अंबिकापुर / छत्तीसगढ़ के मैनपाट में शुक्रवार से शुरू हुआ महोत्सव पहले दिन ही हंगामे की भेंट चढ़ गया। देर रात भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव के कार्यक्रम में पुलिस ने जमकर लाठियां चलाईं। इसके चलते भगदड़ मच गई और कई महिलाएं घायल हो गई हैं। खेसारी लाल यादव ने मंच से गुहार भी लगाई कि कृपया लाठी न चलाये ये इनका प्यार है पर प्रशासन पर इस बात का कोई असर नही हुआ | इसके बाद एक्टर कार्यक्रम को बीच में छोड़कर चले गए। बेतहाशा लाठीचार्ज में महिलाओं, बुजुर्गों और कई लोगों को चोटें आई जिनको पहुंचाने के लिए एंबुलेंस तक मैनपाट महोत्सव में मौजूद नहीं था। इतने बड़े आयोजन में एंबुलेंस तक ना होना आयोजन की खामी को साफ साफ दर्शा रहा है और प्रशासन की पोल खोल रहा है।
दरअसल, शुक्रवार शाम को ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महोत्सव का शुभारंभ किया था। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू हो गए। देर रात भोजपुरी सुपर स्टार खेसारी लाल यादव मंच से अपनी प्रस्तुति दे रहे थे। इसी दौरान झूमती हुई भीड़ अनियंत्रित हो गई। बताया जा रहा है कि पुलिस को भीड़ को नियंत्रित नहीं कर सकी और विवाद हो गया। बात इतनी बढ़ी कि पुलिस ने लोगों पर लाठियां चलाना शुरू कर दिया। इसके चलते वहां भगदड़ मच गई।
दरअसल, 12 फरवरी यानी कल मैनपाट महोत्सव का पहला दिन था। जिसमें स्तुति जायसवाल, दिलीप षड़ंगी और करण रंधावा जैसे गायकों ने अपनी प्रस्तुति दी। रात का कार्यक्रम भोजपुरी के सुपरस्टार खेसारी लाल यादव का था। जो अपनी प्रस्तुति दी रहे थे। लेकिन इसी बीच पुलिस की एक टुकड़ी ने दूर-दूर से प्रोग्राम देखने आए पब्लिक पर लाठी बरसाना शुरू कर दिया। और पुलिस की लाठी से कई लोग घायल हो गए है। लाठी चार्ज के दौरान का सोशल मीडिया में वीडियो भी वायरल हो रहा है। जिसमे सरगुज़ा की पुलिस का कारनामा साफ़ तौर पर कैद हो गया है।
ये भी पढ़े : इस छोटी सी बच्ची को पति के पास जाना है , फूट-फूटकर रोते हुए बच्ची पूछ रही – ‘मेरे पति कहां गए , बच्ची की मासूमियत भरी बातें सुनकर हंस हंस कर आप भी हो जाएंगे लोट पोट , देखे मजेदार वीडियों
हालात बेकाबू होते देख एक्टर खेसारी लाल ने भी मंच से लोगों पर लाठियां नहीं चलाने की अपील की। कहा, कृपया दर्शकों पर लाठी ना चलाएं। वे (दर्शक) हैं तो ही खेसारी लाल यादव जिंदा है, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उनकी अपील को भी दरकिनार कर दिया और लगातार दर्शकों पर डंडे बरसते रहे। इसके बाद दर्शकों ने भी जमकर हंगामा किया और कुर्सियां फेंकनी शुरू कर दी। करीब 500 कुर्सियां तोड़ दीं और वहां लगे पोस्टर फाड़ दिए।मची भगदड़ के बाद अंबिकापुर SDM अजय त्रिपाठी शांति व्यवस्था बनाने की कोशिश में लगे रहे। हंगामा थोड़ा शांत हुआ, लेकिन तब तक कई महिलाएं और लोग घायल हो चुके थे। उन्हे अस्पताल ले जाने तक की व्यवस्था नहीं थी। इसके चलते लोगों की SDM से बहस भी हुई |