्पेशल जज एयू कदम ने उनके पुनरीक्षण आवेदन को अस्वीकार करते हुए मामले को आगे की कार्यवाही के लिए ट्रायल (मजिस्ट्रेट) अदालत में भेजने का निर्देश दिया था.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना का हिस्सा शेवाले ने शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ के मराठी और हिंदी संस्करणों में उनके खिलाफ “अपमानजनक लेख” प्रकाशित करने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि) के तहत उद्धव ठाकरे और संजय राउत के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. पिछले साल जनवरी में अधिवक्ता चित्रा सालुंके के माध्यम से दायर शेवाले की याचिका के मुताबक, सामना में प्रकाशित लेख “मनगढ़ंत” और “हर तरह से बेकार” था.