छत्तीसगढ़ में हुक्काबार बंद करने के फैसले से पालकों , अभिभावकों और शिक्षकों ने ली राहत की सांस , हुक्काबार संचालको की चोरी छिपे हुक्का पिलाने की नई तिकड़म , नशे के अड्डों का होने लगा अब नाम परिवर्तन 

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रायपुर / छत्तीसगढ़ में हुक्काबार बंद करने के फैसले का स्वागत हो रहा है | लंबे समय से इस पर प्रतिबंध लगाने की चली बहस के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पर आखिरकर रोक लगा दी | मंत्री परिषद के फैसले की खबर जैसे ही आम लोगों तक पहुंची , उन्होंने इसे सरकार का वाजिब कदम करार देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पीठ थप-थपाई | कई शिक्षकों , अभिभावकों और पालको ने इसके लिए सरकार को धन्यवाद भी दिया | पीड़ित परिवारों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में नशे के कारोबार ने तेजी से युवा पीढ़ी को अपनी गिरफ्त में लिया है | उनके मुताबिक नशे के सौदागर स्थानीय पुलिस के साथ सांठगाठ कर रातभर उनके बच्चों को हुक्का पिला रहे थे | उनके बच्चे भी इस लत का शिकार होने के बाद चोरी छिपे घर ने नदारत होकर नशे के अड्डों में पाए जाते थे | न्यूज टुडे छत्तीसगढ़ से चर्चा करते हुए “हुक्का बीमारी” की रोकथाम पर शिक्षकों ने भी कहा कि इस लत के चलते कई छात्रो को चोरी की आदत लग गई | हुक्काबार में दम मारने के लिए वो कभी अपने घरों से चोरी करते तो कभी आस पड़ोस में | उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रतिबंध का असर दिखना भी चाहिए | वर्ना स्थानीय पुलिस से सांठगाठ कर हुक्काबार संचालक चोरी छिपे इसे जारी रखेंगे |       

दरअसल छत्तीसगढ़ में युवाओं को नशे की गिरफ्त से दूर करने और अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए भूपेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश में वैध-अवैध तरीके से चलाए जा रहे सभी हुक्काबारों को अभियान चलाकर कड़ाई से बंद कराये जाने का दावा किया गया है | प्रदेश में हुक्काबारों के लिए कोई नियम नहीं था इसकी वजह से कई बड़े होटलों , स्थानीय बाजारों , आम रास्तों और मॉल में धड़ल्ले से नशे का यह कारोबार जोरों से चल रहा था। पुलिस और प्रशासन भी नशे के सौदागरों के खिलाफ शिकायत करने के बाद भी कार्रवाई नहीं कर पाते थे। लेकिन अब सरकार के कड़े फैसले के बाद ऐसे हुक्काबारों को बंद किया जा सकेगा। होटल , मॉल , आम रास्तों और रेस्टारेंट में संचालित हुक्काबार के संचालक भी इस कठोर नियम के दायरे में आएंगे | अभी तक वे केवल गुमाश्ता लाइसेंस लेकर ही बेरोक-टोक कारोबार कर रहे थे । 

छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में 500 से ज्यादा छोटे बड़े हुक्काबार है | अकेले राजधानी रायपुर की 120 से ज्यादा होटल और रेस्टोरेंट में अवैध हुक्का बार धड़ल्ले से चल रहे हैं। इनके पास केवल गुमास्ता लाइसेंस है | लेकिन उसकी आड़ में होटल और रेस्टारेंट संचालकों ने हुक्का बार खोल दिया है । राज्य में हुक्काबार के संचालन का कोई नियम नहीं होने का फायदा उठाकर बार संचालक नाबालिग और स्कूली बच्चों तक को एंट्री दे रहे हैं। बदले में उन्हें इनसे बतौर बिल मोटी रकम प्राप्त होती है | नियम ना होने से प्रशासन और पुलिस भी नशे के अड्डों पर सीधे कार्रवाई नहीं कर पाते थे | नियमों में पेंच होने का फायदा उठाकर होटल-रेस्टारेंट वाले धड़ल्ले से हुक्का बार चला रहे हैं। लेकिन अब उन पर विराम लगेगा | अब देखना होगा कि कितनी सख्ती के साथ हुक्काबार के शटर गिरते है |  फ़िलहाल तो तमाम हुक्काबार के बोर्ड हटकर उनके स्थान पर रेस्टारेंट का रंग चढ़ाया जा रहा है | यही नहीं हुक्काबार संचालकों ने ग्राहकों को सूचना भेजना शुरू कर दिया है कि उनके अड्डों में नशे का पहले जैसे इंतजाम जारी रहेगा |