RAIPUR NEWS: CGPSC भर्ती घोटाले में पूर्व चेयरमैन और उद्योगपति गोयल से सीबीआई की पूछताछ शुरू, पूर्व मुख्यमंत्री बघेल पर भी कस सकता है शिकंजा….

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RAIPUR NEWS: छत्तीसगढ़ में नेताओं और अफसरों की औलादे DSP और डिप्टी कलेक्टर जैसे महत्वपूर्ण पदों पर हाथ साफ कर फूले नहीं समा रही थी। लेकिन अब उनके अरमानों पर पानी फिर गया है। सीबीआई ने पूर्व मुख्यमंत्री बघेल गिरोह पर अपना शिकंजा कस दिया है। इस मामले में 2 महत्वपूर्ण आरोपियों की गिरफ्तारी से हड़कंप है। पूर्व मुख्यमंत्री का गिरोह सरकारी पदों को बेच कर भ्रष्टाचार की रकम औद्योगिक घरानों में भी निवेश कर रहा था। इसके सबूत हासिल होने के बाद CGPSC के पूर्व चेयरमैन के साथ बजरंग पावर लिमिटेड के डायरेक्टर गोयल को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी गई है। बताया जाता है कि 2 वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में सीबीआई घोटाले की तह तक पहुँच गई है। अब कई और महत्वपूर्ण दागियों के सीबीआई के हत्थे चढ़ने के आसार भी जाहिर किये जा रहे है।  

दिल्ली/रायपुर: RAIPUR NEWS: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल के कार्यकाल में उनके सैकड़ों नाते-रिश्तेदारों,  करीबियों, कांग्रेसी नेताओं और विश्वासपात्र अधिकारियों की शैक्षणिक रूप से अयोग्य औलादों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी, आबकारी अधिकारी और ऐसे ही अन्य राजपत्रित अधिकारियों के पदों पर हाथों-हाथ नियुक्ति दे दी गई थी। वह भी छत्तीसगढ़ पब्लिक कमीशन के जरिये। आमतौर पर पिछले दरवाजे से नियुक्ति के लिए राजनैतिक जोड़-तोड़ कोई नई बात नहीं है। लेकिन छत्तीसगढ़ में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मौखिक निर्देश पर ही मोटी रकम लेकर, बड़े पदों पर नियुक्ति का कारोबार भी जोर-शोर से संचालित था। भूपे बघेल के इर्द-गिर्द मंडराने वाले कई प्रभावशील लोगों ने आपदा में अवसर तलाशते हुए देश के महाभ्रष्ट तत्कालीन मुख्यमंत्री से सांठ-गांठ कर राजपत्रित अधिकारियों के पदों को भी  हथिया लिया था। अब ऐसे सरकारी कारोबारियों पर CBI ने अपना शिकंजा कस दिया है। 

रायपुर में सीबीआई की धर पकड़ से राजनैतिक और प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप है। बीती रात 2 महत्वपूर्ण कारोबारियों से सीबीआई की पूछताछ शुरू हो गई है। इसमें चौंकाने वाला नाम बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल का भी नाम शामिल है। CGPSC के चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के साथ गोयल को भी गिरफ्तार किया गया है। बताते है कि महत्वपूर्ण सरकारी पदों को बेचने से होने वाली आमदनी कई महत्वपूर्ण औद्योगिक घरानों को निवेश के लिए सौंपी जाती थी। ऐसे संस्थानों में भ्रष्टाचार की रकम दिन दुगुनी रात चौगुनी गति से ब्लैक एंड वाइट कर छत्तीसगढ़ शासन को चूना लगाया जा रहा था। सूत्रों के मुताबिक बजरंग पावर लिमिटेड के डायरेक्टर के अलावा लगभग आधा दर्जन अन्य बड़े उद्योगपति एवं रियल एस्टेट कारोबारी भी जांच के दायरे में बताये जाते है। ये सभी पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के संरक्षण में पैदा होने वाली ब्लैक मनी को लोहा-इस्पात कारोबार के अलावा रियल एस्टेट और मेडिकल व्यवसाय में निवेश करने के उपक्रम में जुटे बताये जाते है। 

सूत्र यह भी तस्दीक कर रहे है कि सीबीआई कई और संदेहियों को अपनी हिरासत में ले सकती है। इसमें ऐसे कारोबारी डॉक्टर भी शुमार बताये जाते है, जो फाइव-स्टार श्रेणी के अस्पताल और होटलों के निर्माण में जुटे है। राज्य में वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर हाथ साफ करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने अपने पद और प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए छत्तीसगढ़ PSC जैसे संवैधानिक संस्थान को भी अपनी अवैध आमदनी का कारखाना बना लिया था। CGPSC में फर्जीवाड़े का उपक्रम 2019 से 2023 तक अपनी जड़े जमा कर सालाना अरबों का कारोबार कर रहा था। पिछले दरवाजे से सरकारी नौकरी प्राप्त कर उपकृत होने वालों में सर्वाधिक संख्या उन उम्मीदवारों की है, जिनके प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध तत्कालीन मुख्यमंत्री बघेल से रहे है।

RAIPUR NEWS: यह भी बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यकाल में सिर्फ PSC ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ व्यापम के जरिये भी सरकारी पद बेचने का कारोबार जोर-शोर से जारी था। ऐसे संवैधानिक संस्थानों में सरकारी पदों के बेचने के गोरखधंधे की बखूबी जानकारी होने के बावजूद तत्कालीन मुख्यमंत्री पूरे समय अपनी आंख मूंदे रहे। उनके गैरकानूनी क़दमों से छत्तीसगढ़ की प्रशासनिक व्यवस्था दिनों-दिन चरमराने लगी थी। सुनियोजित फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के बजाय पूर्व मुख्यमंत्री के संरक्षण ने हज़ारों योग्य उम्मीदवारों का भविष्य भी चौपट कर दिया है। कई पीड़ित उम्मीदवार तस्दीक कर रहे है कि लगातार 4 वर्ष तक सरकारी पदों को बेचने और फर्जीवाड़े के चलते उनके साथ अन्याय हुआ था। वे योग्यता और साक्षात्कार के मापदंडों पर खरा उतरने के बावजूद रोजगार के अवसर से बाहर कर दिए गए। अब ऐसे उम्मीदवार अपनी उम्र बढ़ने एवं अवसर खोने को लेकर दो-चार हो रहे है। 

उधर सीबीआई के हत्थे चढ़े छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) के तत्कालीन चेयरमैन एवं रिटायर IAS टामन सिंह सोनवानी एवं श्रवण कुमार गोयल से पूछताछ शुरू हो गई है। उनकी गिरफ्तारी के बाद क़ानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए CBI ने आरोपियों से कई महत्वपूर्ण जानकारियां इकठ्ठा की है। उनसे हुई प्राथमिक पूछताछ के बाद अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि CBI कुछ और संदेहियों को अपनी हिरासत में ले सकती है। CBI की तरफ से दी गई आधिकारिक जानकारी के मुताबिक सीजीपीएससी घोटाले में पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी के अलावा बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार किया गया है। CBI ने यह भी कहा कि भर्ती घोटाले में इन दोनों की भूमिका सामने आई है। हालांकि गोयल के आपराधिक कृत्यों को लेकर सीबीआई ने ज्यादा कुछ ब्यौरा अभी साझा नहीं किया है। 

CBI से प्राप्त जानकारी के मुताबिक डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी समेत कई पदों के लिए साल 2020 से 2022 के दौरान परीक्षा/साक्षात्कार में कुछ VIP लोगों के करीबी रिश्तेदारों के चयन पर सवाल उठे थे। इन्हीं आरोपों के आधार पर एजेंसी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। सीबीआई की सक्रियता से राजनैतिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा सरगर्म है कि घोटाले का असली गुनहगार भूपे ही है। उसी की सरपरस्ती में प्रदेश के होनहार नौजवानों के सपनों पर पानी फेरा जा रहा था। फ़िलहाल सीबीआई के हाथ तत्कालीन मुख्यमंत्री के गिरेबान तक कब पहुंचेंगे, यह देखना गौरतलब होगा।