अंबिकापुर में राजमाता देवेंद्र कुमारी का आज किया जाएगा अंतिम संस्कार, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के कई नेता , अधिकारी और आम जनता का लगा तांता , मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कमलनाथ ने जताया दुःख  

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अंबिकापुर / छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की माता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव का दिल्ली के मेदांता अस्पताल से पार्थिव शरीर अंबिकापुर ला लिया गया है | राजमाता का सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया था | उनके अंतिम संस्कार को लेकर अंबिकापुर में विशेष तैयारियां की गई है | अंबिकापुर के पैलेस में राजमाता के अंतिम संस्कार के पूर्व उनका पार्थिव शरीर आम जनता के दर्शनार्थ रखा जायेगा | यहां तमाम नेता और आम लोग उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित कर सकेंगे | अंतिम संस्कार राहुल में गांधी भी आ सकते है | प्रदेश के सभी कैबिनेट मंत्री भी मौजूद रहेंगे | राजमाता देवेंद्र कुमारी 86 वर्ष की थीं | सांस की बीमारी के कारण जनवरी माह में उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था |  अंबिकापुर के रानी तालाब में राजमाता का अंतिम संस्कार किया जाएगा |  स्व. देवेंद्र कुमारी सिंहदेव का जन्म 13 जुलाई 1933 को हिमाचल प्रदेश के जब्बल राज परिवार में हुआ था | अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव स्व. एमएस सिंह देव से विवाह के बाद वो सरगुजा आई थीं | यहीं से उन्होंने राजनीति की शुरुआत भी की थी | कांग्रेस की राष्ट्रीय नेत्री स्व. देवेंद्र कुमारी सिंह देव एक बार अंबिकापुर व एक बार बैकुंठपुर से विधायक भी रहीं | वहीं अविभाजित मध्य प्रदेश में 2 बार कैबिनेट मंत्री थीं | उनके प्रभार में एक बार पर्यावरण मंत्रालय और दूसरी बार कृषि मंत्रालय मिला हुआ था | 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अमेरिका दौरे पर जाने से पहले मेदांता अस्पताल पहुंचकर शोक जाहिर किया | उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना कर राज परिवार को ढांढस बंधाया | मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी राजमाता के निधन पर दुःख जाहिर किया है | प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ प्रेम साय सिंह टेकाम ने बताया कि मेरा तो घर जैसा संबंध रहा और 1980 से मैं राजनीति में आया और विधायक बना उस समय से मुझे प्यार से प्रेम कहकर बुलाती थी | यही प्यार था कि उनके जाने का दुःख तो है ही, लेकिन उनकी बहुत सी बातें याद आती है | उनके मुताबिक कोई भी काम होता था ,  तो वो मुझे प्रेम कहकर बुलाती और काम करने को कहती थी | उन्होंने बताया कि राजमाता जब भोपाल में मंत्री थी तब से लेकर आजतक उनका माता के रूप में स्नेह मिला |  

राजमाता के निधन की खबर जैसे ही सरगुजा में पहुंची, राजपरिवार समेत पूरे सरगुजा में शोक की लहर फैल गई थी | उससे पहले राजमाता के अंतिम दर्शन के लिए बुधवार 10 बजे कोठी घर में आम जनता के लिए रखा जाएगा |  जिसमें शहर सहित अन्य राज्यों के लोग और रिश्तेदार मौजूद रहेंगे |