परमाणु धमकी भी नहीं आई काम , पाकिस्तान भारत से द्विपक्षीय बातचीत को तैयार |

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नई दिल्ली / कश्मीर मसले पर कूटनीतिक हार के बाद पाकिस्तान अब भारत में सामने बातचीत के लिए गिड़गिड़ाया है | पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत के सामने बातचीत की पेशकश की और कहा है कि हम भारत के साथ द्विपक्षीय बातचीत को तैयार हैं |  साथ ही उन्‍होंने कहा कि भारत के साथ युद्ध कोई विकल्‍प नहीं है. बता दें कि कल ही में पाकिस्‍तान के पीएम इमरान खान ने भारत के साथ कोई बातचीत न करने और युद्ध की गीदड़भभकी दी है. यानि इमरान और उनके विदेश मंत्री के बीच इस मसले पर एक राय नहीं है |  

दरअसल, शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि ‘पाकिस्‍तान ने कभी भी भारत के साथ बातचीत से इनकार नहीं किया है | हम भारत से द्विपक्षीय बातचीत के लिए तैयार हैं | भारत से युद्ध कोई विकल्‍प नहीं है’ | 

उल्‍लेखनी है कि शुक्रवार को ही पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर भारत को युद्ध की गीदड़भभकी दी |  इमरान खान ने पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर (पीओके) के मामले में कहा है कि मोदी सरकार अगर पीओके पर कुछ भी करेगी तो पाकिस्‍तान भी तैयार रहेगा | उन्‍होंने कहा कि दो परमाणु शक्तियों (भारत और पाकिस्‍तान) में युद्ध होगा तो इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा | इमरान खान ने कहा था कि कश्मीर पर अब फैसले का वक्त आ गया है |  कश्मीर पर भारत से बात की तो, आतंकवाद का आरोप लगा दिया गया | उन्होंने कहा कि कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाकर भारत ने बहुत बड़ी गलती की है |  उन्होंने कहा कि भारत हम पर आतंकवाद फैलाने का आरोप लगाने का मौका ढ़ूंढता रहता है | 

दरअसल कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान ने जितना हो सके दुनिया को बरगलाने की कोशिश की | पाकिस्तान दुनिया के ताकतवर मुल्कों के पास गया, इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी से गुहार लगाई | मानवाधिकार संगठनों के पास जम्मू-कश्मीर की झूठी कहानी सुनाई, लेकिन पाकिस्तान के रुख और पुराने रिकॉर्ड से वाकिफ दुनिया ने हमारे पड़ोसी का तर्क न सिर्फ मानने से इंकार कर दिया, बल्कि रूस, फ्रांस, अमेरिका और यूएई जैसे देशों ने तो दो टूक कहा कि कश्मीर मुद्दा द्विपक्षीय है, और इसमें किसी के दखल की जरूरत नहीं है | इसके अलावा इन देशों ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 पर लिया गया फैसला भारत का आंतरिक मामला है |