रायपुर रेलवे स्टेशन में रेलवे  कैंटीन सुविधा नदारत , मॉडल स्टेशन का बिगड़ा मॉडल , आम यात्रियों को भोजन के लिए पड़ रहा है भटकना , कटने लगी जेब   

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रायपुर | हाल ही में रायपुर रेलवे स्टेशन ने साफ-सफाई के मामले में तमंगा हासिल किया था | इसकी प्रसिद्धि के चलते रेलवे मंत्रालय ने देश के मॉडल स्टेशनों में रायपुर रेलवे स्टेशन को भी शामिल किया था | लेकिन लग रहा है कि यह स्टेशन भी अब अव्यवस्था का शिकार हो चला है | रायपुर रेलवे स्टेशन बाहर से जितना खूबसूरत नजर आ रहा है , भीतर से उसके दृश्य उतने ही खराब नजर आने लगे है | यात्रियों को भोजन के लिए भटकते देख , लोग कहने लगे है कि यह कैसा मॉडल स्टेशन है जहां यात्रियों को पैसे चुकाने के बावजूद ठीक ढंग से भोजन तक नहीं मिल पाता | कई यात्री भोजन की तलाश में स्टेशन के भीतर दौड़ते भागते नजर आते है | यह आम नजारा हो चला है | ऐसा नहीं है कि यहां कैंटीन की व्यवस्था नहीं है , अदद कैंटीन है , लेकिन पिछले तीन माह से उसका दरवाजा बंद है , दरवाजे पर ताला लटका है | यात्री पूछ रहे है , आखिर क्यों ? 

 रेलवे कैंटीन सेवा बंद होने से रायपुर रेलवे स्टेशन से आवाजाही करने वाले हजारों यात्रियों को रोजाना उचित भोजन की तलाश में भटकना पड़ रहा है | रेलवे कैंटीन सेवा उपलब्ध नहीं होने के चलते हजारों यात्रियों की ना केवल जेब कट रही है | बल्कि ऊंची कीमत चुकाने के बावजूद उन्हें गुणवत्ताविहीन भोजन मुहैया हो रहा है |

 कमाई को ध्यान में रखते हुए रेलवे कैंटीन सेवा ने स्टेशन में संचालित कैंटीन को अपने कब्जे में ले रखा है | इसके लिए 40 लाख रूपये में टेंडर जारी किया, लेकिन यात्रियों को खानपान की सुविधाएँ  मुहैया करने के बजाय पिछले तीन महीने कैंटीन का दरवाजा बंद पड़ा है | इस मामले को छत्तीसगढ़ रेलवे कमीशन वेंडर्स एसोसिएशन ने यात्रियों की दिक्कतों को देखते हुए रेल मंडल प्रबंधक को पत्र भेजा है | इस पत्र में आम यात्रियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए कहा गया है कि ज्यादातर यात्री आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं होते कि रेस्टोरेंट और होटलों में भोजन कर सकें| इसलिए जल्द से जल्द उन्हें रेलवे कैंटीन सेवा उपलब्ध करवाई जाये | पीड़ितों के मुताबिक रेलवे कैंटीन में आम यात्रियों को 50 से 60 रुपये में भरपेट भोजन और नाश्ता मिल जाता है, लेकिन इसे बंद कर दिए जाने से उन्हें साधारण भोजन के लिए भी मोटी रकम चुकानी पड़ रही है |