कोरोना वायरस और बर्डफ्लू की आशंका से लोगों ने चिकन से किया तौबा, कई पोल्ट्री फॉर्म और हैचरी में मुर्गी – चूजों का मरना अभी भी जारी, अब अंडे का नो फंडा, मुर्गी के अंडे से भी डरने लगे लोग   

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रायपुर | छत्तीगढ़ में कोरोना वायरस और बर्डफ्लू की आशंका से हज़ारों लोगो ने चिकन से तौबा कर लिया है | उन्हें इस बात की चिंता है कि कही वे किसी बीमारी या वायरस का शिकार न हो जाये | राज्य के तमाम कुक्कुट पालन सेंटर, हैचरी और पोल्ट्री फॉर्म में कार्यरत कर्मचारी भी संक्रमण की आशंका से ग्रषित है | उन्हें इस बात की चिंता ज्यादा सता रही है कि सिर्फ कोरोना वायरस ही नहीं बल्कि मुर्गे-मुर्गियों में होने वाले आम संक्रमण को लेकर भी कोई सतर्कता नहीं बरती जा रही है | पोल्ट्री फॉर्म के ज्यादातर संचालक ज्यादा मुनाफ़ा कमाने के चक्कर में ना तो कीट नाशक  दवाओं का इस्तेमाल कर रहे है, और ना ही संक्रमण से चूजों को बचाने के लिए गंभीर है | रायपुर – भिलाई रोड स्थित तीन अलग-अलग चिकन सेंटर में शुक्रवार को डेढ़ सौ से अधिक मुर्गे – मुर्गियों की अचानक हुई मौत से, दुकान संचालक और ग्राहक हैरत में है | हालाँकि ग्राहकों के आपत्ति करने के बाद दुकान संचालकों ने फ़ौरन उन मुर्गे – मुर्गियों को जमीन में दफनाने के निर्देश अपने कर्मियों को दिए | 


कोरोना वायरस के खौफ और बर्डफ्लू की आशंका के बावजूद राज्य के ज्यादातर पोल्ट्री फॉर्म में लापरवाही का नज़ारा दिखाई दे रहा है | यहाँ कार्यरत कर्मचारी ना तो हेंड ग्लोब्स, मास्क और एप्रेन का उपयोग कर रहे है, और ना ही भारत सरकार के निर्धारित मापदंडो का पालन करने में कोई रूचि दिखा रहे है | पोल्ट्री फॉर्म से लेकर गली चौराहों में संचालित चिकन सेंटर में साफ – सफाई पर भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है | इसके चलते संक्रमण की आशंका बनी हुई है |   

उधर कोरिया जिले के बैकुंठपुर में 13 हज़ार से ज्यादा बेमौत मरने वाले मुर्गे-मुर्गियों- चूजों की मौत की असल वजह अब तक सामने नहीं आई है | लेकिन ये खबर भी तेजी से फ़ैल रही है कि सिर्फ संक्रमण मुर्गे – मुर्गियों – चूजों तक में सीमित नहीं था बल्कि मुर्गी के अण्डों से भी अजीब सी बदबू आ रही थी | अंडे के शौकिनो के मुताबिक इस दौरान उन्हें अंडे खाने पर उल्टी का अहसास और पेट खराब होने की शिकायत भी  रही | हालाँकि शासन प्रशासन ने सिर्फ चूजों की सुध ली और उनके सेम्पल लेबोटरी भेजे गए | अंडे की गुणवक्ता को लेकर कोई जाँच नहीं की गई |  


बैकुंठपुर के शासकीय कुक्कुट प्रक्षेत्र सकालो में 13 हज़ार से ज्यादा चूजों की मौत की वजह अब तक सामने नही आई है | इसके चलते सरकार की चिंता और बढ़ गई है | अब इन चूजों की मौत की असल वजह पुणे की लैब की रिपोर्ट से हो सकेगी और यह रिपोर्ट एक -दो दिन के भीतर पहुंचने की उम्मीद है | हाल ही में शासकीय कुक्कुट प्रक्षेत्र सकालो में चूजों की बड़े पैमाने पर मौत हुई थी | विभागीय सूत्रों के अनुसार कुक्कुट प्रक्षेत्र में एक फरवरी से अब तक मरने वाले चूजों की संख्या 13 हजार के करीब पहुंच गई है | चूजों की मौत को रोकने अथवा उनके उपचार के लिए पशु चिकित्सा विभाग द्वारा क्या व्यवस्था की गई है | इसकी जानकारी भी विभाग के अधिकारी नहीं दे पा रहे है | लिहाजा चिकन के शौकीनों ने इससे तौबा करना ही मुनासिब समझा है |