छत्तीसगढ़ में सौम्या चौरसिया के बाद ख़त्म होगा RG का आतंक

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छत्तीसगढ़ में RG का आतंक सुपर सीएम सौम्या चौरसिया की तर्ज पर है। कई विभागों में उसकी मजबूत पकड़ से सरकारी तिजोरी में लगातार हाथ साफ़ करने की घटनाए सामने आ रही है। चर्चा है कि जल्द ही उसका भी आतंक ख़त्म होगा। RG के वसूली नेटवर्क,आयरन ओर माइनिंग,डोलो माइड की खदानों पर एक तरफ़ा कब्जो के अलावा PHE समेत कई महकमों से ब्लैक मनी इकट्ठा करने के धंधो पर केंद्रीय एजेंसियों की पैनी नजर बनी हुई है। यह भी जानकारी मिल रही है कि इस कड़ी में बस्तर में ED ने कई सबूत इकट्ठा किए है।  

रायपुर /दिल्ली : छत्तीसगढ़ में ब्लैक मनी,हवाला और मनीलॉन्ड्रिंग की पड़ताल में जुटी ED एक नहीं बल्कि कई ऑपरेशन को अंजाम दे रही है। राज्य की सुपर सीएम सौम्या चौरसिया के काले कारनामो के खुलासे के बाद “ऑफिस ऑफ़ प्रॉफिट” से जुड़े कई राजनैतिक लुटेरे केंद्रीय जाँच एजेंसियों की रडार पर है। सूत्र बता रहे है कि ED ने अब उन भ्रष्टाचरियो और लुटेरों को उनके असल ठिकाने में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है ,जो “सरकार और साहब” की आँखों में धूल झोंक कर दिन दूनी रात चौगुनी कमाई का रिकॉर्ड बनाने में जुटे थे।

बताया जा रहा है कि केंद्रीय एजेंसियां सरकारी संसाधनों के बड़े पैमाने पर लूटपाट करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने में जुटी हुई है। इस कार्यवाही में इस गिरोह के मास्टर माइंड पर उसका शिंकजा लगातार कसते जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक आरी डोंगरी खदान आवंटन को लेकर जारी जाँच जल्द आरोपियों की पहचान की ओर बढ़ रही है। अब तक की जांच में जिस शख्स की पहचान और हुलिया सामने आ रहा है, उसका बाजारू नाम “RG” बताया जा रहा है।

 
सूत्रों के मुताबिक कोल और माइनिंग घोटाले की अगुवाई में शामिल RG का कई सरकारी विभागों में अवैध उगाही का बड़ा नेटवर्क बताया जाता है। इसमें PHE,एग्रीकल्चर,खाद्य और नागरिक आपूर्ति निगम,बीज निगम और हॉर्टीकल्चर जैसे विभागों से होने वाली अवैध उगाही का आंकड़ा चौकाने वाला बताया जा रहा है।

सूत्रों का दावा है कि एक सरकारी महकमे में चर्चित “नुरू पंडा और पप्पू” के कई डिजिटल सबूतों की पड़ताल जोरो पर है। इसमें ENC जैसे पदों पर तैनात उन अफसरों का नाम भी सुर्खियों में बताया जा रहा है,जिनके कंधो पर केंद्रीय फंडिंग वाली योजनाओं को जनता तक पहुंचाने की जवाबदारी है।

बताया जा रहा है कि इन योजनाओं को कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार के दलदल में धकेलने  के मामलो में महारत हासिल थी। यह भी बताया जाता है कि एक राजनैतिक दल विशेष के लिए चंदा बटोरने की कमान संभाल रहे RG ने “साहब” की आँखों में भी जमकर धूल झोंकी है।

बताते है कि चंदा उगाही की आड़ में उसने कई विभागों में अपने कुटीर और गृह उद्योग खोल लिए है। इन उद्योग धंधो में उसका पूरा कुनबा शामिल है। हैरानी वाली बात यह भी है कि इस कुनबे में विपक्षी दलों के कारोबारी नेताओ का भी नेटवर्क शामिल है।

राजनीति के जानकार केंद्रीय एजेंसियों को तस्दीक करा रहे है कि छत्तीसगढ़ में सरकारी संसाधनों की लूटपाट में सहभागिता काफी सुनियोजित रूप से संचालित हो रही है। सूत्रों के मुताबिक रियल स्टेट कारोबार में बड़े पैमाने पर ब्लैक मनी खपाने के साथ-साथ सरकारी जमीनों के आवंटन में भी “RG” की बड़ी भूमिका सामने आ रही है।

जानकारी के मुताबिक बस्तर संभाग में ED के सक्रीय होते ही कई विभागों में हड़कंप मचा है। यह भी खबर आ रही है कि शुक्रवार को ED रायपुर की विशेष अदालत में खनन घोटाले और 25 रुपए टन “गब्बर सिंह टैक्स” वसूली मामले में चालान प्रस्तुत कर सकती है।