रिपोर्टर – नईम खान
मुंगेली वेब डेस्क / सड़क दुर्घटना और अन्य किसी हादसे से बच निकले तो जहरीले सांप उस मजदुर को डसेंगे, किसी न किसी सूरत में बेबस मजदुर की मौत तो तय है | हालांकि वो भाग्यवान है जो कठोर परिश्रम और सिस्टम से दो दो हाथ करते हुए अपने घरों तक सुरक्षित पहुंचे है | ये कहानी उस श्रमिक की है, जो पुणे से सुरक्षित अपने घर लौटा | लेकिन अपने जिले में प्रशासन की लापरवाही का शिकार हो गया | दरअसल प्रशासन ने उस भवन को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया था जहाँ जहरीले नाग साँपों का ठिकाना था | बगैर किसी तैयारी के यहाँ मजदूरों को ठहरा दिया गया | स्थानीय कर्मियों ने कई बार नाग साँपों को इस क्वारेंटाइन सेंटर में विचरण करते हुए देखा | इसकी सूचना भी जिम्मेदारों को दी | लेकिन स्थानीय प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रेंगी | जब सर्पदंश की घटना हुई और यह मजदूर बेमौत मारा गया | तब हर कोई घड़ियाली आंसू बहाता नज़र आ रहा है |
कोरोना की वजह से जारी लॉक डाउन में सबसे ज्यादा परेशानी गरीब मजदूरों को ही उठानी पड़ रही है | दूसरे राज्यों से कई मील का सफर पैदल ही तय कर योगेश वर्मा अपने गृह ग्राम जाने का सपना संजोए इन मजदूरों के साथ पलायन तो कर लिया | यहाँ पहुँचाने पर उन्हें जिलों में क्वारेंटाइन सेंटर पर दो हफ़्तों के लिए रखा गया था, लेकिन सेंटर में प्रशासन की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है | क्वारेंटाइन सेंटर में जमीन पर सो रहे योगेश वर्मा को देर रात एक जहरीले सांप ने काट लिया | जिससे उसकी मौत हो गई |
दरअसल यह मामला छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के कोतवाली थाने इलाके के किरना गांव का है | शनिवार को पूणे से लौटने के बाद योगेश वर्मा नाम के मजदूर को किरना पंचायत भवन के क्वारेंटाइन सेंटर में ठहराया गया था | जहां सोने के लिए पलंग की व्यवस्था नहीं की गई थी | जिस कारण बेबस मजदूर योगेश वर्मा जमीन पर ही सो गया |
रविवार तड़के मजदूर योगेश को जहरीले सांप ने डस लिया | तत्काल आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई | वहीं घटना के बाद वहां मौजूद लोगों ने सांप को भी मार डाला है | यदि क्वारंटाइन सेंटर में सोने के लिए बेड की व्यवस्था होती तो शायद उसकी जान बच जाती |
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मुंगेली एसडीएम चित्रकान्त चार्ली ठाकुर ने इस घटना को प्राकृतिक करार देते हुए कहा है कि क्वारेंटाइन सेंटरों में दोबारा कोई मजदूर बाहर न सोये इसके लिए विशेष रुप से ध्यान देने पंचायत को निर्देशित किया जाएगा | फिलहाल मृतक के परिजन को 10 हजार रुपये की तात्कालिक सहायता राशि दी गई है | आगे प्रकरण के तहत 4 लाख की मुआवजा राशि शासन द्वारा प्रदान की जाएगी |