PM मोदी और देश का बैंक, 9 साल में 10 लाख करोड़ वसूला गया बैंकों का डूबा कर्ज, बड़े डिफॉल्टर्स से होगी वसूली, छोड़ेंगे नहीं, वित्तमंत्री सीतारमण का एलान, हैरत में विपक्ष….

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नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीएम मोदी और बीजेपी की रीति – नीति को लेकर विपक्ष को करारा जवाब दिया है। उधर सीतारमण के इस बयान के घंटों बाद भी कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। राजनैतिक अखाड़ों से मिली जानकारी के मुताबिक बैंको की हालातों को लेकर वित्तमंत्री के बयान के बाद विपक्ष की बोलती बंद है। अभी तक इंडिया गठबंधन के कई नेता बैंकों की ख़राब हालात को लेकर मोदी सरकार को कोस रहे थे।

आज वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत सरकार ने विभिन्न सुधारों और बेहतर प्रशासन के जरिए बैंकिंग क्षेत्र का कायापलट किया है. इसके दम पर बैंकों ने 2014 से 2023 के बीच 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक डूबे हुए कर्ज की वसूली की है. उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने करीब 1,105 बैंक धोखाधड़ी मामलों की जांच की है, जिसके परिणामस्वरूप 64,920 करोड़ रुपये की अपराध से अर्जित आय जब्त की गई है. दिसंबर 2023 तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) को 15,183 करोड़ रुपये की संपत्ति वापस कर दी गई है.

सीतारमण ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ हाल ही में, भारत के बैंकिंग क्षेत्र ने तीन लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार करते हुए अपना अब तक का सबसे अधिक शुद्ध लाभ दर्ज करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की. ​​प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मजबूत और निर्णायक नेतृत्व के दम पर बैंकिंग क्षेत्र का कायापलट हुआ. हमारी सरकार ने व्यापक तथा दीर्घकालिक सुधारों के जरिए बैंकिंग क्षेत्र में संप्रग के पापों का प्रायश्चित किया.’’

‘कर्ज वसूली में कोई ढील नहीं की’
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने डूबे हुए कर्ज (खासकर बड़े डिफॉल्टर से) की वसूली में कोई ढील नहीं बरती और यह प्रक्रिया जारी है. मंत्री ने कहा, ‘‘ यह दुख की बात है कि विपक्षी नेता अब भी ‘राइट-ऑफ’ और माफी के बीच अंतर नहीं कर पा रहे हैं. आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार ‘राइट-ऑफ’ के बाद बैंक सक्रिय रूप से डूबे हुए कर्ज की वसूली करते हैं. किसी भी उद्योगपति के ऋण को ‘‘माफ’’ नहीं किया गया है. 2014 से 2023 के बीच बैंकों ने खराब ऋणों से 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की है.’’

इस क्षेत्र के कुप्रबंधन के लिए कांग्रेस नीत संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां) संकट के ‘‘बीज’’ कांग्रेस नीत संप्रग काल में ‘‘फोन बैंकिंग’’ के जरिए बोए गए थे, जब संप्रग नेताओं तथा पार्टी पदाधिकारियों के दबाव में अयोग्य व्यवसायों को ऋण दिए गए.’’ मंत्री ने कहा, ‘‘ मोदी सरकार हमारी बैंकिंग प्रणाली को मजबूत और स्थिर करने के लिए निर्णायक कदम उठाना जारी रखेगी तथा यह सुनिश्चित करेगी कि बैंक 2047 तक विकसित भारत के वृद्धि पथ पर भारत का समर्थन करें.’’