‘जब खर्चे हमारे,तो चर्चे भी हमारे’ बात लाजमी है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है,क्योँ ? इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए छत्तीसगढ़ के कई नेता दिल्ली दरबार से जुड़े नेताओ के फोन घड़घड़ा रहें है। वे प्रदेश में अचानक बदलते समीकरणों को लेकर माथापच्ची कर रहे है।
दिल्ली :छत्तीसगढ़ में कांग्रेस आलाकमान के एक फैसले से राजनैतिक सरगर्मियां जोरो पर है।मामला,पार्टी के बड़े नेताओ के बीच चर्चा का विषय भी बना हुआ है।ताजा राजनैतिक समीकरण को कई नेता रायपुर में आयोजित होने वाले पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन के प्रोटोकॉल से जोड़कर देख रहे है। जबकि कोई इस फैसले को विधानसभा चुनाव 2023 में आदिवासी मुख्यमंत्री के कार्ड से जोड़कर आलाकमान की पसंद बता रहा है।
कांग्रेस और बीजेपी के गलियारों में नेताओ की निगाहें मौजूदा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम पर आ टिकी है। उनके ऊपर अचानक बरसी ‘गाँधी परिवार’ की कृपा से छत्तीसगढ़ में भी खलबली मच गई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन से पूर्व छत्तीसगढ़ में मोहन मरकाम की राजनैतिक हैसियत रातों-रात उछाल पर है। कांग्रेस के कई बड़े नेताओ की जुबान में मरकाम के कामो की तारीफ, किसी नये समीकरण की ओर इशारा कर रहे है।
बताते है कि इन दिनों टीम आरजी मोहन मरकाम को हाथो हाथ ले रही है। अधिवेशन से जुड़े कई बड़े फैसलो में किसी अन्य नेता के बजाय मोहन मरकाम से रायशुमारी की जा रही है। बताते है कि प्रदेश प्रभारी शैलजा ने मरकाम से चर्चा उपरांत ही कई विधायकों और मंत्रियो से मन की बात की थी। उन्होंने विधायकों और कई नेताओं के साथ वन टू वन चर्चा कर कई नई चर्चाओं को सामने ला दिया है।
बताते है कि दिल्ली से रायपुर पहुंचे नेताओं ने अधिवेशन स्थल का जायजा लेने के बाद मोहन मरकाम के साथ ही मीडिया को सम्बोधित भी किया। इस दौरान साहब दूर-दूर नजर आये बताते है कि चार साल में ऐसा पहली बार हुआ है। किसी अन्य महत्वपूर्ण नेता का इंतजार किये बगैर ही मोहन मरकाम के साथ तारिक अनवर, पवन बंसल और केसी वेणुगोपाल मीडिया से मुखातिब हुए। हलाकि इस दौरान पहली पंक्ति में खड़े नेताओ में नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया चेहरें पर मुस्कान बिखेरते दिखाई दिए। ये तस्वीर सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रही है।
रायपुर में कांग्रेस की नब्ज टटोलने पहुंची प्रदेश प्रभारी शैलजा द्वारा पार्टी अध्यक्ष मोहन मरकाम की जमकर तारीफ ने कई नेताओ की नींद उड़ा दी है। शैलजा के पीठ थपथपाते ही पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल, वरिष्ठ नेता तारिक अनवर और पवन बंसल ने भी अधिवेशन की तैयारियो का जायजा लेने के बाद मोहन मरकाम को जमकर तवज्जो दी। यही नहीं राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस की यात्रा निकालने और अधिवेशन की तैयारियो के लिए मोहन मरकाम को ही बधाई देते नजर आये।
सूत्र बताते है कि नवा रायपुर की एक रिसॉर्ट-होटल में दिल्ली से रायपुर पहुंचे तमाम नेताओ ने राहुल गाँधी के कई संदेशो से सिर्फ मरकाम को ही अवगत कराया है। इसके बाद मरकाम की ताजपोशी ने राजनैतिक गलियारों ने खलबली मचा दी है।
सूत्र दावा कर रहे है कि पार्टी आलाकमान ने मोहन मरकाम का कद-काठी,आकार और प्रकार बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी है। बताते है कि आने वाले दिनों राजधानी रायपुर से लेकर दिल्ली तक मोहन मरकाम किसी नई बड़ी जिम्मेदारी सँभालते भी नजर आ सकते है। टीम आरजी, मतलब राहुल गाँधी के कई विश्वासपात्रो ने इसकी तस्दीक कर पार्टी के भीतर नई चर्चा छेड़ दी है।
इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से जारी फरमान में मोहन मरकाम को मिली बड़ी जिम्मेदारी ने ऐसी चर्चाओं को और बल दे दिया है। पार्टी के एक परिपत्र में प्रदेश कॉंग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम को राष्ट्रिय अधिवेशन की रिसेप्शन कमेटी का चेयरमैन बनाया है। जबकि को’चेयरमैन भूपेश बघेल बनाए गए है।कांग्रेस की इस प्रेस रिलीज को देखकर पार्टी के ही कई नेताओ को हैरानी हो रही है। देंखें परिपत्र
उनकी एक लाइन की दलील है,खर्चे सीएम साहब के चर्चे अध्यक्ष जी के। बताते है कि अधिवेशन की कामयाबी और तैयारियों की नीवं में भूपेश बघेल की महत्वपूर्ण भूमिका है। जबकि कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम “साहब के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर संगठनात्मक गतिविधियों को आगे ले जाने का कार्य कर रहे है। बताते है कि अधिवेशन में करोडो खर्च होंगे। देशभर के कई बड़े नेताओ का जमावड़ा लगेगा पार्टी आलाकमान समेत तमाम बड़े नेताओ की अगुवाई रिसेप्शन कमेटी के चेयरमैन होने के नाते मोहन मरकाम करेंगे।
हालांकि इस प्रेस रिलीज में ऑर्गेनिजिंग कमेटी में विशेष आमंत्रितों में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और हिमांचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुखु का नाम शामिल है।यहाँ तक तो कई नेताओ को परिपत्र ठीक-ठाक नजर आया। लेकिन जब उनकी निगाहें रिसेप्शन कमेटी के चेयरमैन और को’चेयरमैन पर पड़ी तो ऑंखें चौंधियाँ गई,अनायास उनके मुख से निकल पड़ा “खर्चे हमारे साहब के,चर्चे मरकाम साहब के” वाह जी वाह…