नई दिल्ली : News Today : विपक्षी पार्टियों द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बॉयकॉट किये जाने पर विदेश मंत्री ने अपनी नाराजगी जताई है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के लिए विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि “राजनीति करने की एक सीमा” होनी चाहिए और उद्घाटन को “विवाद का विषय नहीं बनाया जाना चाहिए. ” एक रिपोर्ट के अनुसार एस जयशंकर ने कहा कि कुछ लोग विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन उनका मानना है कि राजनीति में लिप्त होने की एक सीमा होनी चाहिए. कम से कम ऐसे मौकों पर पूरे देश को एक साथ आना चाहिए और इस त्योहार को मनाना चाहिए.
गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर आए केंद्रीय मंत्री ने मीडिया से कहा कि अगर उद्घाटन को विवाद में बदला जा रहा है तो यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है. उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि नए संसद भवन के उद्घाटन को लोकतंत्र के त्योहार के रूप में लिया जाना चाहिए और इसे उसी भावना से मनाया जाना चाहिए.”
बता दें कि संसद के उद्घाटन के बहिष्कार में कांग्रेस के नेतृत्व में 19 विपक्षी दल विरोध में एक साथ आए. विपक्षी पार्टियों का तर्क है कि राष्ट्रपति, प्रथम नागरिक और राज्य के प्रमुख होने के नाते, उन्हें संसद के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए था. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित न करके अपमानित किया गया था. इस घटना ने 2024 के आम चुनावों के लिए संभावित विपक्षी गठबंधन की बातचीत को और तेज कर दिया है.
वहीं बीजू जनता दल ने कार्यक्रम में शामिल रहने की बात कही है. बसपा चीफ मायावती ने भी संसद के उद्घाटन पर सरकार का साथ दिया है. उन्होंने ट्वीट कर बसपा के समर्थन की बात कही है. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को कहा कि यह “अनुचित” है कि कुछ विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के अनावरण समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है, यह कहते हुए कि सरकार को इसका अनावरण करने का अधिकार है क्योंकि वे ही हैं जिन्होंने इसे बनाया है.