दिल्ली /रायपुर /बेंगलुरु – घरेलु उड़ानों से सफर करने वाले यात्रियों के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है | अब उन्हें आवाजाही के दौरान उन राज्यों के नियमों का पालन करना होगा | यह उन पर भारी भी पड़ सकता है , क्योकि उन्हें 7 से 14 दिनों तक क्वारंटाइन रहना होगा | या तो सरकारी क्वारंटाइन सेंटर में शरण लेनी होगी या फिर प्राइवेट-पेड क्वारंटाइन होना पड़ेगा | दोनों ही सूरत में उनकी हवाई यात्रा मुसीबत भरी हो सकती है | कर्नाटक सरकार ने तो बकायदा आदेश जारी कर दिया है | और आधा दर्जन राज्यों के यात्रियों को संदेह के दायरे में ला खड़ा किया है | कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक प्रवीण सूद ने कहा कि महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु, दिल्ली और मध्य प्रदेश से आने वाली घरेलू उड़ान यात्रियों को 7-दिवसीय क्वारंटाइन से से गुजरना होगा। इसके बाद उन्हें हों आयसोलेशन में रहना होगा।
वही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी साफतौर पर कहा है कि घरेलू उड़ान शुरू होने से संक्रमण फैलने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता | उन्होंने हवाई यात्रा करने वालों को राज्य में 14 दिनों तक सरकारी या पेड क्वारंटाइन सेंटर में अनिवार्य रूप से भेजे जाने की वकालत की है | इस बारे में उन्होंने केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र भी लिखा है | बघेल ने पत्र में लिखा है कि विभिन्न प्रिंट, इलेक्ट्रानिक एवं सोशल मीडिया के माध्यम से संज्ञान में आया है कि आपके द्वारा 25 मई 2020 से घरेलू उड़ान प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। यह भी जानकारी दी गई है कि नागरिक उड्यन मंत्रालय द्वारा यात्रियों के आवागमन के लिए पृथक से स्टैंडर्ड आॅपरेटिंग प्रोसीजर भी जारी नहीं किया गया है।
बघेल ने पत्र में लिखा है कि गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अंतर्गत 18 मई 2020 से प्रारंभ लाॅकडाउन फेज-4 कि अवधि में उड़नों को प्रतिबंधित किया गया है। विगत कुछ दिनों से देश में कोविड-19 से संक्रमितों की संख्या में तेजी देखी गई है। ऐसी स्थिति में उड़ान शुरू करने से संक्रमण फैलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। कोविड-19 महामारी के रोकथाम तथा संक्रमण से बचाव की दृष्टि से नागरिक उड्यन मंत्रालय को प्रभावी उपायों एवं दिशा निर्देशों के अंतर्गत ही उड़ान संचालन प्रारंभ करना चाहिए।
उधर कोरोना और लॉकडाउन के चौथे फेज के बीच सोमवार से घरेलू फ्लाइट शुरू होनी हैं। ऐसे में एयपोर्ट अथोरिटी ऑफ इंडिया ने इसको लेकर लंबी चौड़ी एसओपी जारी की है।हालांकि विमानन मंत्रालय ने इसके फाइनल होने पर मुहर नहीं लगाई है। विमानन मंत्रालय ने कहा है कि एयरपोर्ट काउंटरों पर कोई चेक-इन नहीं लिया जाएगा। केवल वेब चेक-इन वाले यात्री ही एयरपोर्ट में प्रवेश कर सकते हैं। मंत्रालय ने कहा कि उड़ान में केवल एक चेक-इन बैग की अनुमति होगी। एयरलाइंस उड़ानों में भोजन सेवाएं प्रदान नहीं करेंगी। साथ ही मंत्रालय ने कहा कि COVID-19 महामारी के दौरान केंद्र सरकार की बात का पालन करते हुए। निर्धारित किराए की निचली और ऊपरी सीमा का ध्यान रखा जाएगा।
उड़ान के प्रस्थान के लिए निर्धारित समय से कम से कम दो घंटे पहले हवाई अड्डे पर पहुंचने की बात एयरलाइंस को यात्रियों को सूचित करनी होगी। उड़ान से 60 मिनट पहले ही बोर्डिंग शुरू कर दी जाएगी और 20 मिनट पहले गेट बंद कर दिए जाएंगे। यात्रियों को थर्मल जांच की जानी चाहिए और 14 साल से कम उम्र के बच्चों को छोड़कर सबके मोबाइल पर आरोग्य सेतु होना चाहिए। ऐप में यदि वे “ग्रीन” नहीं दिखते हैं तो उन्हें अनुमति नहीं दी जाएगी।एसओपी के अनुसार यात्रियों को फ्लाइट प्रस्थान से दो घंटे पहले हवाई अड्डे पर पहुंचना होगा। जिन यात्रियों की उड़नें चार घंटे के भीतर हैं तो ही उन्हें टर्मिनल बिल्डिंग में जाने की अनुमति दी जाएगी। साथ ही राज्य सरकारों और प्रशासन को यात्रियों और एयरलाइन चालक दल के लिए सार्वजनिक परिवहन और निजी टैक्सियों को सुनिश्चित करना है। इसके अलावा केवल निजी वाहनों या चुनिंदा कैब सेवाओं को यात्रियों और कर्मचारियों को हवाई अड्डे लाने या ले जाने की अनुमति होगी। सभी यात्रियों को मास्क और दस्ताने पहनने होंगे यात्री के बैठने की जगह में भौतिक गड़बड़ी के लिए, कुर्सियों को टेप या चिह्नित किया जाना चाहिए। फ़िलहाल राज्य सरकारों के यात्रियों के क्वारंटाइन किये जाने के फैसले से विमानन कंपनियां भी सकते में है | लंबे दिनों बाद विमान रनवे में आया ही कि यात्रियों पर नई मुसीबत टूट पड़ी है | इस वजह से कई यात्री टिकट रद्द करने या यात्रा स्थगित करने पर विचार कर रहे है |