छत्तीसगढ़ में NSA कानून लागू ?

0
10

छत्तीसगढ़ में अब आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस को बड़ा अधिकार मिला है,अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि कई महीनो तक पुलिस और प्रशासन किसी को भी जेल में बंद कर सकता है भूपेश बघेल सरकार का नया कानून सुर्खियों में है,सोशल मीडिया में वायरल हो रहे इस राजपत्र की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।हालाँकि सोशल मीडिया में वायरल हो रहे इस राजपत्र को लेकर विपक्षी दलों के कई नेता संशय जाहिर कर रहे है। 

रायपुर : छत्तीसगढ़ में NSA कानून को लागू करने का एक फरमान तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। यह राजपत्र का हिस्सा बताया जा रहा है।छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के नाम से जारी इस राजपत्र के निचले हिस्से में आदेशानुसार डीपी कौशल का नाम इसमें अंकित है। हालाँकि इसमें उनके हस्ताक्षर ना होने से इस राजपत्र की वैधानिकता को लेकर सवाल खड़े हो रहे है। न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ को भी यह राजपत्र सोशल मीडिया के जरिए प्राप्त हुआ है। इसकी पुष्टि के लिए कई प्रयास किए गए,लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई।

बताया जाता है कि नोटिफिकेशन में जारी होने की तिथि 03 जनवरी 2023 दर्ज है। जबकि इसे 3 माह की अवधि मार्च महीने तक प्रभावशील रहने की अवधि दर्ज की गई है। इस राजपत्र में कहा गया है कि प्रदेश में साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए इसे लागू किया गया है। उधर,मुख्य विपक्षी दल बीजेपी और सत्ताधारी कांग्रेस एवं सरकार की ओर से इस नोटिफिकेशन को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।

उधर एक जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में साम्प्रदायिकता भड़काने वालों पर सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा कानून-रासुका लगाने जा रही है। इसके लिए सभी जिला कलेक्टरों को अधिकृत कर दिया गया है। इस कानून के तहत पुलिस ऐसे व्यक्तियों को एक साल तक हिरासत में रख सकती है। इसमें जमानत भी मुश्किल होगी। बताया जा रहा है कि नारायणपुर में हुई साम्प्रदायिक हिंसा के बाद सरकार को पूरे प्रदेश में ऐसी घटनाओं की साजिश के इनपुट मिले थे।

ये भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ में कलेक्टर रानू साहू की भ्रष्टाचार की माया

सोशल मीडिया में वायरल हो रहे राजपत्र में सभी 33 जिलों के कलेक्टरों-जिला मजिस्ट्रेट को आदेश दिया गया है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा कानून-रासुका की धारा-तीन-2 से मिले शक्तियों का प्रयोग एक जनवरी से 31 मार्च 2023 तक की अवधि में कर सकते हैं। अधिवक्ता फैसल रिजवी बताते हैं कि अगर सरकार को ऐसा लगता है कि किसी व्यक्ति अथवा समूह से राष्ट्रीय सुरक्षा अथवा लोक व्यवस्था को गंभीर खतरा है तो वह मजिस्ट्रेट को इसके लिए अधिकृत कर सकता है।

ये भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ में बड़ी कार्यवाही की ओर ED, सौम्या चौरसिया मामले की उच्च स्तरीय जाँच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश ?, रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू के भी तबादले के बढे आसार