रायपुर : छत्तीसगढ़ के राजनैतिक और प्रशासनिक गलियारे में नान घोटाले के मुख्य आरोपी अनिल टुटेजा की अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। बिलासपुर हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत हासिल होने के बाद अनिल टुटेजा की कार्यप्रणाली कई विवादों से घिरती नजर आ रही है। IT – ED ने भी टुटेजा और उनके करीबियों से पूछताछ शुरू कर दी है।
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में अनिल टुटेजा समेत आधा दर्जन से ज्यादा अफसरों और कारोबारियों के खिलाफ IT डिपार्टमेंट ने चालान पेश कर कई गंभीर आरोप लगाए है। इसमें सिंगापुर से मोबाईल चैट डिलीट कराने को लेकर भी सबूत नष्ट करने की IPC की धाराओं के तहत भी प्रकरण दर्ज किया गया है। यही नहीं सरगुजा इलाके में अडानी की कम्पनी की सहायता के लिए वन विभाग द्वारा हजारो पेड़ कटवाए जाने का मामला भी अनिल टुटेजा से जुड़ा बताया जा रहा है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा ED को लिखा गया पत्र : –
सूत्रों का दावा है कि जब – जब सुप्रीम कोर्ट में नान घोटाले की सुनवाई करीब आती है, सरगुजा में अडानी की सहायता के लिए इंड्रस्टी विभाग के संयुक्त सचिव अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए मैदान में कूद जाते है। यहाँ आदिवासियों को खदेड़ने और जंगलो की अंधाधुंध कटाई समेत कई विभागीय कार्यो की फाइल तेजी से विभिन्न दफ्तरों में दौड़ने लगती है। लेकिन जैसे ही सुप्रीम कोर्ट में घोटाले की सुनवाई खिसकती है, वैसे ही ये तमाम फाइलें आलमारियों में कैद हो जाती है।
सूत्रों के मुताबिक अग्रिम जमानत पर रिहा होने के बाद नान घोटाले के मुख्य आरोपी अनिल टुटेजा के सरकारी और गैर सरकारी कारनामों से छत्तीसगढ़ शासन को भी कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
ताजा मामला नान घोटाले के आरोपी का पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को पत्र लिखने से जुड़ा है। रमन सिंह ना तो जज है और ना ही किसी जाँच एजेंसी से जुड़े है। ऐसे में टुटेजा का यह पत्र रमन सिंह पर हथियार के रूप में फेंका जाना चर्चा में है। जबकि नान घोटाले की जाँच के लिए SIT का गठन आरोपी टुटेजा और मुख्यमंत्री बघेल की सहमति से हुआ है।
टुटेजा का मौजूदा मुख्यमंत्री के बजाय पूर्व मुख्यमंत्री को पत्र लिखना किसी षड्यंत्र का हिस्सा बताया जा रहा है। इस पत्र में टुटेजा ने कोर्ट में विचाराधीन नान घोटाले मामले की सुनवाई पूरी होने से पूर्व एक जज के हैसियत से फैसला लिखा है। 15 पन्नो में अदालती दास्तान लिखकर टुटेजा ने जहां खुद को पाक साफ़ बताया है, वही मुख्यमंत्री रमन सिंह को क्लीन चिट भी दी है। टुटेजा ने नान घोटाले के सारे आरोपों को नकारते हुए लिखा है कि नागरिक आपूर्ति निगम में कोई घोटाला हुआ ही नहीं है।
नान घोटाले के सारे आरोप काल्पनिक, अटकलों और राजनीति से प्रेरित बताते हुए टुटेजा का आरोप है कि ACB ने उनके खिलाफ झूठा प्रकरण दर्ज किया था। टुटेजा ने इस पत्र में अदालती साक्ष्यों और प्रकरण से संबंधित कई तथ्यों का खुलासा किया गया है। अब यह पत्र सार्जनिक होने के बाद आम जनता, राजनेताओं, प्रशासनिक गलियारे से होता हुआ उन लोगो तक पंहुचा है, जो नान घोटाले के प्रमुख गवाह थे। ये गवाह सरकारी संरक्षण प्राप्त आरोपी टुटेजा के प्रभाव से पहले ही होस्टाइल हो चुके है।
मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बीच इन गवाहों में सच्चाई का साथ देने की आस जगी थी। लेकिन अग्रिम जमानत पर रिहा अनिल टुटेजा के सरकार की गोद में बैठकर अदालत के दिशा निर्देशों की धज्जिया उड़ाने से वे काफी सहम गए है। मुख्यमंत्री बघेल और टुटेजा के बीच मधुर संबंधो का खामियाजा इन गवाहों को भोगना पड़ रहा है।
टुटेजा के इस पत्र से राजनैतिक उफान भी मचा है। दरअसल राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाल ही में ED को पत्र लिखकर 15 दिनों के भीतर नान घोटाले की जांच करने की मांग की गई है। अन्यथा बघेल ने चेतावनी दी है कि वे कोर्ट जायेंगे। भूपेश बघेल के इस दावे की पोल टुटेजा के पत्र से ही खुलती प्रतीत हो रही है। एक ओर सरकार की गोद में बैठकर टुटेजा अपने पत्रो के जरिये नान घोटाले से ही इंकार कर रहा है। वही प्रदेश के मुख्यमंत्री बघेल ED से 15 दिनों के भीतर जाँच की मांग कर कोर्ट जाने का एलान कर रहे है।
टुटेजा के पत्र से सरकार और आरोपी के बीच ही भ्रम की स्थिति निर्मित होने से जनता भी हैरत में है। उन्हें लगने लगा है कि नान घोटाले की असलियत पर पर्दा डालने के लिए मुख्यमंत्री और अनिल टुटेजा की ”अपनी ढपली अपना राग” की रणनीति कोई नए समीकरण का गेम तो नहीं। उधर नान घोटाले में खुद को निर्दोष बताने वाले टुटेजा के पत्र से सरकार में भी खलबली है।
Download कर पढ़ें अनिल टुटेजा का पत्र 👉:- https://www.newstodaycg.com/wp-content/uploads/2022/11/IAS-Anil-Tuteja-Dr-Raman-Singh.pdf
मामले की जाँच से जुड़े कई अधिकारियो पर भी इस पत्र से राज्य सरकार और टुटेजा का दबाव बढ़ा है। वे खौफ में है। लिहाजा जनता के बीच से आवाज उठ रही है कि टुटेजा की अग्रिम जमानत रद्द करने के लिए माननीय बिलासपुर हाईकोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए। इसके लिए कई लोगो ने गुहार लगाई है। उनकी दलील है कि टुटेजा, अग्रिम जमानत के दिशा – निर्देशों और शर्तो की धज्जियां उड़ा रहा है। उसके कारनामो से रायपुर से लेकर दिल्ली तक गहमा – गहमी है।
टुटेजा की अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग को लेकर ED पहले से ही हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक याचिकाएं दायर कर चुकी है। वही अदालती छूट का आरोपी अनुचित फायदा उठा रहा है। न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने भी जनता की इस आवाज को माननीय अदालत तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। बिलासपुर हाईकोर्ट और चीफ जस्टिस से आरोपी टुटेजा के सियासी पत्र के मामले का संज्ञान लेने की अपील है।